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December 11, 2025

हर Indians की शक्ति का राज: क्या chyawanprash सच में बढ़ाता है Immunity और Energy? आइए जानते हैं

The CSR Journal Magazine
च्यवनप्राश भारतीय घरों में दशकों से स्वास्थ्य और पोषण का हिस्सा रहा है। आयुर्वेद में इसे “रसायन” कहा गया है, जो शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता और श्वसन समस्याओं जैसे खांसी और सर्दी से लड़ने में मदद करता है। आधुनिक शोध भी इसे ऊर्जा, स्टैमिना और इम्यूनिटी बढ़ाने वाला मानते हैं।

पोषक तत्वों से भरपूर फॉर्मूला

च्यवनप्राश में मुख्य रूप से आंवला और 40 से अधिक जड़ी-बूटियां होती हैं। आंवला गैलिक एसिड और पॉलीफेनोल्स से भरपूर है, जो शरीर की कोशिकाओं को नुकसान से बचाने और प्राकृतिक एंटी-एजिंग प्रभाव देने में मदद कर सकते हैं। इसके अलावा, इसमें मौजूद विटामिन, मिनरल और एंटीऑक्सीडेंट्स शरीर को पोषण और ऊर्जा प्रदान करते हैं।

वात, पित्त और कफ का संतुलन

आयुर्वेद में च्यवनप्राश को शरीर के तीन दोष—वात, पित्त और कफ—को संतुलित करने वाला माना गया है। यह शरीर के ह्यूमर और बायोएनर्जी को नियंत्रित करता है, जिससे पाचन, हृदय स्वास्थ्य और मानसिक स्थिरता में सुधार हो सकता है।

इम्यूनिटी बढ़ाने में प्रभावी, लेकिन जादुई नहीं

  • अध्ययन बताते हैं कि च्यवनप्राश IgG और IgM एंटीबॉडीज को बढ़ाकर इन्फेक्शन से बचाव में मदद कर सकता है।
  • यह IgE (Immunoglobulin E) स्तर को कम करके एलर्जी और हिस्टामाइन रिलीज को नियंत्रित कर सकता है।
  • यह किसी भी गंभीर बीमारी या वायरस का इलाज नहीं है। यह केवल एक सप्लीमेंट है, जो स्वस्थ जीवनशैली और संतुलित आहार के साथ शरीर की क्षमता बढ़ा सकता है।

फायदे (Benefits)

  • शरीर की प्राकृतिक इम्यूनिटी बढ़ाता है।
  • ऊर्जा और स्टैमिना में सुधार।
  • पाचन और हृदय स्वास्थ्य में मदद।
  • प्राकृतिक एंटी-एजिंग गुण।
  • सर्दियों में श्वसन संबंधी परेशानियों से राहत।

संभावित नुकसान (Side Effects)

  • बहुत ज्यादा मात्रा में लेने से शुगर या कैलोरी बढ़ सकती है, खासकर डायबिटीज़ वाले लोगों के लिए।
  • किसी को जड़ी-बूटियों या घी/तेल से एलर्जी हो सकती है।
  • बच्चों और बुजुर्गों में हमेशा सिफारिश के अनुसार ही सेवन करना चाहिए।

आधुनिक विज्ञान और पारंपरिक आयुर्वेद का संगम

च्यवनप्राश तैयार करने में आयुर्वेदिक ज्ञान और आधुनिक विज्ञान का मिश्रण है। इसमें बोटैनिकल एक्सट्रैक्ट्स, घी, तिल का तेल और मसाले शामिल हैं। यह फॉर्मूला शरीर को पोषण और इम्यूनिटी बढ़ाने में मदद कर सकता है।

हर उम्र के लिए सुरक्षित

च्यवनप्राश बच्चों, युवाओं और बुजुर्गों सभी के लिए सुरक्षित है। नियमित सेवन से यह ऊर्जा, स्टैमिना और शरीर के कमजोर टिश्यू को मजबूत करने में सहायक हो सकता है। डाबर च्यवनप्राश केवल भारतीय विरासत और आयुर्वेद का हिस्सा ही नहीं है, बल्कि यह शरीर को प्राकृतिक ऊर्जा, ताकत और प्रतिरोधक क्षमता देने में भी मदद करता है। यह इम्यूनिटी और स्टैमिना बढ़ाने में सहायक है, लेकिन इसे चमत्कारी इलाज या किसी गंभीर बीमारी की दवा नहीं माना जाना चाहिए।
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