कोरोना की दूसरी लहर इतनी खतरनाक होती जा रहा है कि देश भर में चीख पुकार मची है। हाहाकार है मचा है। अपनों को खोते लोग रो रहें हैं, बिलख रहे हैं। देश भर की स्वास्थ्य सेवाएं चरमरा सी गयी है। कोरोना से आलम इतना भयावह हो गया है कि हर तरफ अफरा तफरी का माहौल है। अस्पतालों में बेड, ऑक्सीजन, ICU, रेमडेसिविर इंजेक्शन की इतनी भारी किल्लत है कि रस्ते पर ही लोग इलाज करवाने को मजबूर है। मरीजों की संख्या में बेतहाशा बढ़ोतरी होने से अस्पतालों पर इतना बोझ काफी बढ़ गया है कि मरीजों को कहीं बेड नहीं मिल पा रहा है।
कोरोना से लड़ने के लिए सोशल मीडिया पर कई लोगों ने बढ़ाएं मदद के हाथ
ऐसे में सोशल मीडिया (Social Media) पर कई लोगों ने मदद के लिए हाथ आगे बढ़ाए हैं। ये लोग मुसीबत में फंसे लोगों के लिए मसीहा बनकर आए हैं। कोई भोजन-पानी से मदद पहुंचा रहा है, तो कोई किसी मरीज के परिजनों को ऑक्सीजन (Oxygen) मुहैया करा रहा है। इतना ही नहीं, कोरोना मरीजों के लिए बेड, प्लाज्मा और रेमडेसिविर दवाइयों के इंतजाम भी लोग कर रहे हैं। लोगों की समस्याओं का कहीं समाधान नहीं मिल रहा है ऐसे वक्त में सोशल मीडिया उनके लिए सहारा बनकर उभरा है। कई समूह और व्यक्तियों ने सोशल मीडिया पर सहायता के लिए प्रयास शुरू किए हैं उसी का असर है कि ट्विटर, फेसबुक, इंस्टाग्राम जैसे सोशल मीडिया से लोगों की मदद हो पा रही है।
आईये जानते है कौन है ये सामाजिक जिम्मेदारी (Socially Responsible Citizen) का निर्वहन करनेवाले लोग ताकि अगर आपको भी मदद की जरुरत लगे तो आपको भी ये लोग मदद कर सकें।
कोरोना में मदद पाने के लिए ये लोग सोशल मीडिया का कर रहे है इस्तेमाल
सोनू सूद
पिछले साल जब देश में लॉकडाउन लगा था तो अभिनेता सोनू सूद ने सोशल मीडिया के माध्यम से लोगों की खूब मदद की। वो अभी तक अपनी सामाजिक जिम्मेदारी को समझते हुए लोगों की जैसे संभव हो वैसे जमकर मदद कर रहे हैं। जिसको मदद चाहिए होती है वो ट्विटर पर उन्हें मैसेज कर देता है। और सोनू सूद उन्हें हर संभव मदद की कोशिश में जुट जाते है। सोनू सूद भी कोरोना से ग्रसित है, वो खुद कोरोना पॉजिटिव है लेकिन फिर भी लोगों को अस्पताल में बेड, टेस्ट, ऑक्सीजन या दवाई दिलवा रहें है। इसी तरह कुछ और लोग भी हैं जो कोरोना के संकट के समय में लोगों की मदद करने के लिए आगे आए हैं। ट्विटर पर अस्पताल में बेड, टेस्ट, ऑक्सीजन या रेमडेसिविर दवाई को लेकर मदद मांगने वालों के लिए ये लोग आगे आ रहे हैं। सोनू सूद से आप इस ट्विटर हैंडल पर संपर्क कर सकते हैं – @SonuSood
कुमार विश्वास
मदद की इस कड़ी में मशहूर कवि डॉ. कुमार विश्वास भी आगे आये है। पहले तो कुमार विश्वास ने अपने ही साथी कवी के लिए मदद की गुहार लगायी लेकिन जब उन्होंने देखा कि देश की हालत बद से बत्तर होती जा रही है और सोशल मीडिया पर गुहार लगाने से मदद मिल पा रही है तो अब कुमार विश्वास आम जनता के लिए भी हर संभव मदद में जुट गए है। मदद के लिए पहले कुमार विश्वास अपने पर्सनल ट्विटर अकाउंट से ट्वीट करते थे। मदद होता देख कुमार विश्वास ने अब बाक़ायद अपने ऑफिस के लिए भी ट्विटर अकाउंट खोल लिया है। कुमार विश्वास से मदद चाहिए तो यहां संपर्क करें – @DrKumarVishwas
डॉ राहुल घुले
1 रुपी क्लिनिक (1 Rupee Clinic) के फाउंडर और सीईओ डॉ राहुल घुले मुंबई में 1500 बेड कोविड हॉस्पिटल सेटअप चला रहे हैं। डॉ राहुल घुले कोरोना मरीजों के लिए अपने मदद के हाथ बढ़ाते हुए उन्होंने ट्विटर पर अपना नंबर सार्वजनिक कर रखा है ताकि लोग उन्हें सीधे फोन कर मदद मांग सके।राहुल घुले ने ट्विटर पर जानकारी देते हुए बताया है कि यदि मुंबई से सटे कल्याण डोंबिवली में रहने वाला कोई भी शख्स कोरोनावायरस से पीड़ित है और उसे उपचार की तत्काल जरूरत है और उसके पास पैसे भी नहीं है तो वह एक रुपए में अपना इलाज करा सकता है। इसी तरह से उन्होंने ट्विटर के जरिए कईयों की भी मदद की है। डॉ राहुल घुले से आप भी मदद मांग सकते है। राहुल घुले का ट्विटर हैंडल है – @DrRahulGhule11
शलभ मणि त्रिपाठी
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सूचना सलाहकार और यूपी बीजेपी के प्रवक्ता शलभ मनी त्रिपाठी भी कोरोना काल में लोगों की मदद के लिए आगे आए हैं। वो ट्विटर पर सक्रिय हैं और जरूरतमंदों को राहत उपलब्ध करा रहे हैं। अपनी सामाजिक और राजनितिक जिम्मेदारी को समझते हुए बिना किसी भेदभाव के शलभ मणि त्रिपाठी आम जनमानस की मदद के लिए दिन रात एक किये है। उत्तर प्रदेश में मदद मांगने के लिए शलभ मणि त्रिपाठी को आप उनके ट्विटर हैंडल पर ट्वीट कर मदद मांग सकते हैं – @shalabhmani
कोरोना में जीशान सिद्दीकी भी सोशल मीडिया का कर रहें है बखूबी इस्तेमाल
महाराष्ट्र कांग्रेस के नेता बाबा सिद्दीकी के बेटे जीशान सिद्दीकी भी ट्विटर और सोशल मीडिया के जरिये लोगों की मदद में जुटे हुए है। जीशान सिद्दीकी मुंबई के बांद्रा इलाके से कांग्रेस से विधायक है और जरूरतमंदों पर ऑक्सीजन बेड, इंजेक्शन मुहैया करवा रहें है। अगर आपको भी जीशान सिद्दीकी से मदद चाहिए तो उनको ट्विटर पर मदद मांग सकते हैं। जीशान सिद्दीकी का ट्विटर हैंडल है – @zeeshan_iyc
दिलीप पाण्डेय
आम आदमी पार्टी (AAP) के विधायक दिलीप पाण्डेय लंबे समय से सोशल मीडिया पर काफी सक्रिय हैं और हर तरह से लोगों की मदद कर रहे हैं। किसी को अस्पताल में बेड नहीं मिल रहा, ऑक्सीजन या दवाई नहीं मिल रही है तो ये तुरंत जरूरतमंद तक मदद पहुंचा रहे हैं। @dilipkpandey
श्रीनिवास बी वी
यूथ कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीनिवास बी वी भी लोगों की मदद करने में पीछे नहीं हैं। ट्विटर पर कोई भी कहीं भी किसी भी प्रकार की मदद मांग रहा है तो ये आगे आ रहे हैं। @srinivasiyc
धीरेंद्र सिंह
जेवर (ग्रेटर नोएडा) से बीजेपी विधायक धीरेंद्र सिंह पिछले साल लगे लॉकडाउन से ही लोगों की 24 घंटे मदद कर रहे हैं। उन्होंने 24×7 ट्विटर सेवा चालू कर रखी है। व्हाट्सएप 9458579800 पर मैसेज करके भी उनसे मदद मांगी जा सकती है। पिछले साल लॉकडाउन के दौरान भी उन्होंने लोगों की खूब मदद की। @DhirendraGBN
योगिता भयाना
एक्टिविस्ट योगिता भयाना से लोगों की मदद कर रही हैं। उन्होंने ट्वीट कर कहा, ‘बिहार पटना में किसी को एंबुलेंस, ऑक्सीजन, सिलेंडर या वेंटिलेटर चाहिए तो मुझे टैग या DM कर सकते हैं। हमारी पूरी कोशिश रहेगी कि हम जितने लोगों की मदद कर सकें।’ बीजेपी के कपिल मिश्रा और दिल्ली बीजेपी के विधायक तजिंदर पाल सिंह बग्गा भी लोगों की मदद करने में पीछे नहीं हैं। बाकी कई और लोग भी होंगे जो इस मुश्किल समय में मदद के लिए आगे आए होंगे। ये कुछ नाम हैं तो ट्विटर पर लोगों की मदद करने के लिए छाए हुए हैं। @yogitabhayana
कई शहरों में व्हाट्सएप ग्रुप से लेकर दूसरे तरीकों से प्लाज्मा, रेमडेसिविर दवाइयों, अस्पताल में बेड्स की उपलब्धता की बारें में आम जनमानस में वायरल कर रहें है। कोरोना महामारी से मचे हाहाकार के बीच सोशल मीडिया पर लोगों की मदद के लिए उम्मीद का महत्वपूर्ण केंद्र बन गया है। संकट के इस वक्त में लोग सोशल मीडिया का इस्तेमाल कर न सिर्फ मदद मांग रहे हैं बल्कि लोगों की मदद कर भी रहे हैं।
कोरोना में उन तक मदद कैसे पहुंचे जो सोशल मीडिया का नहीं करते है इस्तेमाल
महामारी के दौर में सरकार आम जनमानस की मदद नहीं कर पा रही है। यही कारण है कि अब आम जनमानस ही एक दूसरे की मदद में लग गया है और ये तरिका कारगर भी सिद्द हो रहा है। लेकिन सवाल ये भी होता है कि ग्रामीण और गरीब तबके के लोग सोशल मीडिया का अगर इस्तेमाल नहीं कर पा रहे है तो ऐसे में उनतक मदद कैसे मिल सके। जो शख्स तकनीक का सही इस्तेमाल नहीं कर पा रहा है वो लोग युवा लोगों की मदद लें। युवाओं से मदद लेने के बाद उन लोगों तक भी मदद मिल सकती है।
बहरहाल एक दूसरे की मदद का ये तरिका नायाब है और कारगर भी। लोगों को मदद भी मिल रहा है। लेकिन जो काम सरकार का है उसे अब अपनी सामाजिक जिम्मेदारी समझते हुए लोग करना शुरू किये है।