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May 29, 2025

BMC Election- दो शिवसेना, दो ठाकरे और एशिया के सबसे अमीर नगर निकाय की कुर्सी  

BMC Election Polls- आखिरकार बृहन्नमुंबई महानगरपालिका यानी BMC का चुनाव होने जा रहा है। सुप्रीम कोर्ट ने राज्य चुनाव आयोग को निर्देश दिया है कि वह चार महीने के भीतर चुनाव कराए। महाराष्ट्र भर के नगर निकायों को आखिरकार निर्वाचित पार्षद मिल ही जाएंगे क्योंकि महाराष्ट्र राज्य चुनाव (SEC) ने सरकार को वार्डों का परिसीमन शुरू करने का निर्देश दे दिया है। परिसीमन के बाद, सीटों का आरक्षण, मतदाता सूची अपडेट होगा। पहले स्थानीय निकाय चुनावों में पिछड़ी जातियों यानी OBC आरक्षण के नाम पर चुनाव टल रहा था। देश की वित्तीय राजधानी का शहरी निकाय, जो देश का सबसे बड़ा और सबसे ज्यादा बजट वाला शहरी निकाय है उसका चुनाव पिछले तीन साल से नहीं हो रहा था।

ना नगर निगम, ना पालिका, ना पंचायत

BMC Election Polls- पिछले तीन सालों से महाराष्ट्र के लोग तीसरे स्तर के शासन के बिना रह रहे हैं, जो नगर निगमों, नगर पालिकाओं और नगर पंचायतों के रूप में कार्य करता है। अधिकांश नगर निकायों का कार्यकाल 2022 तक समाप्त हो गया था और उनका प्रबंधन सरकार द्वारा नियुक्त प्रशासकों द्वारा किया जा रहा है। उनका कार्यकाल पूरा होने के बावजूद चुनाव नहीं हो पाए क्योंकि सुप्रीम कोर्ट इस मामले को देख रहा था। अब सुप्रीम कोर्ट के आदेश ने चुनावी प्रक्रिया का रास्ता साफ कर दिया है। 6 मई, 2025 के अपने आदेश में कोर्ट ने चुनाव आयोग को चुनाव अधिसूचना जारी करने का निर्देश दिया है। अधिसूचना जारी होने के बाद चार महीने के भीतर चुनाव कराए जाएंगे। अक्टूबर के पहले या दूसरे हफ्ते में चुनाव होने की उम्मीद है।
पहले कोरोना के नाम पर चुनाव में थोड़ी देरी हुई। लेकिन उसके बाद एकनाथ शिंदे और देवेंद्र फड़नवीस सरकार ने किसी न किसी बहाने से चुनाव टाले रखा और नगर निकाय का काम प्रदेश सरकार अपने तरीके से ही करती रही। BMC और अन्य शहरी निकायों का चुनाव महाराष्ट्र की राजनीति को कई तरह से प्रभावित करने वाला होगा।

महाराष्ट्र की रीढ़ की हड्डी है BMC

BMC Election Polls- बृहन्मुंबई नगर निगम (BMC) महाराष्ट्र का सबसे बड़ा नागरिक निकाय है, जो सबसे बड़ी आबादी की सेवा करता है और पर्याप्त बजट का प्रबंधन करता है। अकेले BMC का बजट कई छोटे भारतीय राज्यों से भी अधिक है, जो इसे भारत का सबसे अमीर नागरिक निकाय बनाता है। इसकी प्रमुखता इसके वार्डों की संख्या (227) में भी पता चलती है जो दिल्ली नगर निगम (DMC) के बाद दूसरे स्थान पर है।
2017 में हुए पिछले BMC चुनावों में अविभाजित Shivsena ने सबसे ज़्यादा सीटें (84) जीती थीं, उसके बाद BJP (82) का स्थान था। Congress ने 31 वार्ड, NCP ने 9, राज ठाकरे की MNS ने 7 और समाजवादी पार्टी SP ने 6 वार्ड जीते। हालांकि शिवसेना और बीजेपी महायुति सरकार में गठबंधन सहयोगी थे, लेकिन उन्होंने BMC चुनाव स्वतंत्र रूप से लड़ा। सबसे बड़ी पार्टी होने के नाते, शिवसेना अपना मेयर बनाने में सफल रही।
2017 के बाद से मुंबई में राजनीतिक परिदृश्य में काफी बदलाव आया है। आठ साल पहले, चार प्रमुख दल थे- भाजपा, शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी। 2022 और 2023 में, एकनाथ शिंदे और अजित पवार के नेतृत्व में विद्रोह के कारण शिवसेना और एनसीपी अलग हो गए। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने हाल ही में घोषणा की कि भाजपा, शिवसेना और एनसीपी से मिलकर बना महायुति गठबंधन एक साथ चुनाव लड़ेगा। यह स्पष्ट नहीं है कि शिवसेना (UBT), कांग्रेस और एनसीपी (SP) से मिलकर बना महा विकास अघाड़ी (MVA) भी ऐसा ही करेगा या नहीं।

BMC Election शिवसेना के लिए अस्तित्व की लड़ाई

BMC Election Polls- बीएमसी चुनाव जीतना शिवसेना के दोनों गुटों के लिए महत्वपूर्ण है। अविभाजित शिवसेना ने BMC पर ढाई दशक से अधिक समय तक शासन किया, जिसके दौरान नगर निकाय ने पार्टी के खजाने को मजबूत करने के लिए एक महत्वपूर्ण वित्तीय संसाधन के रूप में काम किया। हालांकि आधिकारिक तौर पर पुष्टि नहीं की गई है, लेकिन सूत्रों का कहना है कि शिवसेना (UBT) MVA गठबंधन से बाहर स्वतंत्र रूप से चुनाव लड़ने पर विचार कर रही है। अन्य MVA दलों, कांग्रेस और एनसीपी (SP) के पास नगर निकाय स्तर पर सीमित ताकत है, यानि शिवसेना UBT की तरह दावे करने लायक परिस्थिति में अभी दोनों ही दल नहीं हैं।
शिवसेना (UBT) को न केवल शिंदे सेना-बीजेपी गठबंधन से, बल्कि राज ठाकरे की MNS से भी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। हाल ही में, उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे के बीच संभावित गठबंधन के बारे में चर्चा हुई है, लेकिन कुछ भी ठोस नहीं हुआ है। राज ठाकरे के लिए, यह चुनाव अगले विधानसभा चुनावों से पहले अपनी निष्क्रिय पार्टी को पुनर्जीवित करने के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर के रूप में देखा जाता है। अगर MNS अकेले चुनाव लड़ने का फैसला करती है, तो उद्धव की जीत की राह और भी चुनौतीपूर्ण हो जाएगी।

BMC Election से पहले बढ़ी सियासी हलचल

BMC Election Polls- महाराष्ट्र में 2024 के लोकसभा और विधानसभा चुनाव के नतीजे बिल्कुल अलग अलग आए। लोकसभा में महाविकास अघाड़ी यानी कांग्रेस, उद्धव ठाकरे और शरद पवार का गठबंधन बड़े अंतर से चुनाव जीता, तो पांच महीने बाद ही विधानसभा चुनाव में महायुति यानी भाजपा, एकनाथ शिंदे और अजित पवार के गठबंधन ने उनका सूपड़ा साफ कर दिया। अब तीसरा चुनाव है। क्या इसका नतीजा विधानसभा चुनाव से अलग होगा? BMC में हमेशा शिव सेना का दबदबा रहा है। चुनाव स्थगित होने से पहले 25 साल तक Mumbai का Mayor शिवसेना से बनता रहा है।
लेकिन इस बार असली शिवसेना एकनाथ शिंदे की हो गई है और उद्धव ठाकरे की पार्टी संघर्ष कर रही है। शिवसेना की पहचान धनुष का चुनाव चिन्ह एकनाथ शिंदे की पार्टी से वापस लेने का उद्धव का कानूनी दांव फेल हो गया है। अब उनको नए चुनाव चिन्ह मशाल पर ही लड़ना होगा। पिछले कुछ दिनों से राज ठाकरे और उद्धव ठाकरे के बीच सद्भाव दिख रहा है। अगर मुंबई पर ठाकरे परिवार का वर्चस्व कायम रखने के लिए दोनों साथ आते हैं तो चुनाव और दिलचस्प होगा। दूसरी ओर भाजपा इस बार किसी तरह से अपना मेयर बनाने का प्रयास करेगी।

BMC Election Polls- शिंदे सेना तैयारियों में जुटी

BMC Election Polls- शिवसेना (शिंदे गुट) ने BMC चुनाव के लिए अपनी रणनीतिक तैयारी शुरू कर दी है। उसने बीएमसी की 227 सीटों में से 100 सीटों पर पूरी ताकत से चुनाव लड़ने की बात की है। पिछले दिनों पार्टी ने मुंबई में पूर्व नगरसेवकों और चुनाव लड़ने के इच्छुक कार्यकर्ताओं के साथ बैठक की, जिसमें कैबिनेट मंत्री दादाजी भूसे, पूर्व सांसद राहुल शेवाले और पार्टी सचिव संजय मोरे जैसे वरिष्ठ नेताओं ने भाग लिया। माना जा रहा है कि शिंदे सेना उप महापौर पद के लिए दावा कर सकती है। हालांकि मुंबई महानगर में शिंदे का कोई ज्यादा असर नहीं है। हां, वे ठाणे में उद्धव ठाकरे को बड़ी टक्कर देंगे।

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