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October 26, 2025

‘Coober Pedy’- ज़मीन के नीचे बसी अनोखी दुनिया-स्कूल होटल पब मॉल समेत सारी सुविधाएं मौजूद

The CSR Journal Magazine
आपने अब तक सिर्फ पाताललोक के बारे में सिर्फ सुना ही होगा लेकिन अगर हम आपसे कहें कि दुनिया की शान ऊंची-ऊंची इमारतें ही नहीं ज़मीन के नीचे बसा पूरे का पूरा शहर भी है, तब आप क्या कहेंगे? जी हां! सही पढ़ा आपने, आज हम आपको एक ऐसी जगह के बारे में बताने जा रहे हैं जो ज़मीन के ऊपर नहीं बल्कि नीचे है और जहां दुनिया की सारी सुख सुविधाएं मौजूद हैं।

ऑस्ट्रेलिया में बसा है धरती का ‘पाताललोक’

दुनियाभर में बहुत-सी ऐसी चीजें व जगह है जिसे देखकर कोई भी हैरान रह जाएंगा। कई जगहों पर झीलों का पानी गुलाबी हो जाता है तो कहीं पर महीनों तक चांद या सूरज की रोशनी नहीं मिलती है। दक्षिणी ऑस्ट्रेलिया में एक ऐसा गांव है, जो जमीन के ऊपर नहीं, बल्कि अंदर बसा है। शायद आपको सुनने में हैरानी हो रही होगी। मगर यह सच है। दुनिया में अनगिनत शहर हैं जो अपनी अनूठी विशेषताओं के लिए जाने जाते हैं। दक्षिण ऑस्ट्रेलिया का एक सुदूर कस्बा ‘Coober Pedy’ ऐसी ही एक जगह है, जो अपने खूबसूरत भूमिगत बस्तियों के लिए प्रसिद्ध है। लेकिन इस जगह में इसके खूबसूरत नज़ारों के अलावा और भी बहुत कुछ है। इस कस्बे का नाम ‘कूपा-पीति’ वाक्यांश से आया है, जिसका अर्थ है ‘गड्ढे में श्वेत व्यक्ति’ या ‘पानी का गड्ढा’। जैसा कि नाम से ही ज़ाहिर है, यह बस्ती गड्ढों से भरी है, जिन्हें श्वेत लोगों ने खोदा था। दरअसल, कस्बे के ज़्यादातर लोग आज भी उन्हीं गड्ढों में रहते हैं। Coober Pedy का ज़्यादातर हिस्सा बाहरी बलुआ पत्थरों के नीचे रहता है।

दक्षिणी ऑस्ट्रेलिया में बसा Coober Pedy गांव 

दक्षिणी ऑस्ट्रेलिया में स्थित इस अजीबो-गरीब गांव Coober Pedy की हैरानी कर देने वाली बात है कि यहां के लोग जमीन के अंदर यानि अंडरग्राउंड घरों में रहते हैं। असल में, यहां पर कीमती पत्थर से तैयार ओपल की कई खाली खदानें हैं। इसी कारण कूबर पेडी को दुनिया की ओपल राजधानी भी कहा जाता है। ऐसे में इन खदानों में लोगों ने अपने घर बसा रखें हैं। ये घर बाहर से तो साधारण से लगते हैं। मगर इसके अंदर आपको वो सभी सुख-सुविधाएं मिल जाएगी जो आप घरों में मौजूद होती है। इन घरों की तुलना हम किसी होटल से भी कर सकते हैं।

रेगिस्तानी इलाका है Coober Pedy

चूंकि कूबर पेडी रेतीला स्थान हैं इसलिए यहां पर गर्मियों में तापमान बहुत ज्यादा हो जाता है जबकि सर्दियों में बहुत कम होता है। इसके कारण यहां रहने वाले लोगों को बहुत तकलीफ का सामना करना पड़ता था। इसलिये लोगों ने माइनिंग के बाद खाली बची खदानों में शिफ्ट होना शुरु कर दिया। इन अंडरग्राउंड घरों में न तो गर्मियों में एसी की जरूरत पड़ती है और न ही सर्दियों में हीटर की। इस जगह पर गर्मियों में तापमान अधिक और सर्दियों में बहुत कम होता है। ऐसे में यहां रहने में कोई मुश्किल ना आए इसके लिए लोग खदानों में रहते हैं।

समुद्र की गहराई से निकला शहर

Coober Pedy लगभग 15 करोड़ साल पहले समुद्र से घिरा हुआ था, और जब पानी कम हुआ, तो समुद्र तल से सिलिका खनिज बहकर चट्टानों की दरारों और गड्ढों में आ गए, जो समय के साथ जम गए। बाद में, ये बहुरंगी ओपल में बदल गए, जिनके लिए यह शहर प्रसिद्ध है। कुछ लोगों का मानना है कि प्रथम विश्व युद्ध के दौरान फ्रांस की खाइयों से लौटे सैनिकों ने सबसे पहले भूमिगत रहना शुरू किया था, जो बाद में उस कठोर जलवायु से बचने का एक ज़रिया बन गया। चाहे कितनी भी कठोर जलवायु क्यों न हो, भूमिगत कमरे साल भर निवासियों के लिए आरामदायक तापमान बनाए रखते हैं।

14 साल के बच्चे ने खोज की Coober Pedy की

कूबर पेडी के बारे में एक और दिलचस्प बात यह है कि इसकी खोज एक 14 साल के बच्चे ने की थी। 1914 में एडिलेड से 500 मील उत्तर में एक अनजान जगह पर विली हचिसन नाम का लड़का अपने परिवार और लोगों के साथ इस इलाके में आया था। एक दिन उसके पिता और कुछ दूसरे लोग जब खदानों के आसपास सोना ढूंढने निकले, तब गलती से विली कैम्प में पीछे छूट गया। जब सभी लोग खाली कैंप में लौटे, तो वे घबरा गए और विली की तलाश में निकल पड़े। विली उसी रात ओपल से भरा एक बड़ा बैग कंधे पर लटकाए हुए वापस लौटा। तब से दुनिया के 70 प्रतिशत ओपल Coober Pedy के आसपास से ही निकाले जाते हैं। इसीलिए इस शहर को ‘दुनिया की ओपल राजधानी’ भी कहा जाता है।

कूबर पेडी की चरम जलवायु

Coober Pedy में गर्मियों में तापमान बहुत ज़्यादा बढ़ जाता है, जो अक्सर 52°C तक पहुंच जाता है। इसके विपरीत सर्दियों की रातें बेहद ठंडी हो जाती हैं, और तापमान लगभग 2-3°C तक गिर जाता है। इस चरम जलवायु के कारण कई निवासियों के लिए भूमिगत रहना अनिवार्य हो जाता है। कूबर पेडी की जिला परिषद के अनुसार, लगभग 80 प्रतिशत स्थानीय आबादी ने बलुआ पत्थर के घरों में रहना पसंद किया है, जहां पूरे वर्ष तापमान लगभग 23°C रहता है।

सब कुछ है, बस पानी की कमी खलती है

यह खूबसूरत शहर अक्सर पानी की कमी से जूझता है क्योंकि यह ग्रेट आर्टेसियन बेसिन पर निर्भर है, जो दुनिया का सबसे बड़ा और सबसे गहरा आर्टेसियन बेसिन है। लगभग 24 किलोमीटर दूर स्थित, यह बेसिन कूबर पेडी के लिए पानी का प्रमुख स्रोत है। शहर की जल आपूर्ति का प्रबंधन जिला परिषद द्वारा किया जाता है, जो एक बोर और उससे जुड़े ट्रीटमेंट प्लांट का संचालन करती है।

सुख-सुविधाओं से भरे हैं घर

बात आज के समय की करें तो Coober Pedy में करीब 1500 ऐसे घर हैं, जो जमीन के अंदर बने हैं। इन अंडरग्राउंड घरों में हर तरह की सुख-सुविधा आसानी से मिलती है। कहा जाता है कि यहां का हर घर अंदर से बेहद ही खूबसूरत है। साथ ही यहां पर रहने के लिए न तो गर्मियों में एसी लगवाना पड़ता है और न ही सर्दियों में हीटर। यहां पर बहुत-सी हॉलीवुड फिल्मों की शूटिंग भी की जा चुकी है। इसके अलावा सन 2000 में ‘पिच ब्लैक’ की शूटिंग के बाद प्रोडक्शन टीम ने इस फिल्म में इस्तेमाल किया स्पेसशिप इसी गांव पर छोड़ दिया था। ऐसे में खासतौर लोग इस गांव को देखने जाना पसंद करते हैं।

Opal Capital Of The World’ के नाम से फेमस

Coober Pedy शहर के बारे में कहा जाता है कि जिस स्थान पर ये शहर स्थित है, वहां ओपल की कई खदानें हैं। ओपल के खाली पड़े खदानों में ही लोग रहते हैं। इसे काफी महंगा रत्न भी कहते हैं और इसे अंगूठी में लगाकर पहना जाता है। इसकी वजह से इस शहर को ‘ओपल कैपिटल ऑफ द वर्ल्ड’ के नाम से भी जाना जाता है। Coober Pedy में माइनिंग का काम साल 1915 में शुरू किया गया था। रेगिस्तानी इलाके होने की वजह से वहां गर्मी में तापमान काफी बढ़ जाता है और सर्दियों में काफी गिर जाता है। मौसम के इस मिजाज से लोगों का रहना काफी मुश्किल है। इस समस्या से छुटकारा पाने के लिए लोग माइनिंग के बाद वहीं बने अंडरग्राउंड घरों में रहते हैं। यहां बने हाइब्रिड एनर्जी पावर प्लांट से शहर के 70 प्रतिशत पावर की जरूरत भी पूरी की जाती है।

‘Dug Outs’ में मौजूद है सारा ऐशो-आराम

Coober Pedy को देखने आने वाले पर्यटकों के लिए अंडरग्राउंड होटल भी है। इसमें एक रात ठहरने के लिए पर्यटकों को 12 हजार रुपए से ज्यादा की कीमत देनी पड़ती है। इस टाउन में शानदार क्लब है, पूल गेम के लिए टेबल है, कमरे हैं जिसमें डबल बेड और सिंगल बेड की सुविधा है। सोफे और किचन हर तरह की फैसिलिटी भी देखी जा सकती हैं। सिनेमाघर, गोल्फ कोर्स, शॉपिंग कॉम्प्लेक्स से लेकर घरों तक, इस भूमिगत शहर में आपको सब कुछ मिल जाएगा। गर्मी से राहत के अलावा, भूमिगत रहने का एक और बड़ा फायदा लागत में बचत है। कूबर पेडी अपनी बिजली मुख्य रूप से पवन और सौर ऊर्जा से उत्पन्न करता है, क्योंकि एयर कंडीशनिंग चलाना महंगा हो सकता है। कूबर पेडी के घर भूमिगत होने के बावजूद, पानी, इंटरनेट और बिजली जैसी ज़रूरी सुविधाओं से लैस हैं। आम घरों से इनका फ़र्क़ सिर्फ़ इतना है कि इनमें धूप नहीं आती।

ओपल और टूरिज़्म से चलती है अर्थव्यवस्था

ओपल उद्योग न केवल Coober Pedy की अर्थव्यवस्था को आकार देता है, बल्कि इसकी सांस्कृतिक पहचान को भी परिभाषित करता है। शहर में ओपल महोत्सव जैसे आयोजन होते हैं, जहां प्रदर्शनियों, प्रतियोगिताओं और सांस्कृतिक कार्यक्रमों के माध्यम से अपनी ओपल विरासत का जश्न मनाया जाता है। रुचि रखने वाले लोग इस क्षेत्र के इतिहास की जानकारी के लिए पुरस्कार विजेता लघु वृत्तचित्र ‘The Story Of Opal’ देख सकते हैं। आजकल, पर्यटक Coober Pedy में ओपल खदानों को देखने, ओपल के गहनों से सजी भूमिगत दुकानों का पता लगाने, और शायद अपना कीमती ओपल खोजने की कोशिश करने के लिए आते हैं। कूबर पेडी में ओपल बग नामक एक दुकान है जहां रत्नों से लेकर आभूषणों और घड़ियों तक, सब कुछ मिलता है। कई पर्यटक प्रसिद्ध ओपल रंग की Volkswagen Beetle देखने के लिए भी इस दुकान पर आना पसंद करते हैं।
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