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महाराष्ट्र के हाथों से फिसला वेदांता-फॉक्सकॉन का सौदा

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तारीख थी 13 सितंबर 2022, दोपहर के 12 बजने में कुछ ही मिनट बाकी थे कि वेदांता रिसोर्सेस लिमिटेड के चेयरमैन अनिल अग्रवाल (Anil Agrawal) की तरफ से एक ट्वीट आता है कि वेदांता-फॉक्सकॉन (Vedanta-Foxconn) सेमीकंडक्टर प्लांट गुजरात में लगाया जाएगा। इस ट्वीट के बाद महाराष्ट्र की राजनीति गरमा गयी। इस घोषणा के बाद महाराष्ट्र के विपक्षी दलों ने राज्य की एकनाथ शिंदे सरकार पर निशाना साधा है। महाराष्ट्र में मुख्य विपक्षी एनसीपी ने बीजेपी शासित पड़ोसी राज्य गुजरात पर महाराष्ट्र के मुंह से निवाला छीनने का आरोप लगाया। एनसीपी प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व मंत्री जयंत पाटिल ने कहा कि एक बड़ा प्रोजेक्ट राज्य के हाथ से फिसल गया और एक लाख करोड़ रुपये से अधिक का निवेश चला गया।

वेदांता-फॉक्सकॉन से बड़ा प्रोजेक्ट महाराष्ट्र में लेकर आएंगे – सीएम एकनाथ शिंदे

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे (CM Eknath Shinde) पर निशाना साधते हुए शिवसेना नेता आदित्य ठाकरे ने कहा कि जब महाविकास आघाड़ी सरकार सत्ता में थी तो प्रोजेक्ट की पुरजोर वकालत की थी और लगभग तय हो गया था कि प्लांट महाराष्ट्र में लगेगा। आदित्य ठाकरे ने ट्वीट कर कहा कि, ‘मौजूदा सरकार निवेशकों का विश्वास खो चुकी है, इसलिए बड़ी परियोजनाएं यहां नहीं आ रहीं।’ ठाकरे ने कहा कि एमवीए सरकार कंपनी के साथ संपर्क में थी और इस साल जनवरी में उसके अधिकारियों के साथ बैठक भी हुई थी। उन्होंने शिंदे सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, सरकार क्या कर रही थी? उद्योग मंत्री क्या कर रहे थे? मुख्यमंत्री कार्यालय ने 26 जुलाई को ट्वीट किया कि प्लांट महाराष्ट्र में लगेगा।’

गुजरात ने महाराष्ट्र से छीना वेदांता-फॉक्सकॉन परियोजना

इस मुद्दे पर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने The CSR Journal से बातचीत करते हुए बताया कि वो और डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस की अनिल अग्रवाल के नेतृत्व वाले वेदांता समूह के अधिकारियों से मुलाकात हुई थी और पुणे के पास तालेगांव में निवेश के बारे में ऑफर दिया गया था। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने ये भी बताया कि महाराष्ट्र सरकार वेदांता समूह को प्रोजेक्ट के लिए जो भी जरूरत सहूलियतें थी वो भी देने को तैयार थी। वेदांता-फॉक्सकॉन के मुद्दे पर जब The CSR Journal ने सीएम से सवाल किया कि क्या फिर से ये प्रोजेक्ट महाराष्ट्र में लाने की कोशिश करेंगे तो उनका जवाब हां था।
इस विवाद पर महाराष्ट्र के उद्योग मंत्री उदय सामंत ने The CSR Journal से बातचीत करते हुए बताया कि #VedantaFoxconn सेमीकंडक्टर प्लांट गुजरात में चला गया इस बाबत महाराष्ट्र सरकार को दुःख है लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एकनाथ शिंदे को ये आश्वषित किया है कि महाराष्ट्र में जल्द ही इससे बड़ा प्रोजेक्ट दिया जायेगा। बहरहाल 2015 की शुरुआत में कंपनियों के एक संयुक्त उद्यम पर हस्ताक्षर करने से पहले महाराष्ट्र सरकार व्यक्तिगत रूप से वेदांता और फॉक्सकॉन के साथ बातचीत कर रही थी। उस समय फडणवीस राज्य के मुख्यमंत्री थे। फडणवीस ने मई 2015 में अपनी चीन यात्रा के दौरान फॉक्सकॉन के अधिकारियों से मुलाकात की और बाद में महाराष्ट्र में उनकी मेजबानी भी की थी, उसी साल फॉक्सकॉन ने राज्य सरकार के साथ एक नए इलेक्ट्रॉनिक्स प्लांट स्थापित करने के लिए 5 बिलियन डॉलर का निवेश करने का वादा भी किया था।

गुजरात चुनाव की वजह से Vedanta Foxconn प्रोजेक्ट गुजरात में गया – विपक्ष

हम आपको बता दें कि वेदांता ग्रुप और गुजरात सरकार के साथ मैन्युफैक्चरिंग प्लांट स्थापित करने के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर कर लिए गए हैं। यह ऐसे समय में हुआ है जब गुजरात विधानसभा चुनाव करीब है। इस साल के अंत में राज्य में चुनाव होने वाले हैं। रोजगार और निवेश गुजरात चुनाव का अहम मुद्दा है और आम आदमी पार्टी के गुजरात चुनाव लड़ने के फैसले ने Gujarat Elections को और भी दिलचस्ब बना दिया है। भारतीय कंपनी वेदांता और ताइवान की इलेक्ट्रॉनिक्स कंपनी फॉक्सकॉन का 1.54 लाख करोड़ रुपये का सेमीकंडक्टर प्लांट गुजरात में लगाया जाएगा वेदांत-फॉक्सकॉन के जॉइंट वेंचर की डिस्प्ले एफएबी विनिर्माण इकाई, सेमीकंडक्टर असेंबलिंग और टेस्टिंग यूनिट गुजरात राज्य के अहमदाबाद जिले में 1000 एकड़ क्षेत्रफल में लगाई जाएगी। इस जॉइंट वेंचर में दोनों कंपनियों की हिस्सेदारी 60 और 40 प्रतिशत होगी।

वेदांता-फॉक्सकॉन प्रोजेक्ट से गुजरात में खुलेंगे नौकरियों के रास्ते (Employment in Gujarat)

वेदांता-फॉक्सकॉन परियोजना गुजरात के युवाओं के लिए बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर पैदा करेगी। इस प्रोजेक्ट को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर कहा, ‘यह MoU भारत की सेमी-कंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग महत्वाकांक्षाओं को गति देने वाला एक महत्वपूर्ण कदम है। 1.54 लाख करोड़ रुपए का निवेश अर्थव्यवस्था और नौकरियों को बढ़ावा देने के लिए एक महत्वपूर्ण प्रभाव पैदा करेगा। यह सहायक इंडस्ट्रीज के लिए एक बड़ा इकोसिस्टम भी बनाएगा और हमारे MSMEs की मदद करेगा।’ गुजरात के शिक्षा, विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री जीतूभाई वाघाणी ने बताया कि यह परियोजना गुजरात और भारत के युवाओं के लिए बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर पैदा करेगी और साथ ही अर्थव्यवस्था और राष्ट्रीय सुरक्षा में भी योगदान देगी। इस प्रोजेक्ट से लगभग 1 लाख लोगों को रोजगार भी मिलेगा।

सीएसआर खर्च में भी आगे है वेदांता (CSR of Vedanta)

कॉरपोरेट कंपनियों का इतना बड़ा मुनाफा उतना बड़ा सीएसआर खर्च (CSR of Vedanta) अगर बात करें वेदांता की तो ये कंपनी भी बड़े पैमाने पर सीएसआर (Corporate Social Responsibility) ख़र्च करती है। Vedanata के CSR रिपोर्ट के अनुसार साल 2020-21 में वेदांता ने 322 करोड़ सीएसआर खर्च किये है। इस सीएसआर ख़र्च से वेदांता ने 4 करोड़ से ज्यादा लोगों की जिंदगियों में सकारात्मक बदलाव ला चुकी है। वेदांता Health, Education, Skill, Community Development, Environment जैसे तमाम सेक्टर में काम करती है।
वेदांता के चेयरमैन अनिल अग्रवाल का अपना फाउंडेशन भी है, अनिल अग्रवाल फाउंडेशन हाल ही में एक सतत और समावेशी विकास मॉडल के माध्यम से ग्रामीण समुदायों को मजबूत करने के लिए 5,000 करोड़ रुपये देने का वादा किया है। अनिल अग्रवाल फाउंडेशन की पहल से ‘स्वस्थ गांव अभियान’, पूरे देश में शुरू से अंत तक स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करेगा। 12 राज्यों के 1,000 गांव, 2 मिलियन से अधिक लोगों के जीवन को प्रभावित कर रहे हैं। महिलाओं के लिए अपनी ‘नंद घर’ परियोजना को महत्वपूर्ण रूप से बढ़ाना जारी रखते हुए 2400 से अधिक नंद घरों ने आंगनबाड़ियों को फिर से बनाया जा रहा है। महामारी के दौरान लीवरेज्ड टेक्नोलॉजी, बच्चों के लिए स्थापित ई-लर्निंग और उनके घरों में भोजन की खुराक और स्वास्थ्य सेवा प्रदान की जा रही है। वेदांता देश के 11 राज्यों और 33 जिलों में सीएसआर के तहत काम कर रही है।