विज्ञान जगत से आई एक दिलचस्प खोज ने पारंपरिक धारणाओं को झकझोर दिया है। नवीनतम अनुसंधान के अनुसार, बच्चों की अधिकांश बुद्धिमत्ता (Intelligence) उन्हें अपने मां के जीन से विरासत में मिलती है, न कि पिता से। वैज्ञानिकों का कहना है कि बुद्धि से जुड़ी अधिकांश अनुवांशिक जानकारी X क्रोमोसोम पर स्थित होती है, जो मां से बच्चों में अधिक मात्रा में स्थानांतरित होता है।
मां की गोद: पहले स्कूल की पहली प्रयोगशाला
“बच्चा मां की गोद में ही दुनिया को समझना शुरू करता है।” यह बात अब केवल भावनात्मक नहीं, वैज्ञानिक रूप से भी सत्य सिद्ध हो चुकी है। नवीनतम आनुवांशिक शोधों ने यह स्पष्ट कर दिया है कि बच्चों की बुद्धिमत्ता का बड़ा हिस्सा मातृ पक्ष से मिलता है। जहां पिता जीवन में दिशा और अनुशासन देते हैं, वहीं मां, मस्तिष्क की बुनियादी संरचना और संज्ञानात्मक क्षमताओं (Cognitive Abilities) की नींव रखती है। ब्रिटेन और जर्मनी के वैज्ञानिकों द्वारा किए गए इस अध्ययन में लगभग 13,000 बच्चों के जीनोम और संज्ञानात्मक विकास (Cognitive Development) का विश्लेषण किया गया। शोध में यह पाया गया कि बच्चों की IQ (बुद्धिलब्धि) का लगभग 60 प्रतिशत हिस्सा मातृ अनुवांशिक तत्वों से संबंधित है। पिता की भूमिका भी होती है, लेकिन उसका प्रभाव मुख्यतः पर्यावरणीय और व्यवहारिक कारकों पर निर्भर करता है, न कि सीधे आनुवंशिकी पर।
X और Y क्रोमोसोम का संबंध
वैज्ञानिकों के अनुसार, बुद्धिमत्ता से जुड़े कई जीन X क्रोमोसोम पर पाए जाते हैं। महिलाओं के पास दो X क्रोमोसोम (XX) होते हैं। पुरुषों के पास एक X और एक Y क्रोमोसोम (XY) होता है। इसका अर्थ यह हुआ कि बच्चा अपनी मां से अधिक मात्रा में X-आधारित जीन प्राप्त करता है, जो उसकी बुद्धिमत्ता पर गहरा प्रभाव डालते हैं। जर्मनी के मैक्स प्लांक इंस्टीट्यूट के वैज्ञानिकों ने बताया कि यह जीन मस्तिष्क के “कॉर्टेक्स” हिस्से को प्रभावित करते हैं। वही क्षेत्र, जो तर्क, विश्लेषण और निर्णय क्षमता के लिए जिम्मेदार होता है।
मां से भावनात्मक जुड़ाव बनाता है मस्तिष्क को सक्रिय
बुद्धिमत्ता केवल जीन का खेल नहीं है। शोध बताते हैं कि जिन बच्चों को मां से सुरक्षित भावनात्मक जुड़ाव (Secure Emotional Bond) मिलता है, उनका मस्तिष्क अधिक सक्रिय और संतुलित रूप से विकसित होता है। कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी की एक मनोवैज्ञानिक रिपोर्ट में कहा गया है, “मां का प्रेम और संवाद बच्चे के मस्तिष्क में ऐसे न्यूरल नेटवर्क बनाते हैं जो आत्मविश्वास और सीखने की क्षमता को बढ़ाते हैं।” बच्चे के शुरुआती पांच वर्ष सबसे महत्वपूर्ण माने जाते हैं। इस दौरान मां द्वारा दी गई बातचीत, कहानी सुनाना, खेल, और सकारात्मक प्रोत्साहन मस्तिष्क के हजारों कनेक्शन को सक्रिय करते हैं।
मां की भूमिका सिर्फ जीन तक सीमित नहीं
शोध में यह भी पाया गया कि मातृ प्रेम, पालन-पोषण और प्रारंभिक वर्षों में मिलने वाला भावनात्मक समर्थन भी बच्चे की बुद्धिमत्ता और सामाजिक कौशल के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी के मनोवैज्ञानिकों के अनुसार, वे बच्चे जिनका अपनी माताओं से भावनात्मक जुड़ाव मजबूत होता है, वे आगे चलकर अधिक आत्मविश्वासी, तार्किक और समस्या समाधान में सक्षम बनते हैं।
बुद्धिमत्ता को प्रभावित करने वाले अन्य कारक
बच्चों की बुद्धिमत्ता का लगभग 60–70 प्रतिशत हिस्सा आनुवंशिक होता है। इन आनुवंशिक कारकों में मातृ पक्ष की भूमिका प्रमुख पाई गई है। पिता का योगदान मुख्यतः पर्यावरण, शिक्षा और अनुशासनात्मक व्यवहार के माध्यम से होता है। अन्य कारकों में-
पोषण (Nutrition)- प्रोटीन, आयरन और ओमेगा-3 फैटी एसिड युक्त आहार मस्तिष्क विकास में सहायक।
नींद (Sleep)- पर्याप्त नींद मस्तिष्क की स्मृति और निर्णय क्षमता को बढ़ाती है।
शिक्षा (Education)– पढ़ने-लिखने की आदत, चर्चा और सवाल पूछने की प्रवृत्ति IQ बढ़ाती है।
पर्यावरण (Environment)- सकारात्मक पारिवारिक माहौल और सीखने का अनुकूल वातावरण सबसे बड़ा कारक है।
पिता की भूमिका: दिशा देने वाला हाथ
हालांकि पिता से प्राप्त जीनों का बुद्धिमत्ता पर सीधा प्रभाव कम माना गया है, लेकिन पर्यावरणीय और सामाजिक रूप से पिता की भूमिका बेहद अहम है। पिता बच्चे को अनुशासन, समस्या-समाधान और निर्णय क्षमता सिखाते हैं। वे बौद्धिक ऊर्जा को व्यवहारिक दिशा देने में मदद करते हैं। अर्थात् मां “सोचने की क्षमता” देती है, पिता “जीवन में उसे उपयोग करने की समझ”। जेनेटिक वैज्ञानिक डॉ. हेलेना मॉरिसन का कहना है, “यह कहना गलत नहीं होगा कि बच्चों की बुद्धिमत्ता की जड़ें मां के जीन में होती हैं। लेकिन यह भी सच है कि पिता और पारिवारिक वातावरण उसे दिशा देते हैं।”
मां रखती है बुद्धि की नींव
यह अध्ययन दर्शाता है कि मां न केवल जीवन देती है, बल्कि बुद्धि की नींव भी रखती है। हालांकि, वैज्ञानिक यह भी मानते हैं कि पर्यावरण, शिक्षा और अनुभव भी उतने ही आवश्यक हैं, जो किसी बच्चे को असल में “बुद्धिमान” बनाते हैं। हालांकि इसपर मतभेद हमेशा आते रहे हैं। “मां केवल जन्म नहीं देती! वह सोचने, समझने और जानने की शक्ति भी देती है।” वैज्ञानिक अब उस सच्चाई को साबित कर रहे हैं, जिसे मानवता सदियों से महसूस करती आई है- बुद्धि की जड़ें मां के भीतर होती हैं।
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