हिंदी सिनेमा की प्रसिद्ध अभिनेत्री और मधुर स्वर की धनी गायिका सुलक्षणा पंडित का सोमवार देर शाम निधन हो गया। 71 वर्षीय सुलक्षणा ने मुंबई के नानावटी अस्पताल में अंतिम सांस ली। बताया जा रहा है कि उन्हें कार्डिएक अरेस्ट आया था। उनके भाई और मशहूर संगीतकार ललित पंडित ने उनके निधन की पुष्टि की।
सुलक्षणा पंडित की मौत का अजीब संयोग! जिस संजीव कुमार ने ठुकराया, उन्ही की पुण्यतिथी पर गई जान
सुलक्षणा पंडित 6 नवंबर 2025 को इस दुनिया को अलविदा कहकर चली गईं। वो संजीव कुमार से बेइंतहां मोहब्बत करती थीं और कहा जाता है कि उनकी शादी के प्रस्ताव को एक्टर ने ठुकरा दिया था जिसके बाद उन्होंने कभी शादी न करने का फैसला लिया। संदीव कुमार की डेथ एनिवर्सरी पर ही उन्होंने दम तोड़ दिया। सुलक्षणा पंडित के निधन की खबर फैलते ही बॉलीवुड जगत में शोक की लहर दौड़ गई। अमिताभ बच्चन, हेमा मालिनी, लता मंगेशकर की बहन उषा मंगेशकर, जावेद अख्तर, जया प्रदा और कई वरिष्ठ कलाकारों ने सोशल मीडिया पर श्रद्धांजलि अर्पित की।
Singer & actress Sulakshana Pandit is no more.
Belonged to a classical music rich family. Her siblings – Vijeyata Pandit & music duo Jatin-Lalit.
She was in love with Sanjeev Kumar. She remained unmarried after he died.
Incidentally, both of them died on 6th Nov.
Om Shanti!🙏🏽 pic.twitter.com/I6M361AouL
— Keh Ke Peheno (@coolfunnytshirt) November 7, 2025
सुलक्षणा की संगीत से सजी जिंदगी
12 जुलाई 1954 को रायगढ़, छत्तीसगढ़ में जन्मीं सुलक्षणा पंडित का संबंध एक संगीत-प्रधान परिवार से था। उनके चाचा पंडित जसराज भारत के विख्यात शास्त्रीय गायक थे और उनके भाई जतिन-ललित ने 90 के दशक में संगीत की दुनिया में धूम मचाई। बचपन से ही संगीत उनके जीवन का हिस्सा रहा। सुलक्षणा ने 1967 में फिल्म तक़दीर में बाल गायिका के रूप में लता मंगेशकर के साथ “सात समंदर पार से गुडिया आयी रे” गीत गाकर अपनी प्रतिभा का परिचय दिया था। इसके बाद उन्होंने एक गायिका और अभिनेत्री दोनों रूपों में हिंदी सिनेमा में अपनी अलग पहचान बनाई।
फिल्मों में सादगी और संगीत का संगम
सुलक्षणना पंडित ने 1970 और 1980 के दशक में कई यादगार फिल्मों में काम किया। उलझन (1975) से उन्होंने अभिनय की शुरुआत की, जिसमें उनके साथ संजीव कुमार मुख्य भूमिका में थे। इसके बाद उन्होंने आप बीती, अपनापन, खानदान, संकोच, वक्त की दीवार, हेरा फेरी और राजा जैसी फिल्मों में अपने अभिनय से दर्शकों का दिल जीता।उनकी जोड़ी कई मशहूर अभिनेताओं, संजीव कुमार, विनोद खन्ना, राजेश खन्ना, शशि कपूर और जीतेंद्र के साथ खूब सराही गई। एक अभिनेत्री के साथ-साथ वह एक सफल पार्श्व गायिका भी थीं। “बेकरार दिल तू गाए जा”, “सुनो कहती आवाज़े क्या”, “बड़े दिलवाला”, “एक हसीना थी” जैसे गीत आज भी संगीत प्रेमियों के दिलों में बसे हैं।
संजीव कुमार से जुड़ी अधूरी कहानी
सुलक्षणा पंडित का नाम लंबे समय तक अभिनेता संजीव कुमार से जोड़ा जाता रहा। कहा जाता है कि वह संजीव कुमार से बेहद प्यार करती थीं और उनसे विवाह करना चाहती थीं। लेकिन यह रिश्ता कभी मुकम्मल नहीं हो सका। ताउम्र अकेली रहीं सुलक्षणा ने कभी शादी नहीं की। उनके और अभिनेता संजीव कुमार के बीच एक अनकही कहानी रही जिसने उनके जीवन में गहरा प्रभाव छोड़ा। दिलचस्प बात यह है कि सुलक्षणा का निधन 6 नवम्बर को हुआ, वही तारीख जिस दिन संजीव कुमार का निधन 40 वर्ष पहले 1985 में हुआ था। इस संयोग ने उनके चाहने वालों को और भावुक कर दिया है।
डिप्रेशन से जूझ रही थीं सुलक्षणा पंडित
संजीव कुमार के निधन के बाद सुलक्षणा पंडित गहरे डिप्रेशन में चली गई थीं। वह काफी परेशान रहने लगी थीं। वह लोगों से दूर हो गई थीं और अकेले रहने लगी थीं। उन्होंने घर से बाहर निकलना बंद कर दिया था जिसका असर उनके शरीर पर पड़ने लगा था। कहा जा रहा है कि इस डिप्रेशन के चलते ही वह बीमार रहने लगी थीं।
सुलक्षणा पंडित की हुई थी 4 सर्जरी
साल 2005 में सुलक्षणा पंडित के साथ एक बड़ा हादसा हुआ था। वह बाथरूम में फिसलकर गिर गई थीं जिससे उनकी कूल्हे की हड्डी टूट गई थी। इस घटना के बाद उनकी चार सर्जरी हुई थीं और धीरे-धीरे उन्हें चलने-फिरने में भी परेशानी होने लगी थी।मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो बीते कुछ वर्षों से सुलक्षणा पंडित की तबीयत लगातार खराब थी। कई रिपोर्ट्स में ये दावा किया गया है कि वह कई तरह की गंभीर बीमारियों से जूझ रही थीं और काफी समय से बिस्तर पर थीं। हालांकि इन सबका मूल कारण उनका डिप्रेशन में चले जाना ही था। आखिरकार गत 6 नवंबर 2025 को उन्होंने इस दुनिया को अलविदा कह दिया।
जीवन के अंतिम वर्ष- एकांत और संघर्ष से भरे
करियर के उत्तरार्ध में सुलक्षणा ने फिल्मों से दूरी बना ली थी। बीते वर्षों में वह बहुत कम सार्वजनिक रूप से नजर आती थीं। बताया जाता है कि वह पिछले कुछ वर्षों से स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं और आर्थिक कठिनाइयों से जूझ रही थीं। उनके परिवार ने हमेशा उनका ख्याल रखा। उनके भाई ललित पंडित ने बताया, “दीदी ने बहुत शांत जीवन जिया, संगीत ही उनका सहारा था। उन्होंने सबका दिल अपने काम से जीता।”
श्रद्धांजलि और अंतिम संस्कार
उनका अंतिम संस्कार 7 नवम्बर को मुंबई में किया जाएगा। कई फिल्म हस्तियों और पारिवारिक सदस्यों के शामिल होने की संभावना है। फिल्म जगत के कलाकारों ने कहा कि उन्होंने न सिर्फ एक कुशल अभिनेत्री, बल्कि एक सच्ची कलाकार को खो दिया है। फिल्म निर्माता सुभाष घई ने कहा, “सुलक्षणा जी ने उस दौर में अभिनय और गायन, दोनों क्षेत्रों में अपनी छाप छोड़ी। उनका योगदान हिंदी सिनेमा की विरासत का हिस्सा रहेगा।”
संगीत की वह मधुर आवाज, जो हमेशा गूंजती रहेगी
सुलक्षणा पंडित भले ही अब इस दुनिया में नहीं रहीं, लेकिन उनका स्वर, उनकी सरल मुस्कान और उनकी फिल्मों के गीत हिंदी सिनेमा के इतिहास में हमेशा गूंजते रहेंगे। उनका जीवन इस बात की मिसाल है कि सच्चे कलाकार कभी मरते नहीं, वे अपनी कला के जरिए अमर हो जाते हैं !
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