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सीएसआर – बेहतर होंगे किसानों के हालात और स्वस्थ्य सेवाएं

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समाज की भलाई के लिए कॉर्पोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी (Corporate Social Responsibility) यानि सीएसआर किसी वरदान से कम नहीं है, सीएसआर के तहत सामाजिक स्तर पर बड़े बड़े बदलाव हो रहें है। आर्थिक समृद्धि के साथ साथ ज़रूरतमंदों को उनके द्वार तक स्वस्थ्य, शिक्षा, रोजगार, इंफ्रास्ट्रक्चर समेत मुलभुत सुविधाएं मुहैया हो रहीं हैं। सीएसआर (CSR) से ही सामाजिक कुरीतियों को खत्म किया जा रहा है, सीएसआर पहल इस महामारी में सबसे ज्यादा कारगर साबित हो रहा है। शायद ही इतिहास में इतने बड़े पैमाने पर कॉर्पोरेट ने इतनी मदद की हो। सीएसआर की मदद उन लोगों तक भी पहुंच रही है जहां सरकारी मदद की जरूरत है और फंड की कमी से मदद नहीं मिल पा रही हो। जहां ये दिक्क्त है वहां कॉर्पोरेट कंपनियां आगे आकर अपना सीएसआर फंड खर्च कर समाज की भलाई कर रहीं हैं।

सीएसआर से किसानों को मिली प्लकिंग मशीनें

इसी कड़ी में मिनी रत्न पीएसयू नेशनल फर्टिलाइजर्स लिमिटेड (NFL) ने अपनी कॉर्पोरेट सामाजिक जिम्मेदारी (सीएसआर) पहल के तहत 95 कपास प्लकिंग मशीन किसानों को मुफ्त में वितरित की हैं। कृषि विज्ञान केंद्र, सादलपुर, हिसार और कृषि विज्ञान केंद्र, भिवानी में दो अलग-अलग कार्यक्रमों में कॉटन प्लकिंग मशीनें वितरित की गईं। सीएसआर के इस कार्यक्रम में नेशनल फर्टिलाइजर्स लिमिटेड (एनएफएल) के अध्यक्ष और सीएमडी वीरेंद्र नाथ दत्त मुख्य अतिथि थे। इस दौरान वीरेंद्र नाथ दत्त ने किसानों के लिए कंपनी द्वारा किए जा रहे सीएसआर कार्यक्रमों के बारे में विस्तार से बताया और किसानों को कॉटन प्लकिंग मशीनों के उपयोग के बारे में भी जानकारी दी। एनएफएल द्वारा वितरित इन मशीनों के उपयोग के साथ, कपास की प्लकिंग तेजी से और अधिक सफाई से की जा सकेगी। इससे किसानों कपास किसानों नुकसान बेहद कम होता और और कपास की मात्रा बढ़ जाती है। अभी तक पंजाब, हरियाणा, मध्य प्रदेश, तेलंगाना समेत देश में 500 से अधिक ऐसी कपास की मशीनें सीएसआर के तहत किसानों को दी गई हैं।

6 करोड़ सीएसआर फंड से बेहतर होंगी रायगढ़ में स्वस्थ्य सेवाएं

छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिले में स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने की दिशा में सीएसआर की वजह से एक अभिनव पहल की जा रही है। सीएसआर फंड की मदद से जिले के सरकारी अस्पतालों का कायाकल्प करने की कार्य योजना तैयार की गई है। छह करोड के बजट वाले इस कार्य योजना में प्रमुख रूप से पुसौर में 2.5 करोड़ के बजट से नया सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र तैयार होगा और जिले के सात अन्य सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों जिनमें धरमजयगढ़, लैलूंगा, घरघोड़ा, बरमकेला, सारंगढ़, खरसिया व लोईंग को उन्ना यन के लिए 50-50 लाख रुपए मिलेगा। इन पैसों से अस्पतालों में उपचार और पैथोलॉजी टेस्टिंग के लिए जरूरी उपकरणों की खरीदी के साथ अस्पताल के मरम्मत व निर्माण कार्य किया जाएगा।

सीएसआर की मदद से स्वस्थ्य सुविधओं पर जोर

रायगढ़ जिले के कलेक्टर भीम सिंह ने बताया कि सीएसआर के तहत इस कार्ययोजना में हेल्थ सर्विस और मैन पावर पर फोकस रखा है। इसके लिए अस्पतालों में अच्छे इलाज के साथ टेस्टिंग सुविधाओं का दायरा बढ़ाने की कवायद की जा रही है। चार अस्पतालों धरमजयगढ़, घरघोड़ा, खरसिया और सारंगढ़ खरसिया में एक्स-रे मशीन लगाया जायेगा। साथ ही सर्जिकल और पैथालॉजी लैब उपकरण के साथ डेंटल, ऑर्थोपेडिक, ऑपरेशन थियेटर के लिये जरूरी मेडिकल उपकरण खरीदे जाएंगे।

गर्भवती महिलाओं के लिए स्थापित होगा कॉल सेंटर, 50 एएनएम की होगी भर्ती

गर्भवती महिलााओं के लिए आपातकालीन स्थिति में प्रसव के लिए अस्पताल आने के लिए वाहन उपलब्ध कराने कॉल सेन्टर बनेगा। इससे किसी गर्भवती महिला को भर्ती कराने के लिए यदि 102 महतारी एक्सप्रेस के आने में देरी हो रही हो तो उस स्थिति में जिला स्तरीय कॉल सेन्टर से उन्हें वाहन सुविधा उपलब्ध कराई जा सके। इसके साथ ही अस्पतालों में मैन पावर बढ़ाने के लिए जल्द ही स्वीकृत 50 एएनएम की भर्ती होगी। स्वस्थ्य सेवाओं को और बेहतर बनाने के लिए जिले को पांच नई एम्बुलेंस जल्द ही मिलने जा रही है।