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December 26, 2025

चीनी हथियारों की पोल खुली: कंबोडिया में रॉकेट सिस्टम फटने से 8 सैनिकों की मौत, थाईलैंड-जंग में खुला सच

The CSR Journal Magazine
कंबोडिया और थाईलैंड के बीच जारी तनाव में कंबोडियाई सेना के लिए हालिया घटना बेहद चौंकाने वाली साबित हुई है। सोशल मीडिया पर वायरल हुए वीडियो में देखा गया कि कंबोडियाई सैनिक चीन निर्मित PHL-81 मल्टीपल लॉन्च रॉकेट सिस्टम (MLRS) से फायरिंग कर रहे थे। छह रॉकेट दागने के बाद अचानक रॉकेट सिस्टम फट गया और उसमें आग लग गई। इस हादसे में आठ कंबोडियाई सैनिकों की मौत हो गई।

PHL-81: रूस से कॉपी, चीन का निर्माण

कंबोडियाई सेना द्वारा इस्तेमाल किया गया PHL-81 चीन में निर्मित है और यह 1980 के दशक के सोवियत BM-21 ग्रैड MLRS का कॉपी वर्जन है। BM-21 ग्रैड की तरह, यह सिस्टम भी एक साथ कई रॉकेट दाग सकता है। हालांकि, कंबोडिया में हुए हादसे ने इस चीनी मॉडल की विश्वसनीयता पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। भारतीय सेना भी ग्रैड MLRS का इस्तेमाल करती है, जो 20-22 सेकंड में 40 रॉकेट दाग सकता है, लेकिन चीनी वर्जन की यह घटना उसकी क्षमता पर बड़ा सवाल है।

ऑपरेशन सिंदूर और पाक-लीबिया सौदा

हाल ही में पाकिस्तान ने लीबिया को JF-17 थंडर फाइटर जेट बेचने का दावा किया। पाकिस्तानी सेना प्रमुख आसिम मुनीर ने यह कहते हुए सौदा किया कि ये चीनी लड़ाकू विमानों ने ऑपरेशन सिंदूर में भारतीय राफेल और सुखोई विमानों को मार गिराया था। लेकिन वास्तविकता यह है कि पाकिस्तान ने भारत के किसी भी विमानों को मार गिराने का कोई प्रमाण नहीं पेश किया है। न तो मलबे की तस्वीरें, न ही वीडियो उपलब्ध हैं।

चीनी डिफेंस सिस्टम की सीमित क्षमता

ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान द्वारा इस्तेमाल किए गए चीनी एयर डिफेंस सिस्टम HQ-9 और LY-80 भी भारतीय मिसाइलों और एयर स्ट्राइक का मुकाबला करने में असफल रहे। ब्रह्मोस मिसाइलों और भारतीय हमलों को ये सिस्टम डिटेक्ट तक नहीं कर पाए। इसने चीन के हथियारों और सुरक्षा प्रणालियों की विश्वसनीयता पर गंभीर सवाल उठाए हैं।

सोशल मीडिया पर वायरल हुआ हादसा

कंबोडिया में हुए रॉकेट सिस्टम फटने का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हुआ। इसमें सैनिक फायरिंग करते और मोबाइल से वीडियो रिकॉर्ड करते दिखाई दे रहे हैं। हादसे के बाद चीनी हथियारों पर सार्वजनिक विश्वास कम होने की संभावना है।

चीन के हथियार: भरोसेमंद या खतरे की घंटी?

चीन की सेना उपकरणों की विश्वसनीयता पर लगातार सवाल उठ रहे हैं। PHL-81 का हादसा, JF-17 फाइटर जेट के दावे, और HQ-9 डिफेंस सिस्टम की असफलता ने यह साबित किया कि चीन के हथियार हर परिस्थिति में भरोसेमंद नहीं हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसे हथियारों का उपयोग सीमित युद्ध और सतर्क ऑपरेशन्स तक ही सुरक्षित माना जाना चाहिए।
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