Saharanpur News – उत्तराखंड में बादल फटने के बाद यमुना नदी में अचानक जलप्रवाह के कारण दो शव मिले हैं। महिला की पहचान मुरादाबाद निवासी सुंदरी और युवक की पहचान संभल निवासी मोनू के रूप में हुई है। पुलिस ने दोनों शवों को क़ब्ज़े में लेकर जांच के लिए भेज दिया।
उत्तराखंड आपदा के पीड़ितों के शव बहकर सहारनपुर पहुंचे
उत्तराखंड में बादल फटने के बाद यमुना नदी में अचानक आए जलप्रवाह के चलते दो अज्ञात शव बेहट क्षेत्र में बहकर आने से सनसनी फैल गई। दोनों की पहचान के बाद पुलिस ने शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। महिला मुरादाबाद और युवक संभल का रहने वाला था। मंगलवार देर शाम थाना मिर्जापुर क्षेत्र के गांव अबकरपुर बांस के पास यमुना नदी में महिला का शव मिला, जिसकी पहचान मुरादाबाद निवासी 35 वर्षीय सुंदरी के रूप में हुई। वह देहरादून के हरबर्टपुर में कार्यरत थी। इसके बाद बुधवार सुबह युवक का शव भी यमुना में बहकर आया। पुलिस जांच में युवक की पहचान मोनू पुत्र राजेंद्र निवासी फिरोजपुर थाना गढ़ी, जनपद संभल के रूप में हुई है।
देहरादून में Cloud Burst के बाद यमुना उफान पर
16 सितंबर की शाम थाना मिर्जापुर को सूचना मिली थी कि ग्राम कोटड़ा मैनपुरा के पास यमुना नदी के किनारे महिला का शव पड़ा है। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर शव कब्जे में लिया और जांच शुरू की। अगले ही दिन यानी 17 सितंबर को फिर से सूचना मिली कि नदी में एक युवक का शव दिखाई दिया है। पुलिस ने उसे भी निकालकर शिनाख्त करवाई। एसपी देहात सागर जैन ने बताया कि हाल ही में उत्तराखंड में हरबर्टपुर के आसपास भारी बारिश और बाढ़ आई थी। इसके चलते यमुना में तेज बहाव हो गया और कई लोग इसमें बह गए। आशंका जताई जा रही है कि इन्हीं परिस्थितियों में महिला और युवक भी बहकर सहारनपुर पहुंचे। पुलिस का कहना है कि यह प्राकृतिक आपदा है, जिसमें उत्तराखंड से बहकर कई शव सहारनपुर तक पहुंच रहे हैं। नदी में लगातार शव मिलने से स्थानीय लोग भी दहशत में हैं। ग्रामीणों का कहना है कि नदी के किनारे हालात बेहद डरावने हैं और प्रशासन को सुरक्षा इंतजाम और मजबूत करने चाहिए।
उत्तराखंड की दून घाटी में फटा बादल, मची तबाही
15 सितंबर की रात उत्तराखंड की दून घाटी में आई आपदा में लापता हुए छह और लोगों के शव मिले हैं। इनमें चार शव देहरादून में और दो शव सहारनपुर के मिर्जापुर यमुना नदी में मिले हैं। इसके साथ ही मृतकों का आंकड़ा 23 पहुंच गया है। 17 से अधिक लोग अब भी लापता बताए जा रहे हैं। इनमें फुलेत गांव में सहारनपुर के छह मजदूर भी शामिल हैं। फुलेत समेत कई अन्य गांवों में SDRF कई दिनों से लगातार सर्च ऑपरेशन चला रही है।
Nature’s wrath so terrible? #Cloudburst in #Kishtwar village in #JammuAndKashmir Five dead, over 25 missing.#flashfloods #flood pic.twitter.com/jPx48DFv5T
— Abhinay Maths (@abhinaymaths) July 28, 2021
टूटी सड़कें, बहे पुल, कटा संपर्क
टूटी सड़कों और पुलों की मरम्मत के लिए भी SDRF, NDRF और सरकारी महकमा जुटा हुआ है। मसूरी जाने वाले दोनों मार्ग बंद हो गए। हालांकि, राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने अधिकारिक रूप से 23 मौत और 17 लोगों के लापता होने की जानकारी मुहैया कराई है। राजधानी और आसपास के इलाकों में हुई भारी बारिश से सभी नदी-नाले उफान पर थे। बांदल, सौंग, तमसा (टोंस) और आसन नदी में आए जल सैलाब ने चारों ओर तबाही मचाई। टोंस नदी में ट्रैक्टर-ट्रॉली समेत 15 मजदूर भी बहे थे। इनमें से आठ लोगों के शव सहसपुर क्षेत्र में आसन नदी से बरामद हुए थे जबकि दो को बचा लिया गया था। इसमें से पांच अब भी लापता हैं।
Long or Short, get news the way you like. No ads. No redirections. Download Newspin and Stay Alert, The CSR Journal Mobile app, for fast, crisp, clean updates!