RTI कार्यकर्ता और बिजनेसमैन प्रफुल्ल सारडा ने एक चौंकाने वाला खुलासा करते हुए देश की राजनीतिक बहस को नया मोड़ दे दिया है। सारडा द्वारा रक्षा मंत्रालय से प्राप्त एक RTI के जवाब ने साफ कर दिया है कि भारत की पहली आधिकारिक सर्जिकल स्ट्राइक 29 सितंबर 2016 को हुई थी, और इससे पहले खासकर UPA सरकार के समय ऐसी कोई कार्रवाई भारतीय सेना द्वारा नहीं की गई थी। इस RTI से कांग्रेस और UPA सरकार द्वारा लंबे समय से किए जा रहे सर्जिकल स्ट्राइक के दावों को करारा झटका लगा है। कांग्रेस नेताओं ने 2011, 2013 और 2014 में सर्जिकल स्ट्राइक करने के दावे किए थे, लेकिन अब सेना की आधिकारिक जानकारी इन बयानों को पूरी तरह नकारती है। First Surgical Strike of India
सेना मुख्यालय से मिला RTI जवाब
सेना मुख्यालय (HQ of MoD – Army) से मिले RTI उत्तर के अनुसार:
सितंबर 2014 से पहले सर्जिकल स्ट्राइक की संख्या – शून्य
सितंबर 2014 के बाद कितनी सर्जिकल स्ट्राइक हुईं – एक – 29 सितंबर 2016
उस ऑपरेशन में शहीद भारतीय जवानों की संख्या – शून्य
इस जवाब से स्पष्ट हो गया है कि 2016 में उरी हमले के बाद की गई कार्रवाई ही भारत की पहली और सफल सर्जिकल स्ट्राइक थी। यह ऑपरेशन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार में तत्कालीन रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर के नेतृत्व में अंजाम दिया गया था।
Surgical Strike को लेकर कांग्रेस पर लग रहे हैं गंभीर आरोप
RTI का हवाला देते हुए सारडा ने कहा, “UPA सरकार ने राष्ट्र को गुमराह किया। कांग्रेस नेता राहुल गांधी, प्रियंका गांधी वाड्रा, राजीव शुक्ला, दिग्विजय सिंह, रणदीप सुरजेवाला और शरद पवार जैसे लोग जनता को 2011, 2013 और 2014 की कथित सर्जिकल स्ट्राइक की कहानियां सुनाते रहे, लेकिन मेरे RTI जवाब ने इन सभी दावों को झूठा साबित कर दिया है।” RTI on surgical strike
RTI से जुड़े प्रमुख तथ्य इस प्रकार हैं:
29 सितंबर 2016 की कार्रवाई ही भारत की पहली सर्जिकल स्ट्राइक थी। यह ऑपरेशन पूरी तरह सफल रहा और इसमें कोई भारतीय सैनिक शहीद नहीं हुआ। 2014 से पहले भारतीय सेना द्वारा कोई सर्जिकल स्ट्राइक नहीं की गई थी। प्रफुल्ल सारडा ने कहा, “मनोज पर्रिकर जैसे रणनीतिक और साहसी रक्षा मंत्री की वजह से यह ऑपरेशन बिना किसी नुकसान के सफल रहा। यह न केवल सेना की सैन्य क्षमता का प्रमाण था, बल्कि हर हिंदुस्तानी की जीत थी। कांग्रेस ने देश को गलत जानकारी देकर सेना की बहादुरी को भी कमतर करने की कोशिश की।” उन्होंने आगे कहा, “जो लोग सेना की बहादुरी को अपने झूठे बयानों से बदनाम कर रहे थे, उनके झूठ को अब सेना के ही आधिकारिक रिकॉर्ड ने नकार दिया है।”
राजनीतिक बहस को मिलेगा नया मोड़
यह खुलासा ऐसे समय सामने आया है जब सर्जिकल स्ट्राइक का मुद्दा देश की राजनीति में बार-बार उठता रहा है। कांग्रेस के दावे और भाजपा की प्रतिक्रियाओं के बीच अब सेना के रिकॉर्ड का सामने आना तय तौर पर राजनीतिक पटल पर असर डालेगा। कई राजनीतिक विश्लेषक मानते हैं कि इस RTI के सार्वजनिक होने के बाद विपक्ष को जवाब देना मुश्किल हो सकता है, खासकर तब जब उन्होंने वर्षों तक अपनी सरकार के दौरान कथित सर्जिकल स्ट्राइक की बात कही थी। RTI कार्यकर्ता प्रफुल्ल सारडा का यह खुलासा न केवल राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा रहा है, बल्कि सेना के तथ्यों की रोशनी में एक ऐतिहासिक सच्चाई भी सामने ला रहा है – कि भारत की पहली आधिकारिक और सफल सर्जिकल स्ट्राइक मोदी सरकार के कार्यकाल में ही हुई थी, न कि इससे पहले।