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सीएसआर से बना यूट्यूबर्स के लिए स्टूडियो, एक ही गांव में 40 यूट्यूबर

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सीएसआर से बना यूट्यूबरों के लिए स्टूडियो, एक ही गांव में 40 यूट्यूबर
 
समाज की दुश्वारियों और जिंदगी की परेशानियों को खत्म करने के लिए सीएसआर का रोल बहुत महत्वपूर्ण होता है। ये एक बार फिर से साबित हो गया है। अमूमन सीएसआर का इस्तेमाल स्वास्थ्य, शिक्षा या अन्य सामाजिक बुराईयों के खात्मे के लिए इस्तेमाल किया जाता है लेकिन छत्तीसगढ़ के रायपुर जिले के अंतगर्त आने वाले तुलसी नेवरा गांव में सीएसआर का फंड स्टूडियो बनाने के लिए इस्तेमाल किया गया है। दरअसल तुलसी नेवरा गांव की एक अलग ही पहचान है। इस गांव का न केवल Chhattisgarh प्रदेश में बल्कि देश में भी इस गांव की सराहना हो चुकी है। वजह है इस गांव के लोग। तुलसी नेवरा गांव के लोग इतने ज्यादा क्रिएटिव है कि प्रदेश में यह एक अकेला ऐसा गांव है जहां पर 40 से ज्यादा यूट्यूबर (YouTubers Village Chhattisgarh) मौजूद हैं। इन सभी के खुद के यूट्यूब चैनल हैं। लगभग चार हजार जनसंख्या वाला यह गांव रायपुर से 60 किलोमीटर दूर स्थित है।

सीएसआर से बना स्टूडियो, छत्तीसगढ़ जिला प्रशासन ने यूट्यूबर्स की मदद

इन यूट्यूबर्स के लाखों में फॉलोवर हैं। गांव के युवाओं के लिए यूट्यूब रोजगार का अहम साधन बन गया है। युवाओं की पहल को देखते हुए जिला प्रशासन और गांव की पंचायत ने कॉरपोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी (Corporate Social Responsibility – सीएसआर) से 12 लाख रुपये में दो कमरों का स्टूडियो बनवा दिया है। ताकि इन Youtubers को वीडियो और रील्स बनाने में सहूलियत और आसानी हो। The CSR Journal से ख़ास बातचीत करते हुए रायपुर कलेक्टर सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे ने कहा, “राज्य की राजधानी से लगभग 45 किलोमीटर दूर स्थित तुलसी नेवरा गांव में अलग-अलग उम्र के लोग बड़ी संख्या में यूट्यूबर रहते हैं और वे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर बहुत सक्रिय हैं।

12 लाख खर्च जिला प्रशासन ने बनाया Youtubers के लिए स्टूडियो

गांव की विशेषता के बारे में जानने के बाद, हमने तुलसी का दौरा किया और आधुनिक उपकरणों और स्टूडियो के अभाव में कंटेंट क्रिएटर्स के सामने आने वाली समस्याओं का जायजा लिया। और निर्णय लिया कि जिला प्रशासन एक स्टूडियो ‘हमार फ्लिक्स’ की स्थापना करेगा। स्टूडियो की स्थापना से यूट्यूबर्स को बहुत फायदा हो रहा है। कुछ साल पहले दो युवाओं ने मिलकर वीडियो बनाकर यूट्यूब पर अपलोड करना शुरू किया। देखते ही देखते वे प्रसिद्ध हो गए। उनसे प्रेरणा लेकर दूसरे युवा इस पहल का हिस्सा बन गए।

छत्तीसगढ़ का ऐसा गांव जहां है 40 से ज्यादा यूट्यूबर्स

यहां लोगों ने अपना-अपना ग्रुप तैयार किया है। बता दें कि करीब छह साल में ही गांव में लगभग दो हजार लोग कलाकार बन चुके हैं। ये सभी लोग यूट्यूब, फेसबुक, इंस्टाग्राम में वीडियो, रील्स अपलोड करके हर महीने 10 से 30 हजार रुपये तक की कमाई कर रहे हैं। यहां के स्थानीय निवासी बताते हैं कि गांव में पहले तो वीडियो बनाने के आधुनिक सुविधाएं नहीं इसलिए गांव के लोग अक्सर ही शहर जाकर कैमरा और एडिटिंग जैसी जरूरतों को पूरा करते थे। लेकिन जब से CSR से ‘हमर फ्लिक्स’ नामक साउंड प्रूफ स्टूडियो बना है जहां आधुनिक कैमरा, कंप्यूटर, इंटरनेट की सुविधा भी है तब से सभी लोग वीडियो बनाने के लिए इसी स्टूडियो का इस्तेमाल करते है।