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August 21, 2025

अहमदाबाद छात्र हत्याकांड के आरोपी की निर्मम चैट आई सामने, विहिप- बजरंगदल का बंद का आह्वान

The CSR Journal Magazine
 Ahmedabad Student Murder: गुजरात के अहमदाबाद में मामूली विवाद के बाद एक छात्र ने सीनियर छात्र को चाकू घोंप दिया। छात्र बुरी से घायल हो गया, जिसकी इलाज के दौरान मौत हो गई। इसके बाद परिजनों और दूसरे अभिभावकों ने स्कूल पर प्रदर्शन किया। संतोषजनक जवाब नहीं मिलने पर उन्होंने तोड़फोड़ भी की। इस मुद्दे पर अब हिंदू संगठनों ने बंद का आह्वान किया है।

अहमदाबाद में स्कूली छात्र के हत्याकांड मामले ने पकड़ा सियासी रंग

अहमदाबाद में स्कूल में छात्र की हत्या के मामले ने तूल पकड़ लिया है। बुधवार को घटना से गुस्साए अभिभावकों ने जहां स्कूल के बाहर हंगामा और तोड़फोड़ थी, वहीं अब इस मुद्दे पर हिंदू संगठनों ने भी मोर्चा खोल दिया है। विश्व हिंदू परिषद (VHP) और बजरंग दल ने गुरुवार को 10वीं के छात्र की हत्या के विरोध में मणिनगर, काकरिया, ईसनपुर इलाकों में बंद का ऐलान किया है तो वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस की स्टूडेंट विंग NSUI भी मैदान में आ गई है। NSUI ने सुबह 11:30 बजे खोखरा के Seventh Day School में तालाबंदी का ऐलान किया है। मृतक और हत्यारोपी छात्र दोनों अलग-अलग धर्म से है। हिंदू छात्र की हत्या पर VHP और बजरंग दल का गुस्सा सामने आया है। अहमदाबाद पुलिस ने प्रदर्शन को देखते हुए सुरक्षा व्यवस्था कड़ी की है।

छात्र की निर्मम हत्या ने पूरे शहर को हिला दिया

अहमदाबाद शहर के खोखरा इलाके में स्थित सेवेंथ डे स्कूल में हुई इस दर्दनाक घटना ने पूरे शहर को झकझोर कर रख दिया। स्कूल के दसवीं कक्षा के छात्र नयन पर उसी स्कूल के उसके जूनियर छात्र ने चाकू से हमला कर दिया। इस हमले में गंभीर रूप से घायल नयन की इलाज के दौरान मौत हो गई। इस घटना के बाद पूरे इलाके में शोक का माहौल है। जानकारी के मुताबिक, जिस वक्त छात्र नयन को चाकू मारा गया था, उस दौरान वो किसी और से बहस कर रहा था। लेकिन आरोपी के पास चाकू था और खुद को ताकतवर दिखाने के लिए उसने घटना को अंजाम दिया। घटना के बारे में आरोपी ने अपने दोस्त को जानकारी दी। उसने ये भी कहा कि जिस छात्र को उसने चाकू मारा है वो मर गया है।

आरोपी छात्र ने चैट में कुबूला गुनाह, दोस्त को सुनाया खौफनाक वारदात का किस्सा

अहमदाबाद के एक स्कूल में 10वीं के छात्र की चाकू से हत्या के बाद मामला लगातार तूल पकड़ रहा है। ताजा खुलासे में सामने आया है कि आरोपी छात्र ने अपने एक दोस्त के साथ चैट में वारदात की पूरी कहानी खुद बताई थी। चैट में उसने कुबूल किया कि उसने किस तरह चाकू मारा और कैसे इस खौफनाक घटना को अंजाम दिया।
एक सोशल मीडिया चैट में आरोपी छात्र से उसके दोस्त ने पूछा, ”भाई, आज कुछ किया क्या?” इस पर आरोपी छात्र ने ठंडे अंदाज़ में जवाब दिया, “हां।” इसके बाद उसके दोस्त ने सीधा सवाल किया, ”तुमने चाकू मारा था?” आरोपी ने पलटकर सवाल किया, “तुम्हें किसने बताया?” चैट का सिलसिला यहीं नहीं थमा। आरोपी छात्र के दोस्त ने उसे बताया कि जिसे उसने चाकू मारा था, ”वो मर गया।” इस पर आरोपी ने हैरान करने वाला सवाल किया, ”कौन था वो वैसे?” यह देखकर साफ झलकता है कि आरोपी को खुद यह पता नहीं था कि उसने किसकी हत्या कर दी है।

खौफनाक घटना को अंजाम देने के बाद भी बेपरवाह था आरोपी

ये भी बात सामने आई है कि नयन की बहस दरअसल किसी और छात्र से हो रही थी। लेकिन आरोपी के पास चाकू था और खुद को ताकतवर दिखाने की मंशा से उसने अचानक हमला कर दिया। चैट में जब उसके दोस्त ने दोबारा पूछा, ”तूने ही चाकू मारा था?” इस पर आरोपी ने बिना झिझक कहा, हां तो!” यह जवाब दिखाता है कि वह इस जघन्य अपराध को लेकर कितना लापरवाह और बेपरवाह था। इतना ही नहीं, चैट में आरोपी के दोस्त ने उसे समझाया भी, ”नयन को मारना नहीं चाहिए था।” लेकिन आरोपी ने इस सलाह को भी हल्के में लेते हुए जवाब दिया- ”छोड़ ना, अब जो हो गया सो हो गया।” यानी कत्ल के बाद भी आरोपी को किसी सजा का कोई डर नहीं था।

छात्र की हत्या की वजह

मृतक छात्र नयन सिंधी कम्युनिटी से था। वह अहमदाबाद के घोडासर इलाके का निवासी था और कक्षा 10 में अंग्रेजी माध्यम का विद्यार्थी था। एक सप्ताह पहले वह अपने चचेरे भाई के साथ सीढ़ियों से उतर रहा था, तभी कक्षा 8 के दो छात्रों से धक्का-मुक्की हो गई थी। इसके बाद से दोनों पक्षों के बीच झगड़े की स्थिति बनी रहती थी। जांच में सामने आया कि आरोपी छात्र के खिलाफ पहले भी कई शिकायतें हुई थीं। पुलिस ने उसे Juvenile Act के तहत हिरासत में ले लिया है। स्कूल प्रबंधन ने बताया कि उन्होंने घायल छात्र को तुरंत अस्पताल पहुंचाया, लेकिन समय पर 108 एम्बुलेंस नहीं पहुंची थी। इसलिए निजी वाहन से उसे ले जाया गया।

नयन के परिजनों ने लगाया स्कूल पर आरोप

मृतक छात्र नयन के परिजनों ने आरोप लगाया है कि घटना को अंजाम देते वक्त आरोपी छात्र की कई अन्य लोगों ने मदद की थी। वहीं उन्होंने स्कूल प्रशासन पर घटना से जुड़े सबूतों को मिटाने का आरोप लगाया है। पुलिस इस पूरे मामले की जांच कर रही है। साथ ही परिजनों के आरोपों पर कहा कि अगर इस मामले में अन्य लोगों की संलिप्तता पाई जाती है तो उनकी गिरफ्तारी की जाएगी। छात्र की मौत के बाद परिवार में भारी आक्रोश है। पुलिस की मौजूदगी में 500 से ज्यादा लोगों की भीड़ ने स्कूल में हेडमास्टर पर हमला किया। स्कूल में तोड़फोड़ भी की गई। शिक्षकों और सुरक्षा गार्डों पर भी हमला किया गया। लोगों ने पुलिस वैन रोककर जाम लगा दिया।

घटना ने लिया सांप्रदायिक रंग

इस घटना ने सांप्रदायिक रंग भी ले लिया है। आरोपी छात्र अल्पसंख्यक समुदाय से है, जबकि पीड़ित सिंधी समाज से था। पीड़ित परिवार का कहना है कि यदि इस बार सख्त कार्रवाई नहीं हुई तो भविष्य में ऐसी घटनाएं दोहराई जाती रहेंगी। बढ़ते तनाव के बीच स्थानीय विधायक अमूल भट्ट को हाथ जोड़कर भीड़ से शांति बनाए रखने की अपील करनी पड़ी। राज्य के शिक्षा मंत्री प्रफुल्ल पनशेरिया ने इस हत्या को दुर्भाग्यपूर्ण बताया।

स्कूल की NOC हो सकती है रद्द

छात्र को चाकू लगने के बाद उसे अस्पताल ले जाया गया था। घायल छात्र की मंगलवार में ही मौत हो गई। अभिभावकों का आरोप है कि स्कूल छात्रों की बारीकी से जांच नहीं करता, जिसके कारण बच्चे हथियार और नॉनवेज भोजन तक स्कूल में ले आते हैं। अभिभावकों ने कहा कि बार-बार शिकायत करने के बावजूद प्रबंधन ने कार्रवाई नहीं की। अभिभावकों का कहना है कि अब बच्चों को स्कूल भेजने में भी डर लगने लगा है। शिक्षा विभाग ने लोगों को यह आश्वासन दिया कि अगर स्कूल की लापरवाही पाई गई तो उनकी NOC रद्द भी की जा सकती है।

क्यों बढ़ रही है बच्चों में हिंसक प्रवृत्ति

बदलते सामाजिक परिवेश व आधुनिकता के कारण बच्चों में हिंसक प्रवृति बढ़ रही है। इसके लिए अभिभावक भी कम जिम्मेवार नहीं है। आज कल के बच्चों को अभिभावक घर से बाहर कही आसपड़ोस में जाने नहीं देते तो दुसरी तरफ उस पर भविष्य में उसे क्या करना है या क्या बनना है का दवाब भी देते हैं। इसके अलावा बीते कोरोना काल में बच्चों के खेलने-कूदने का मुक्त वातावरण नहीं मिला, जिससे बच्चों में सामाजिक दूरी एवं मित्रता का अभाव हो गया है। सीमित घर के वातावरण में थोड़ी- बहुत गलती पर उनके अभिभावक द्वारा मारपीट करना भी एक बड़ी समस्या बन गई है। कोरोना काल में आनलाइन स्टडी के दौरान मोबाईल के अत्यधिक प्रयोग से बच्चों में चिड़चिड़ापन एवं उनका मानसिक स्वास्थ्य बहुत हद तक प्रभावित हुआ है। कोरोना काल में बच्चों द्वारा आनलाइन स्टडी के दौरान अनेक प्रकार की हिंसात्मक गेम्स जैसे FreeFire, PubG आदि खतरनाक वीडियों गेम्स में अत्यधिक रुचि से भी उनकी मानसिक स्थिति पर असर पड़ा।

छोटी उम्र में बड़े कारनामे

दिल्ली के ज्योति नगर इलाके के एक सरकारी स्कूल में कुछ छात्रों ने 10वीं के छात्र की पीट-पीटकर हत्या कर दी। दिल्ली से सटे गुरुग्राम के एक बड़े निजी स्कूल में हुई बहुचर्चित प्रद्युम्न हत्याकांड समाज को झकझोर कर रख देने वाली घटना है। गुजरात के वड़ोदरा में एक छात्र की चाकू से 31 बार वार कर हत्या कर दी गई। दक्षिणी राज्य तमिलनाडु की राजधानी चेन्नई के सेंट मैरी एग्लो इंडियन स्कूल में 12वीं कक्षा के एक छात्र ने प्रधानाचार्य की हत्या कर दी। देशभर में इस तरह की कई घटनाएं हैं, जो स्कूली छात्रों में पनप रही हिंसा की प्रवृत्ति की ओर इशारा करती हैं। ये घटनाएं समाज के लिए खतरे की घंटी हैं।
दिल्ली विश्वविद्यालय में मनोविज्ञान के प्रोफेसर डॉक्टर नवीन कुमार स्कूली छात्रों की प्रवृत्ति में आए बदलाव के बारे में बताते हैं, “स्कूली बच्चों द्वारा हिंसा, कुंठा और दबाव का नतीजा है। स्कूली बच्चों की प्रवृत्ति में आए बदलाव के पीछे तीन कारण हैं, जिसमें पहला है कि परिवारों का बच्चों से संवाद कम हो गया है। माता-पिता बच्चों को अधिक समय नहीं दे पा रहे हैं जिस कारण बच्चों में नैतिक मूल्य का निर्माण नहीं हो पा रहा है। इससे बच्चों में सहयोग व सद्भाव वाली भावना घट रही है। दूसरा कारण है शिक्षा प्रणाली! जब तक स्कूली बच्चों की शिक्षण प्रणाली सही नहीं होगी, तब तक वे मानसिक दबाव और तनाव में रहेंगे ही। वे कब क्या कर बैठेंगे, कोई नहीं जानता!”
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