CBSC 2025-26 से 10वीं बोर्ड परीक्षा दो बार आयोजित करेगा जो फरवरी के दूसरे सप्ताह में शुरू होगी। परीक्षा के बीच का अंतराल कम कर दिया गया है। दो पेपर्स के बीच अब केवल दो दिन का गैप मिलेगा। 10वीं की पहली परीक्षा में सभी छात्रों को शामिल होना अनिवार्य है, जबकि दूसरी परीक्षा मई में होगी जिसमें छात्र तीन विषयों का चयन कर सकते हैं।
CBSC ने घटाया पेपर्स के बीच का अंतराल
केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा CBSC द्वारा वर्ष 2025-26 की 10वीं बोर्ड परीक्षा दो बार आयोजित की जाएगी। यह परीक्षा फरवरी के दूसरे सप्ताह में शुरू होगी। CBSC ने इस बार 10वीं में विद्यार्थियों को परीक्षा के बीच मिलने वाले गैप को भी कम कर दिया है। नए नियम के अनुसार, 10वीं के विद्यार्थियों को परीक्षा के बीच में मात्र दो दिन का गैप मिलेगा। इससे पहले 10वीं की परीक्षा में विद्यार्थियों को एक विषय के बाद तीन से चार दिनों का गैप मिला करता था, जिसके चलते परीक्षाएं तकरीबन महीने भर तक चलती थीं। लेकिन गैप कम करने से छात्र जल्दी ही परीक्षाओं के तनाव से बाहर आ पाएंगे।
12वीं के परीक्षा नियमों में कोई बदलाव नहीं
12वीं बोर्ड की परीक्षा में गैप के अंतर में कोई बदलाव नहीं किया गया है। 10वीं की बोर्ड परीक्षा में पहले के मुकाबले गैप कम होने से परीक्षा करीब 20 दिनों ही समाप्त हो जाएगी। CBSC बोर्ड के अनुसार, 10वीं की बोर्ड परीक्षा का रिजल्ट भी अप्रैल के पहले या दूसरे सप्ताह तक जारी कर दिया जाएगा। इससे पहले 10वीं की बोर्ड परीक्षा का रिजल्ट मई जारी होता था। 10वीं बोर्ड की दूसरी परीक्षा मई माह में आयोजित होगी। इसी को लेकर 10वीं की पहली परीक्षा में मिलने वाले गैप को कम किया गया है।
दूसरी परीक्षा में किन्हीं तीन विषयों का ही होगा ऑप्शन
CBSC बोर्ड ने कहा है कि 10वीं की पहली परीक्षा में सभी विद्यार्थियों को शामिल होना अनिवार्य है। मई में होने वाले दूसरी परीक्षा में छात्रों को तीन विषयों में ही परीक्षा देने का मौका मिलेगा, जिसका चयन छात्र खुद करेंगे। 12वीं की परीक्षा भी फरवरी के दूसरे सप्ताह में शुरू होने की संभावना है।
छात्रों, माता-पिता और शिक्षकों के लिए भी दिए CBSC ने सुझाव
CBSC ने छात्रों से कहा कि वर्ष भर पढ़ाई को गंभीरता से लें ताकि दोनों अवसरों में विकल्प खुला रहे। पहले प्रयास में ही सर्वश्रेष्ठ देने का प्रयास करें। दूसरी परीक्षा बैकअप की तरह लें। मानसिक स्वास्थ्य का भी ध्यान रखें। बार-बार परीक्षा के बोझ से स्वयं को थकाएं नहीं। CBSC का यह बदलाव 2026 से लागू होगा यानी मौजूदा कक्षा 8 के छात्र जब 10वीं में होंगे तब यह नियम लागू होगा। CBSC इस निर्णय को चरणबद्ध तरीके से लागू करेगा और स्कूलों को पूर्व सूचना और दिशा-निर्देश देगा।
CBSC की नई व्यवस्था का उद्देश्य
CBSC का मकसद है छात्रों पर बोर्ड परीक्षा का दबाव कम करना। दो अवसर देने से छात्र बेहतर प्रदर्शन कर सकेंगे। सिर्फ उसी परीक्षा का परिणाम मान्य होगा जिसमें छात्र ने बेहतर अंक प्राप्त किए होंगे। छात्र वर्ष में दो बार परीक्षा दे सकेंगे। यदि पहली बार में छात्र अपने प्रदर्शन से संतुष्ट नहीं होता है तो वह अगली परीक्षा में फिर से शामिल हो सकता है। सबसे खास बात यह है कि यदि छात्र दोनों बार परीक्षा देता है, तो जिसमें बेहतर अंक आएंगे वही अंक प्रमाणपत्र में दर्ज होंगे। फिलहाल, यह व्यवस्था केवल कक्षा 10वीं के लिए लागू की जा रही है, लेकिन सूत्रों के अनुसार, 12वीं कक्षा में भी इसी तरह के बदलाव की संभावना पर मंथन चल रहा है।
पाठ्यक्रम में नहीं होगा कोई बदलाव
दोनों परीक्षाओं का पाठ्यक्रम समान रहेगा ताकि छात्रों को अलग-अलग तैयारी न करनी पड़े। डॉ. तापस घोष ने बताया कि छात्रों को अतिरिक्त अवसर देने का मकसद यह सुनिश्चित करना है कि वे कम दबाव में बेहतर प्रदर्शन कर सकें। यह प्रणाली उन्हें अपनी क्षमताओं को बेहतर तरीके से दर्शाने का अवसर देगी। गैप कम होने से लंबे समय तक तनाव में रहने से बच पाएंगे।
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