सपनों की नगरी मुंबई में एक ऐसा मामला सामने आया है, जिसने लग्जरी लाइफस्टाइल, सोशल मीडिया की चकाचौंध और मानसिक शोषण की कड़वी हकीकत को सामने ला दिया है। 32 वर्षीय चार्टर्ड अकाउंटेंट राज मोरे ने सांताक्रूज़ के यशवंत नगर स्थित अपने घर में आत्महत्या कर ली। पीछे छोड़ा तीन पन्नों का सुसाइड नोट, जिसमें लिखा था “मेरी मौत के जिम्मेदार सिर्फ दो लोग हैं राहुल परवानी और सबा कुरैशी।” Mumbai CA Blackmailed Over His Private Video Dies by Suicide, Lost Rs 3 Cr in 18 Months
CA Blackmailed Over His Private Video Dies: शो-ऑफ के पीछे का शोषण
राज मोरे के सुसाइड ने जिस दुनिया की परतें उधेड़ी हैं, वह सोशल मीडिया पर दिखाई देने वाले इंस्टा रील्स और डिज़ाइनर ब्रांड्स से भरी हुई दिखती है। राहुल और सबा, जिनकी इंस्टाग्राम प्रोफाइल पर महंगी गाड़ियां, विदेश यात्राएं और लग्जरी पार्टीज़ की तस्वीरें छाई रहती थीं असल में राज की मेहनत की कमाई से यह सब जी रहे थे। राज ने सालों की मेहनत से खुद को एक सफल चार्टर्ड अकाउंटेंट के रूप में स्थापित किया था। लेकिन डेढ़ साल पहले वह इन दोनों की चकाचौंध भरी जिंदगी की ओर आकर्षित हुआ। दोस्ती हुई, भरोसा बना और फिर शुरू हुआ एक खतरनाक खेल, निजी वीडियो के ज़रिए ब्लैकमेलिंग का।
3 करोड़ की वसूली, टूट गया एक जिंदगी भर का संघर्ष CA Blackmailed
डीसीपी जोन 8 मनीष कलवानिया ने बताया कि राहुल परवानी और सबा कुरैशी ने राज से दोस्ती करके उसकी निजी जानकारियां और वीडियो हासिल किए। इसके बाद वीडियो लीक करने की धमकी देकर उसे लगातार पैसे देने को मजबूर किया गया। पिछले 18 महीनों में दोनों ने राज से करीब 3 करोड़ रुपये वसूले। राज ने अपनी माँ के गहने तक गिरवी रख दिए, बैंक खाते खाली हो गए, और शेयर मार्केट में जो निवेश था, वो भी ख़त्म हो गया।
सुसाइड नोट: टूटे आत्मविश्वास की दस्तावेज़ी चीख
राज मोरे ने मरने से पहले जो सुसाइड नोट छोड़ा, उसमें उसने लिखा, “मैं हार गया हूं… अब कोई रास्ता नहीं बचा… राहुल और सबा ने मेरी जिंदगी को नर्क बना दिया… मां से माफ़ी चाहता हूं…” यह सुसाइड नोट महज़ तीन पन्नों का नहीं, बल्कि उस मानसिक यातना की गवाही है, जो सोशल मीडिया की चकाचौंध के पीछे छुपी हुई होती है।
परिवार टूटा, मां बेसहारा
राज की बूढ़ी मां अब बेसहारा हैं। उन्होंने बताया कि बेटे ने कभी किसी से मदद नहीं मांगी, अकेले ही सब कुछ झेलता रहा। “उसने खुद को और अपनी इज़्ज़त को बचाने के लिए जो कुछ भी कर सकता था, किया… लेकिन ये लोग उसे बर्बाद करके ही माने।” परिवार ने आरोप लगाया कि आरोपियों ने न सिर्फ पैसे लिए, बल्कि राज को मानसिक रूप से इतना कमजोर कर दिया कि वह ज़िंदगी से हार गया।
आरोपी गिरफ्तार, न्याय की उम्मीद
फिलहाल मुंबई पुलिस ने राहुल परवानी और सबा कुरैशी को गिरफ्तार कर लिया है। उन्हें पुलिस कस्टडी में भेजा गया है और साइबर एक्सपर्ट्स के जरिए जांच की जा रही है कि उनके पास और किसके वीडियो थे। डीसीपी मनीष कलवानिया ने बताया कि यह मामला सिर्फ आत्महत्या का नहीं, एक संगठित मानसिक शोषण और ब्लैकमेलिंग का केस है, जिसमें कानूनी कार्रवाई सख्ती से की जाएगी।
सोशल मीडिया की चकाचौंध या जाल?
यह मामला सिर्फ एक व्यक्ति की मौत नहीं, बल्कि एक ऐसी सोच पर भी सवाल है जो सोशल मीडिया पर फॉलोअर्स और लाइक्स के पीछे छिपे नकली लाइफस्टाइल को असली समझ बैठती है। राज मोरे की कहानी एक चेतावनी है। हर चमकती चीज़ सोना नहीं होती, और हर मुस्कुराहट के पीछे दर्द भी हो सकता है। मुंबई पुलिस की जांच जारी है। राज मोरे को अब वापस नहीं लाया जा सकता, लेकिन अगर समय रहते यह साजिश उजागर हो जाती, तो शायद एक होनहार जिंदगी बचाई जा सकती थी। उम्मीद है कि यह केस न्याय तक पहुँचे और ऐसे मामलों में सख्त सज़ा हो, ताकि फिर कोई “राज” इस तरह टूटकर न बिखरे।