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सीएसआर में आगे पंजाब, पिछले 5 सालों में 570 करोड़ का निवेश  

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पंजाब (PM Modi in Punjab) दौरे के बाद केंद्र सरकार और पंजाब सरकार में जंग छिड़ी है। एक दूसरे पर छींटाकशी कर रहे है। आरोप प्रत्यारोप लगाए जा रहे है, केंद्र सरकार पंजाब सरकार पर लगातार सवाल खड़े कर रही है। लेकिन इस बीच केंद्र सरकार ने पंजाब सरकार की स्तुति ही की है। केंद्र सरकार के अधीन आने वाली मिनिस्ट्री ऑफ़ कॉरपोरेट अफेयर्स के आकड़ों की मानें तो केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार पंजाब की चन्नी सरकार की बड़ाई ही कर रही है। दरअसल पंजाब में पिछले पांच सालों में सीएसआर फंड की मदद से बड़े पैमाने पर विकास के काम हुए है।

कृषक भूमि और सीमावर्ती राज्य होने के बावजूद पंजाब CSR में आगे

मिनिस्ट्री ऑफ़ कॉरपोरेट अफेयर्स के आकड़ों की मानें पंजाब में पिछले 5 सालों में 570 करोड़ का खर्च कॉरपोरेट्स द्वारा राज्य के विकास कार्यों में किया गया है। पंजाब में Corporates द्वारा CSR Funds के खर्च में लगातार इजाफा हो रहा है। आर्थिक मामलों के जानकार बताते है कि राज्य में जितना सीएसआर फंड्स का खर्च होता है राज्य में उतना ही विकास कार्य होता है। पिछले पांच सालों में कृषक भूमि से घिरे सीमावर्ती राज्य पंजाब को सर्वाधिक सीएसआर फंडिंग मिले हैं और लगातार ये ग्राफ ऊपर ही जाता नज़र आ रहा है।

पंजाब की इतिहास में सर्वाधिक सीएसआर खर्च साल 2019-20 में 191.08 करोड़ हुए

पंजाब के विकास के लिए साल 2014-15 में 55.6 करोड़ सीएसआर फंड्स खर्च किये गए वही साल 2015-16 में 69.92 करोड़ खर्च किये गए। साल 2016-17 में 75.82 करोड़ खर्च किये गए। इसके बाद पंजाब में नई सरकार बनने के बाद Corporate Social Responsibility Fund के आकड़ों में जबरजस्त इजाफा देखने को मिला। साल 2017-18 में 114.1 करोड़ रुपये खर्च किये गए और साल 2018-19 में 167.85 करोड़ खर्च हुए। पंजाब की इतिहास में सर्वाधिक सीएसआर खर्च साल 2019-20 में हुए जब ये आकड़ा लगभग 191.08 करोड़ के पास पहुंच गया। 30 सितंबर 2020 तक साल 2020-21 तक सीएसआर का ये आकड़ा 21.21 करोड़ तक पहुंचा है।

5 सालों में 570 करोड़ का सीएसआर से हुआ निवेश

कुल मिलाकर पिछले 5 सालों में 570 करोड़ का निवेश सीएसआर के जरिये पंजाब में हुए है। पंजाब के उपमुख्यमंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा ने दी सीएसआर जर्नल से ख़ास बातचीत करते हुए कहा कि “प्रोग्रेसिव पंजाब के लिए हम कॉरपोरेट्स को अनुकूल माहौल और सहूलियतें दे रहे है ताकी देश के तमाम कॉरपोरेट्स पंजाब में इंवेस्टमेंट कर सकें”।

CSR को बढ़ाने के लिए पंजाब ने बनाया है सीएसआर सलाहकार बोर्ड और प्राधिकरण

विभिन्न CSR गतिविधियों को कारगर बनाने और सभी स्टेकहोल्डर्स को शामिल करते हुए पंजाब कैबिनेट ने मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में पंजाब कॉरपोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी (सीएसआर) सलाहकार बोर्ड के गठन के साथ-साथ सीएसआर अथॉरिटी को मंजूरी भी दी है। बोर्ड और प्राधिकरण राज्य की विकास प्राथमिकताओं के अनुसार सबसे आवश्यक क्षेत्रों और परियोजनाओं में CSR फंड को सुचारू रूप से लागू करने के लिए सुनिश्चित करता है।
The CSR Journal से आगे बातचीत करते हुए Punjab के उपमुख्यमंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा (Punjab Deputy Chief Minister Sukhjinder Singh Randhawa) ने कहा कि “पंजाब के विकास के लिए सीएसआर का योगदान बहुत सराहनीय है। आर्थिक और सामाजिक क्षेत्रों में प्रगति के साथ-साथ स्वास्थ्य, शिक्षा, रोजगार, स्वच्छता, ऊर्जा जैसे विकास के पहलुओं पर भी सीएसआर से राज्य में सकारात्मक बदलाव लाया जा रहा है”।

हेल्थ, एजुकेशन, गरीबी निर्मूलन, कुपोषण, पर्यावरण पर सबसे ज्यादा CSR खर्च हुए

National CSR Portal की जानकारी के अनुसार पंजाब में हेल्थ केयर, एजुकेशन, गरीबी निर्मूलन, कुपोषण, पर्यावरण पर सबसे ज्यादा CSR स्पेंडिंग हुए है। अगर बात करें कॉरपोरेट्स की तो HPCL, Pernod Ricard, International Tractors, Trident, Talwandi Sabo Power जैसे कॉरपोरेट्स ने खूब काम किया है। पंजाब जीडीपी के मामले में देश का 15 वां सबसे बड़ा राज्य है, संयुक्त राष्ट्र सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) पर शीर्ष प्रदर्शन करने वाले राज्यों में से एक है। कृषि राज्य का समग्र एसडीजी स्कोर 68 है। पंजाब एक सीमा और कृषि प्रधान राज्य है। पंजाब में भले बड़े उद्योग नहीं हैं लेकिन राज्य उद्यमिता, बड़े दिल वाले परोपकार और सीएसआर में जरूर आगे है।