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सीएसआर ने बदली मैसूरु वासियों जिंदगी, हो रहें है सेहतमंद

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सीएसआर यानि कॉर्पोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी, ये महज कंपनी एक्ट में कानून ही नहीं है बल्कि ये एक ऐसा सामाजिक हथियार है जिससे जिंदगियां बदल रहीं हैं। लोगों के जीवन में सकारात्मक बदलाव आ रही है, सीएसआर पहल लोगों को आत्मनिर्भर बना रहीं है। इसका ताज़ा उदाहरण है कर्नाटक का मैसूरु। मैसूरु में सीएसआर का प्रभाव इस कदर है कि यहां के ग्रामीणों की आर्थिक स्तिथि के साथ साथ जिंदगी में भी काफी बदलाव आ गया है।

सीएसआर पर सामने आया ये रोचक तथ्य

कर्नाटक के मैसूरु जिले में देश की विभिन्न कॉर्पोरेट कंपनियों द्वारा शुरू की गयी कॉर्पोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी यानि सीएसआर (CSR) गतिविधियों ने हज़ारों लोगों को अपनी आजीविका के निर्माण में मदद की है, गुणवत्ता स्वास्थ्य देखभाल, शिक्षा और अन्य कौशल प्रशिक्षण कार्यक्रमों की वजह से मैसूरु के लोगों में आत्मनिर्भर बनने को लेकर एक पहल की है। ये बात एक रिसर्च में सामने आयी है। कर्नाटक में ग्रामीण परिवारों पर सीएसआर खर्च का प्रभाव को लेकर एक अध्ययन किया गया जिसमें ग्रामीण क्षेत्र के स्वास्य्थ सेवाओं को लेकर रोचक तथ्य सामने आयी है।

मैसूरु में सीएसआर से सेहतमंद होते लोग

मैसूर यूनिवर्सिटी के डिपार्टमेंट ऑफ़ स्टडीज इन इकोनॉमिक्स एंड कोऑपरेशन के रिसर्च स्कॉलर डॉ एस मनु द्वारा किये गए इस अध्यन में बताया गया है कि कर्नाटक में सीएसआर का प्रमुख योगदान स्वास्थ्य क्षेत्र में रहा है, सीएसआर ने ग्रामीणों की स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुंच नहीं होने के बारे में आशंकाओं को कम किया है। मैसूरु के ग्रामीण इलाकों में विविध कंपनियों द्वारा सीएसआर फंड का इस्तेमाल कर ये कॉर्पोरेट्स कई मोबाइल क्लिनिक, हॉस्पिटल्स और अन्य मेडिकल्स यूनिट होने की वजह से स्थानीय साहूकार पर लोगों की निर्भरता को भी कम कर दिया है। यानि पहले वे दवाओं की खरीद के लिए, गंभीर बिमारियों के इलाज के लिए ग्रामीण लोन लेते थे लेकिन सीएसआर की इस पहल ने अब कर्ज का बोझ कम कर दिया है।

सीएसआर पर अध्ययन में मैसूरु में 385 परिवार शामिल

हम आपको बता दें कि अध्ययन में मैसूरु में 385 परिवार शामिल हैं, इसमें से 68 फीसदी का चयन नंजुनजुड तहसील से किया गया है और शेष नमूना एचडी कोटे तहसील से एकत्र किया गया है। अब नागरिक किसी भी स्वास्थ्य संबंधी आपात स्थिति से निपटने के लिए अधिक सुरक्षित और आश्वस्त महसूस करते हैं और पूरा श्रेय कॉर्पोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी को जाता है। मैसूरु में TVS, L&T समेत 32 प्रमुख कॉर्पोरेट कंपनियां हैं जो सीएसआर के तहत इन ग्रामीणों की जिंदगियों में बदलाव लाने की कोशिश कर रही हैं।
The CSR Journal से ख़ास बातचीत करते हुए डॉ मनु ने बताया कि स्वास्थ्य, शिक्षा, ग्रामीण विकास आदि सीएसआर के तहत प्राथमिकता वाले क्षेत्र हैं। स्वस्थ जीवन शैली और स्वच्छता के बारे में लोगों की जागरूकता बढ़ी है, वर्तमान में इन निजी कंपनियों ने बिना सामाजिक-आर्थिक स्थिति और स्थानीय जरूरतों को देखे बड़े पैमाने पर सीएसआर के तहत काम हुआ है और भविष्य में भी सीएसआर की पहल कम विकसित क्षेत्रों में की जानी चाहिए।