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September 20, 2025

फ्रांस-यूके की ‘वन इन-वन आउट’ स्कीम के तहत ब्रिटेन से पहला भारतीय नागरिक निर्वासित

The CSR Journal Magazine
फ्रांस और ब्रिटेन के बीच यह पायलट समझौता अगस्त 2025 से शुरू हुआ है और जून 2026 तक लागू रहेगा। इसके तहत ब्रिटेन उन प्रवासियों को फ्रांस वापस भेज सकता है जो अवैध रूप से वहां पहुंचे हैं। ब्रिटेन ने अवैध रूप से पहुंचे एक भारतीय नागरिक को फ्रांस भेज दिया है। इस भारतीय ने इंग्लिश चैनल को छोटी नाव में बैठकर पार किया था। इसके बाद उसे ब्रिटेन के अधिकारियों ने पकड़ लिया।

One In-One Out’ का पहला शिकार बना एक भारतीय

ब्रिटेन से पहली बार एक भारतीय नागरिक को हाल ही में लागू हुई ‘One In-One Out’ आव्रजन स्कीम के तहत निर्वासित किया गया है। यह स्कीम ब्रिटेन और फ्रांस के बीच हुए नए समझौते का हिस्सा है, जिसके ज़रिये दोनों देश अवैध प्रवासियों पर अंकुश लगाने और शरणार्थियों की संख्या को नियंत्रित करने की कोशिश कर रहे हैं। इंग्लिश चैनल को एक छोटी नाव से कथित तौर पर पार करके अवैध रूप से ब्रिटेन पहुंचा भारतीय नागरिक ऐसा पहला व्यक्ति बन गया, जिसे एक नयी संधि के तहत गुरुवार को फ्रांस वापस भेजा गया। बताया जा रहा है कि व्यक्ति अगस्त की शुरुआत में ब्रिटेन पहुंचा था और उसे हाल में ब्रिटेन-फ्रांस वापसी संधि के तहत हुए तथाकथित ‘One In-One Out’ समझौते के तहत हीथ्रो हवाई अड्डे से एक वाणिज्यिक उड़ान से पेरिस भेजा गया।

अवैध घुसपैठ और Human Trafficking पर लगाम कसने की कोशिश

ब्रिटेन की गृह मंत्री शबाना महमूद ने ‘One In-One Out’ आव्रजन नीति को चैनल के पार मानव तस्करों द्वारा किए जा रहे अवैध प्रवासन पर अंकुश लगाने के सरकार के प्रयास में एक ‘महत्वपूर्ण पहला कदम’ बताया। महमूद ने कहा, ‘यह हमारी सीमाओं की सुरक्षा की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहला कदम है। यह छोटी नावों से आने वाले लोगों को संदेश देता है: अगर आप अवैध रूप से ब्रिटेन में प्रवेश करते हैं, तो हम आपको वापस भेजने की कोशिश करेंगे।’ उन्होंने कहा, ‘मैं निष्कासन को विफल करने के अदालतों में अंतिम समय किये गए किसी भी प्रयास को चुनौती देती रहूंगी। ब्रिटेन हमेशा उन लोगों की मदद करने में अपनी भूमिका निभाएगा जो वास्तव में उत्पीड़न से भाग रहे हैं, लेकिन यह सुरक्षित, कानूनी जरिये किया जाना चाहिए।’

निर्वासित भारतीय की पहचान गुप्त

ब्रिटेन के गृह मंत्रालय के अनुसार, इस योजना के तहत यदि ब्रिटेन किसी अवैध प्रवासी को फ्रांस भेजता है, तो बदले में उसे फ्रांस से एक वैध प्रवासी को स्वीकार करना होगा। इसी प्रक्रिया के तहत एक भारतीय नागरिक को यूके से बाहर भेजा गया है। हालांकि, अधिकारी ने उसकी पहचान और पृष्ठभूमि का खुलासा करने से इनकार किया है। गृह मंत्रालय के सूत्रों ने बताया कि निर्वासित व्यक्ति एक भारतीय नागरिक है, जिसे फ्रांस लौटने पर अपने देश में स्वैच्छिक वापसी के लिए भुगतान की पेशकश की जाएगी। सूत्रों ने बताया कि अगर वह स्वैच्छिक योजना को स्वीकार नहीं करता है, तो वह शरण के लिए आवेदन नहीं कर पाएगा और उसे जबरन निर्वासन का सामना करना पड़ सकता है।

ब्रिटेन का घुसपैठियों को कड़ा संदेश

सरकारी प्रवक्ता ने कहा, “यह व्यवस्था हमारे शरण प्रणाली को संतुलित करेगी और अवैध रास्तों से आने वालेलोगों के खिलाफ कड़ा संदेश देगी। हम चाहते हैं कि लोग सुरक्षित और कानूनी चैनलों के माध्यम से ही ब्रिटेनआएं।” विशेषज्ञों का मानना है कि इस कदम का असर भविष्य में उन भारतीयों और दक्षिण एशियाई नागरिकों पर भी पड़ सकता है, जो रोज़गार या शरण की तलाश में ब्रिटेन और यूरोप की ओर जाते हैं। इमिग्रेशन विशेषज्ञों के मुताबिक, यह समझौता ब्रिटेन की कड़ी आव्रजन नीति को और सख़्त बनाएगा।

आगे की चुनौतियां

‘One In-One Out’ समझौता ब्रिटेन सरकार के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है, जो प्रवासन पर अपनी राय को नियंत्रित करने के लिए संघर्ष कर रही है। सुधारों से पीछे हटते हुए, सरकार ने हाल ही में Immigration Law को सख्त रखने का प्रस्ताव रखा है, जिसमें ब्रिटिश नागरिकता प्राप्त करना कठिन और लंबा बनाना, और कानूनी प्रवास मार्गों में कटौती करना शामिल है। यह Brexit के बाद ब्रिटेन की प्रवासन रणनीति में एक उल्लेखनीय बदलाव का भी प्रतीक है। लेकिन इसके विवरण और कार्यान्वयन को लेकर अभी भी सवाल बने हुए हैं। फ़्रांसीसी राष्ट्रपति ने इसे चैनल पार करने वालों के लिए एक बड़ी बाधा बताया, क्योंकि इससे प्रवासी ब्रिटेन में नहीं रहेंगे, बल्कि उन्हें फ़्रांस वापस भेज दिया जाएगा। मैक्रों ने कहा कि फ़्रांस आने वाले एक-तिहाई लोग ब्रिटेन की ओर जा रहे हैं। इसलिए यह निष्कर्ष निकलता है कि चैनल पार करने पर किसी भी तरह की रोक से फ़्रांस आने वाले लोगों की संख्या में भी कमी आएगी।

बड़ी संख्या में भारतीय नागरिक ब्रिटेन की हिरासत में

ब्रिटेन और फ्रांस के बीच यह समझौता ऐसे समय में हुआ है, जब इंग्लिश चैनल के रास्ते आने वाले शरणार्थियों और प्रवासियों की संख्या में लगातार इज़ाफा देखा जा रहा है। पिछले एक वर्ष में हज़ारों लोग नावों और ट्रकों के ज़रिये ब्रिटेन पहुंचे, जिनमें बड़ी संख्या दक्षिण एशियाई देशों के नागरिकों की भी रही है। अवैध आव्रजन पर ब्रिटेन की व्यापक कार्रवाई के तहत हिरासत में लिए गए भारतीय नागरिकों की संख्या पिछले एक साल में लगभग दोगुनी हो गई है। आंकड़े के अनुसार, ब्रिटेन के आव्रजन कानून के उल्लंघन के तहत 2,715 भारतीय हिरासत में रखे गए हैं।
यह निर्वासन न केवल ब्रिटेन की नई आव्रजन नीति का पहला बड़ा उदाहरण है, बल्कि यह आने वाले समय में अंतरराष्ट्रीय प्रवास व्यवस्था पर गहरा असर डाल सकता है।
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