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October 25, 2025

सिने जगत ने खोया हंसता सितारा-वरिष्ठ हास्य अभिनेता सतीश के निधन से फिल्म जगत में शोक की लहर

The CSR Journal Magazine
भारतीय फिल्म-टीवी उद्योग में आज एक बड़ी अप्रिय घटना सामने आई है। वरिष्ठ हास्य अभिनेता Satish Shah का आज निधन हो गया। उनकी मौत से फिल्म-टीवी जगत में शून्यता छा गई है। उनका पूरा नाम सतीश रविलाल शाह था। वे 74 वर्ष के थे। सूचनाओं के अनुसार, सतीश शाह का निधन किडनी-सम्बंधी जटिलताओं   (kidney failure) के कारण हुआ है।

सिने जगत ने खोया चमकता हास्य सितारा

भारतीय सिनेमा के प्रसिद्ध और वरिष्ठ अभिनेता सतीश का आज निधन हो गया। उनके निधन की खबर सामने आते ही बॉलीवुड से लेकर देशभर के प्रशंसकों में शोक की लहर दौड़ गई। परिवार के नज़दीकी सूत्रों के अनुसार, सतीश पिछले कुछ दिनों से अस्वस्थ चल रहे थे और उन्हें इलाज के लिए मुंबई के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। लेकिन डॉक्टरों के तमाम प्रयासों के बावजूद शुक्रवार देर रात उन्होंने अंतिम सांस ली।

रंगमंच से बड़े पर्दे तक का सफ़र

सतीश ने अपने करियर की शुरुआत रंगमंच से की थी और बाद में फिल्मों में अपनी अदाकारी से एक अलग पहचान बनाई। बाद में फिल्मों एवं टेलीविजन में अपनी छाप छोड़ी। उनकी सहजता, संवाद-लहजा और कॉमिक-भावना ने उन्हें दर्शकों के बीच बेहद लोकप्रिय बना दिया। उनके जाने से न केवल एक प्रतिभावान अभिनेता नहीं रहे, बल्कि उस हास्य-सदृश निर्विवाद शैली का प्रतिनिधि भी चला गया जिससे कई येम-युग तक जुड़े रहे। अपने चार दशक लंबे करियर में उन्होंने कई यादगार किरदार निभाए, चाहे वह हास्य भूमिकाएं हों या गहरी संवेदनशीलता से भरे चरित्र। उनकी सादगी, सहज अभिनय और संवाद अदायगी ने उन्हें दर्शकों के दिलों में हमेशा के लिए बसा दिया।

चार दशक से अधिक का शानदार करियर

सतीश शाह का जन्म 25 जून 1951 को मुंबई (तत्कालीन बॉम्बे) में एक गुजराती परिवार में हुआ था। अभिनय के प्रति उनका रुझान बचपन से ही था। उन्होंने अपने करियर की शुरुआत रंगमंच से की और बाद में फिल्मों तथा टेलीविजन में कदम रखा। 1978 में फिल्म ‘अरविंद देसाई की अजीब दास्तान’ से उन्होंने बॉलीवुड में एंट्री ली। लेकिन असली पहचान उन्हें 1983 की क्लासिक कॉमेडी फिल्म ‘जाने भी दो यारों’ से मिली, जिसमें उनके हास्य अभिनय ने दर्शकों को खूब गुदगुदाया।

टीवी जगत में ‘इंद्रवदन साराभाई’ बनकर अमर हुए

1984 में प्रसारित ‘ये जो है जिंदगी’ टीवी शो में उन्होंने 60 से ज्यादा किरदार निभाकर अपनी बहुमुखी प्रतिभा का परिचय दिया। इसके बाद सीरियल ‘साराभाई वर्सेज साराभाई’ में उन्होंने ‘इंद्रवदन साराभाई’ की भूमिका निभाई, जो आज भी भारतीय टेलीविजन के सबसे यादगार पात्रों में गिना जाता है।

हास्य से लेकर संवेदनशील किरदारों तक

सतीश शाह ने 2000 के दशक में कई सुपरहिट फिल्मों में काम किया। उनकी प्रमुख फिल्में रहीं, कल हो ना हो (2003), मैं हूं ना (2004), फना (2006), ओम शांति ओम (2007)। उनका अभिनय न केवल हास्य दृश्यों में चमकता था, बल्कि भावनात्मक और गंभीर भूमिकाओं में भी उतना ही प्रभावी था।

सम्मान और योगदान

1985 में सतीश शाह को ‘फिल्मफेयर बेस्ट कॉमिक परफॉर्मेंस’ के लिए नामांकित किया गया था।
2005 में ‘इंडियन टेलीविजन अकादमी अवॉर्ड’ में उन्हें सर्वश्रेष्ठ हास्य अभिनेता का सम्मान मिला।
साल 2015 में वे ‘फिल्म एंड टेलीविजन इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया (FTII)’ की सोसाइटी के सदस्य भी नियुक्त हुए थे।

सिने जगत ने दी श्रद्धांजलि

सतीश शाह के निधन की खबर सुनते ही मनोरंजन जगत में गहरा शोक व्याप्त हो गया है। फिल्मों-टीवी-मंच से जुड़े अनेक कलाकारों ने उन्हें खोने पर विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित की है। फिल्म जगत की कई हस्तियों ने सोशल मीडिया पर शोक व्यक्त किया है। अभिनेता अक्षय कुमार ने लिखा, “सतीश जी के साथ काम करने का अनुभव  का हमेशा याद रहेगा। वे न केवल एक शानदार कलाकार थे, बल्कि एक बेहतरीन इंसान भी थे।” वहीं अभिनेत्री नीना गुप्ता ने कहा, “उनके जाने से एक युग समाप्त हो गया है। उन्होंने हर भूमिका में जान डाल दी।” वहीं अभिनेत्री नीना गुप्ता ने कहा, “उनके जाने से ऐसा लगता है जैसे भारतीय कॉमेडी का एक अध्याय समाप्त हो गया।”

साथी कलाकार जॉनी लीवर हुए व्यथित

जॉनी लीवर ने लिखा: “बहुत दुख के साथ सूचित कर रहा हूं कि हमने एक महान कलाकार और मेरे प्रियमित्र को खो दिया। विश्वास करना कठिन है। सतीश भाई, आप हमें हमेशा याद रहेंगे। फिल्म और टीवी मेंआपका योगदान कभी भुलाया नहीं जा सकेगा।”

 अशोक पंडित ने कहा, “बहुत दुःख और सदमे के साथसूचित कर रहा हूं कि हमारे प्रिय मित्र और महान अभिनेता सतीश शाह का निधन किडनी फेलियर के कारणहो गया। हमारी इंडस्ट्री के लिए यह एक बड़ा नुकसान है। ओम शांति।”

सरकार की ओर से भी श्रद्धांजलि दी गई है। सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने एक ट्वीट में लिखा, “भारतीय सिनेमा को समृद्ध बनाने में सतीश जी का योगदान अविस्मरणीय रहेगा।”

दिलों में सदा मुस्कुराते रहेंगे ‘साराभाई’

सतीश शाह का अंतिम संस्कार आज शाम मुंबई में उनके निवास के पास स्थित श्मशान घाट पर किया जाएगा। परिजनों के अनुसार, अंतिम दर्शन दोपहर तक के लिए खुले रहेंगे ताकि उनके प्रशंसक और साथी कलाकार अंतिम विदाई दे सकें। सतीश की मृत्यु ने भारतीय सिनेमा को गहरा आघात पहुंचाया है। सतीश शाह का जाना भारतीय सिनेमा के लिए एक अपूरणीय क्षति है। उनकी सादगी, सहज अभिनय शैली और हास्य से भरपूर प्रस्तुतियां आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा बनी रहेंगी। उनके चाहने वालों के दिलों में उनकी यादें और उनके निभाए किरदार हमेशा जीवित रहेंगे।
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