उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक बार फिर यह साबित कर दिया कि उनके लिए जनता की हर छोटी-बड़ी समस्या सर्वोपरि है। मुरादाबाद के रहने वाले अमित कुमार अपनी 5 साल की बेटी वाची के स्कूल एडमिशन को लेकर पिछले तीन महीनों से परेशान थे, लेकिन मुख्यमंत्री से मिलने के तीन घंटे के भीतर ही उनकी समस्या का समाधान हो गया।
‘जनता दर्शन’ में रखी फरियाद, मुख्यमंत्री ने तुरंत दिया आदेश
सोमवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सरकारी आवास पर आयोजित ‘जनता दर्शन’ में अमित कुमार अपनी पत्नी प्राची, बेटी वाची और तीन वर्षीय बेटी आची के साथ पहुंचे थे। यहां वाची ने खुद मुख्यमंत्री से कहा, “मेरा स्कूल में एडमिशन करा दीजिए।” मुख्यमंत्री ने बच्ची की मासूम गुहार पर तुरंत संज्ञान लेते हुए आरटीई (Right to Education) के तहत बच्ची के एडमिशन का आदेश दे दिया।
आदेश मिलते ही स्कूल ने तुरंत कराया एडमिशन
मुख्यमंत्री के निर्देश मिलते ही मुरादाबाद के प्रतिष्ठित सीएल गुप्ता वर्ल्ड स्कूल ने उसी दिन दोपहर को वाची का नर्सरी कक्षा में दाखिला कर दिया। स्कूल प्रबंधन ने इसकी सूचना तत्काल जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी को भी भेज दी।
लखनऊ स्टेशन पर मिला खुशी का संदेश
अमित कुमार ने बताया कि जब वे अपनी बेटियों को नाश्ता-पानी कराकर लखनऊ रेलवे स्टेशन पहुंचे और मुरादाबाद की ट्रेन पकड़ने की तैयारी कर रहे थे, तभी उन्हें स्कूल से एडमिशन की खबर मिली।
यह सुनते ही अमित और उनकी पत्नी प्राची की आंखें खुशी से नम हो गईं। उन्होंने कहा, “हम तीन महीने से इस कोशिश में थे, लेकिन मुख्यमंत्री से मिलने के तीन घंटे बाद ही हमें बेटी के एडमिशन की खबर मिल गई।”
“सीएम योगी पूरे यूपी के अभिभावक हैं” – अमित कुमार
अमित कुमार, जो मुरादाबाद में रैपिडो ड्राइवर के रूप में कार्यरत हैं, ने कहा, “सीएम योगी ने यह साबित कर दिया कि वे सिर्फ मुख्यमंत्री नहीं, पूरे प्रदेश के अभिभावक हैं। बेटियों के लिए उनका स्नेह और संवेदनशीलता काबिले तारीफ है। मैं और मेरी पत्नी उनके इस व्यवहार के कायल हो गए हैं। हमारे पास उनके लिए आभार प्रकट करने के लिए शब्द नहीं हैं।”
बेटी का सपना पूरा, परिवार में खुशी का माहौल
वाची की मां प्राची ने कहा कि बेटी 11 जून को 5 साल की हुई है और वह लंबे समय से स्कूल जाने को उत्साहित थी। लेकिन बार-बार प्रयासों के बावजूद एडमिशन नहीं हो पा रहा था। “मुख्यमंत्री से मिलकर जैसे ही बेटी ने अपनी बात कही, तुरंत आदेश हो गया और बच्ची का सपना सच हो गया। यह हमारे लिए किसी चमत्कार से कम नहीं है।” यह घटना न सिर्फ एक पिता की परेशानी का हल है, बल्कि इस बात का प्रतीक भी है कि योगी सरकार में हर नागरिक की आवाज सुनी जाती है। और खासकर बेटियों को मिलने वाला सम्मान और प्राथमिकता, एक नए उत्तर प्रदेश की तस्वीर पेश करती है।