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November 18, 2025

2 स्कूलों और 3 अदालतों को बम से उड़ाने की धमकी, ‘जैश’ का ईमेल- राजधानी को दहलाने की साजिश या झूठा अलर्ट?

The CSR Journal Magazine
नई दिल्ली लाल किला (Red Fort) के पास हाल में हुए कार धमाके की जांच के बीच राजधानी में सुरक्षा अलर्ट फिर तेज़ हो गया है। दो CRPF-स्कूलों और तीन कोर्टों को बम धमकी वाला ईमेल भेजा गया है, जिसमें जैश-ए-मोहम्मद (JeM) का नाम सामने आया है। क्या यह धमकी असली है? जैश का जुड़ाव कितना प्रमाणित है ? और इससे राष्ट्रीय सुरक्षा में क्या असर हो सकता है?

दिल्ली में स्कूलों को मिली बम धमकी

राजधानी दिल्ली में सुरक्षा एजेंसियां एक बार फिर हाई अलर्ट पर हैं। सोमवार सुबह दिल्ली के दो स्कूलों और तीन अदालत परिसरों को एक ईमेल मिला, जिसमें बम विस्फोट की धमकी दी गई। ईमेल भेजने वाले ने खुद को जैश-ए-मोहम्मद से जुड़ा बताया है और दावा किया कि “अगर हमारी चेतावनी को नजरअंदाज किया गया तो स्कूल और कोर्ट उड़ा दिए जाएंगे।” यह खतरा ऐसे समय आया है जब अभी हाल में ही दिल्ली के रेड फोर्ट परिसर के पास ब्लास्ट की जांच चल रही है। इसलिए इस धमकी को हल्का नहीं माना जा रहा है।

क्या है बम धमकी ईमेल में?

रिपोर्टों के अनुसार, दो CRPF स्कूलों को ईमेल के ज़रिए धमकी मिली। साथ ही तीन अलग-अलग अदालतों(courts) को भी इसी तरह के धमकी वाले मेल भेजे गए। संदिग्ध मेल में यह दावा किया गया है कि अगर मांगें पूरी नहीं की गईं, तो कहीं “बम फटा” दिया जाएगा। धमकी वाले ईमेल में जैश-ए-मोहम्मद (Jaish-e-Mohammad) का नाम सामने आया है। यह समय बिल्कुल संवेदनशील है क्योंकि लाल किला धमाके की जांच चल रही है, और एक “आतंकवादी कनेक्शन” पहले से ही एजेंसियों के रडार पर है।

प्रतिक्रिया और सुरक्षा कदम

धमकी मिलने के बाद सुरक्षा एजेंसियों में हड़कंप मचा हुआ है और तुरंत सतर्कता बढ़ा दी गई है।धमकी मिलने के बाद दोनों स्कूलों से बच्चों को सुरक्षित बाहर निकाला गया। बम निरोधक दस्ता, डॉग स्क्वाड और फायर ब्रिगेड ने कक्षाओं और परिसर की जांच की। अदालत परिसरों में सुरक्षा बढ़ाई गई, प्रवेश द्वारों पर चेकिंग तेज हुई। अब तक तलाशी में कोई संदिग्ध वस्तु नहीं मिली है। अधिकारियों ने प्रभावित स्कूलों और कोर्ट परिसरों में गहन सुरक्षा तलाशी और “स्नाइफ़र कुत्तों (डॉग स्क्वाड)” के साथ चेकिंग बढ़ा दी है। साथ ही जांच एजेंसियां ईमेल के स्रोत (IP एड्रेस, सर्वर) को ट्रेस करने में जुटी हैं।

धमकी की सत्यता (क्या यह सच हो सकता है?)

दिल्ली-एनसीआर में पहले भी कई स्कूलों को बम धमकी वाले ईमेल मिले हैं, जिनमें अधिकांश को “हॉक्स / अफवाह” कहा गया। ऐसी धमकियों की शुरुआत होते ही पुलिस, बम निरोधक दल और अग्निशमन विभाग सक्रिय हो जाते हैं। पुलिस जांच में यह सामने आ चुका है कि ऐसे ईमेल भेजने वाले अक्सर VPN, फर्जी ईमेल अकाउंट और अंतरराष्ट्रीय सर्वर का इस्तेमाल करते हैं। यह ट्रेसिंग को मुश्किल बना देता है। कुछ धमकी-ईमेल पिछले मामलों में “स्टूडेंट-मज़ाक” निकले हैं। उदाहरण के लिए, एक 12वीं के छात्र ने परीक्षा टालने के लिए बम धमकी मेल भेजा था। सुरक्षा एजेंसियां फिलहाल पुष्टि नहीं कर पाईं हैं कि हाल के धमकी मेल “पूरी तरह जैश-ए-मोहम्मद द्वारा भेजे गए वास्तविक आतंकवादी ईमेल” हैं या किसी होक्स अभियान का हिस्सा !

दिल्ली में स्कूलों को मिली बम धमकियों की बढ़ती लहर

हाल में, दिल्ली में 20 से अधिक स्कूलों को ईमेल के ज़रिए “बम से उड़ाने” की धमकी मिली है। इनमें द्वारका, चाणक्यपुरी, वसंत कुंज जैसे इलाकों के प्रतिष्ठित स्कूल शामिल हैं। धमकी भरे मेल में कहा गया है कि अगर मांगें पूरी न की गईं, तो स्कूलों को विस्फोटक से नुकसान पहुंचाया जाएगा। दिसंबर 2024 में लगभग 40 स्कूलों को धमकी मेल प्राप्त हुए थे, जिसमें 30,000 डॉलर की मांग भी की गई थी। दिल्ली पुलिस और बम निरोधक (Bomb Disposal) टीमें तुरंत सक्रिय हुई थीं, और स्कूलों की तलाशी ली गई, लेकिन “संदिग्ध वस्तु नहीं मिली।” कई धमकियां बाद में “होक्स (झूठी)” के रूप में पाईं गईं।

विशिष्ट स्कूल और घटनाएं

CRPF Public School (Dwarka), CRPF School (Rohini) और Navy Children School (Chanakyapuri) को धमकी भरे ईमेल मिले थे। 16 स्कूलों को बम धमकी कॉल और ईमेल भी मिले। इनमें DPS East of Kailash, Cambridge School, Salwan School, Sarvodaya Vidyalayaजैसी संस्थाएं शामिल थीं। उन धमकियों के बाद, स्कूल खाली कराए गए, और पुलिस + बम निरोधक दस्ता + फायर ब्रिगेड ने तलाशी अभियान चलाया।  2010 में एक धमकी ईमेल मामले में, 12वीं का एक छात्र पकड़ा गया, जिसने 23 स्कूलों को धमकी भरे ईमेल भेजे थे। पुलिस ने बताया कि उसने दूसरों को सीसी (CC) में जोड़कर ऐसा किया ताकि शक न हो।

राष्ट्रीय सुरक्षा पर प्रभाव और जोखिम

अगर यह धमकी वास्तव में जैश-ए-मोहम्मद से जुड़ी है, तो यह लगातार हो रही धमकियों से कहीं बड़ी साजिश हो सकती है, सिर्फ डर फैलाने की नहीं, बल्कि “ठोस आतंकवादी कार्रवाई” की तैयारी का हिस्सा ! कॉमनव्हील्थ सुरक्षा के लिए यह घटना एक संकेत हो सकती है कि शिक्षा संस्थानों और न्यायालयों को भी संभावित आतंकी लक्ष्य के रूप में देखा जा रहा है। ऐसे ईमेल हमले (Bomb-Threat Emails) नागरिकों में डर, अस्थिरता और संदेह पैदा करते हैं, और यदि इनकी जड़ सशक्त हो, तो यह राष्ट्रीय मानसिकता और सुरक्षा नीति दोनों पर असर डाल सकता है। इंटरनेट और साइबर-सुरक्षा की कमजोरियां (जैसे एनोनिमाइजेशन टेक्नोलॉजी) आतंकवादियों को “कीबोर्ड से आतंक” फैलाने में सक्षम बना सकती हैं, जिसके लिए पारंपरिक आतंकवाद-विरोधी उपकरण शायद अपर्याप्त हों।

आगे की राह- सत्यापन अभी जारी है

यह दावा कि जैश-ए-मोहम्मद ने CRPF स्कूलों और कोर्टों को धमकी दी है, पूरी तरह से सिद्ध नहीं हुआ है, लेकिन सुरक्षा एजेंसियों के लिए यह चेतावनी की घड़ी है। हालांकि धमकी के पीछे की कहानी पूरी तरह साफ नहीं हुई है, लेकिन सुरक्षा एजेंसियां इसे तवज्जो दे रही हैं। खासकर लाल किला धमाके जैसी हाल की घटनाओं की पृष्ठभूमि में ! इस स्थिति को हल्के में लेना खतरनाक हो सकता है, और हमें निगरानी, जांच और सुरक्षा के हर आयाम को मजबूत करने की ज़रूरत है।
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