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May 31, 2025

500 रुपये का नोट बंद करे सरकार-चंद्रबाबू नायडू ने की PM से मांग 

आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने TDP के सालाना सम्मेलन ‘महानाडु’ में केंद्र सरकार से अपील की, कि वह 500, 1000 और 2000 रुपये के नोटों को चलन से बाहर करें। उन्होंने कहा कि देश को डिजिटल भुगतान की ओर तेजी से बढ़ना चाहिए ताकि भ्रष्टाचार पर लगाम लग सके।

नायडू ने कहा डिजिटल करन्सी को करें प्रमोट

आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री और तेलुगू देशम पार्टी (TDP) के अध्यक्ष एन. चंद्रबाबू नायडू ने केंद्र सरकार से आग्रह की है। नायडू ने कहा कि वह 500, 1,000 और 2,000 रुपये के बड़े मूल्यवर्ग के नोटों को चलन से बाहर करे और देश को पूरी तरह डिजिटल भुगतान की ओर ले जाए। नायडू का मानना है कि इस कदम से न केवल भ्रष्टाचार पर लगाम लगेगी, बल्कि राजनीति और प्रशासन में भी पारदर्शिता आएगी। YSR Kadappa में तेलुगु देशम पार्टी (TDP) की वार्षिक महानाडु सभा के दौरान चंद्रबाबू नायडू ने बड़ा बयान देते हुए प्रधानमंत्री मोदी से अपील की कि देश को अब Digital Currency की ओर पूरी तरह से बढ़ना चाहिए। इसके लिए जरूरी है कि 500 और 2000 रुपये के नोटों को पूरी तरह बंद कर दिया जाए। उन्होंने कहा कि इससे न केवल काले धन पर लगाम लगेगी, बल्कि चुनावी फंडिंग में भी पारदर्शिता बढ़ेगी।

2016 में भी दिया था सुझाव

दरअसल चंद्रबाबू नायडू ने कहा कि वह पहले भी प्रधानमंत्री मोदी को डिजिटल करेंसी को लेकर रिपोर्ट सौंप चुके हैं और उसी समय उन्होंने सुझाव दिया था कि 500, 1000 और 2000 रुपये के नोटों को बंद किया जाना चाहिए। नायडू ने पहले भी 2016 में ₹500 और ₹1,000 के नोटों को बंद करने की मांग की थी, जिसे केंद्र सरकार ने उसी वर्ष लागू किया था। हाल ही में, उन्होंने बैंकों से आग्रह किया है कि वे बड़े मूल्यवर्ग के नोटों के उपयोग को कम करें और डिजिटल भुगतान को प्रोत्साहित करें, ताकि भ्रष्टाचार पर नियंत्रण पाया जा सके। नायडू का मानना है कि डिजिटल साक्षरता और डिजिटल मुद्रा भविष्य की आवश्यकता हैं, जो पारदर्शिता बढ़ाने और भ्रष्टाचार को कम करने में सहायक होंगी।

काले धन पर लगाम लगाने की रणनीति का हिस्सा

दरअसल चंद्रबाबू नायडू का तर्क है कि बड़े नोटों की मौजूदगी ही काले धन को जन्म देती है, क्योंकि इन्हें छिपाना आसान होता है। उन्होंने कहा, “अब अगर हम डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देते हैं और हार्ड करेंसी का इस्तेमाल कम करते हैं, तो ट्रांजैक्शन ट्रेस करना आसान हो जाएगा। इससे सरकार को टैक्स चोरी रोकने में मदद मिलेगी और भ्रष्टाचार पर भी नियंत्रण होगा।” उनके मुताबिक, विश्व भर में कई देश डिजिटल करेंसी की ओर तेजी से बढ़ रहे हैं, और भारत को भी इस दिशा में ठोस कदम उठाने चाहिए। उन्होंने कहा कि इस दिशा में यदि अब कोई बड़ा फैसला लिया जाए, तो आने वाले समय में भारत दुनिया की सबसे पारदर्शी अर्थव्यवस्था बन सकता है।

पहले भी कर चुके हैं कैशलेस इकोनॉमी की वकालत

हालांकि ये पहली बार नहीं है जब नायडू ने नोट को लेकर ऐसी बात कही है, उन्होंने नोटबंदी के बाद 2016 में भी सरकार को ये सुझाया था। नायडू ने याद दिलाया कि 2016 में केंद्र सरकार की ओर किए गए नोटबंदी अभियान के बाद उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को डिजिटल करेंसी लाने का सुझाव दिया था। उनका कहना है कि अगर उस समय से देश पूरी तरह डिजिटल भुगतान की दिशा में बढ़ता, तो आज भ्रष्टाचार की स्थिति काफी हद तक सुधर चुकी होती।

नीति आयोग के अध्यक्ष रह चुके हैं नायडू

नायडू पहले भी नीति आयोग द्वारा गठित उस समिति के अध्यक्ष रह चुके हैं, जिसका उद्देश्य देश को कैशलेस इकोनॉमी की ओर बढ़ाना था। उन्होंने कहा कि डिजिटल ट्रांजैक्शन से न सिर्फ ट्रैकिंग आसान होगी, बल्कि टैक्स चोरी और रिश्वतखोरी जैसे मामलों में भी कमी आएगी। नायडू ने कहा कि जब तक बाजार और व्यवस्था में कैश का बोलबाला रहेगा, तब तक भ्रष्टाचार भी रहेगा। उन्होंने इसे सिर्फ आर्थिक नहीं, बल्कि प्रशासनिक और नैतिक सुधार का मुद्दा बताया। उन्होंने कहा, “डिजिटल करेंसी से हर लेन-देन का रिकॉर्ड रहेगा। अगर कोई भी गलत काम होगा, तो वह तुरंत पकड़ा जा सकेगा।”

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