Nagpur स्थित सोलर एक्सप्लोसिव्स कंपनी के कारखाने में गुरुवार तड़के अचानक भीषण विस्फोट हुआ है। हादसे में एक मजदूर की मौत हो गई जबकि 10 मजदूर घायल हुए हैं, जिनमें से दो की हालत गंभीर बताई जा रही है। घायलों को इलाज के लिए नागपुर के निजी अस्पतालों में भर्ती कराया गया है।
नागपुर की सोलर फैक्ट्री में भीषण ब्लास्ट
महाराष्ट्र के नागपुर जिले के बाजारगांव में आधी रात एक बड़ा हादसा हुआ। सोलर एक्सप्लोसिव्स लिमिटेड (Solar Explosives LTD) के प्लांट में जोरदार धमाका हुआ, जिसमें एक कर्मचारी की मौत हो गई और चार लोग गंभीर रूप से घायल हैं। गंभीर घायलों का इलाज आईसीयू में चल रहा है, जबकि कुल 17 लोग इस घटना में जख्मी हुए हैं। हादसे में चंद्रपुर निवासी मयूर गणवीर की भी मौत हो गई है। वह कंपनी परिसर की एक इमारत में मौजूद था। विस्फोट के दौरान उड़कर आई लोहे की सरिया उसके शरीर में धंस गई, जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई। शव का पोस्टमॉर्टम नागपुर के मेडिकल अस्पताल में किया जा रहा है।
देर रात हुआ भयानक हादसा
जानकारी के मुताबिक, यह हादसा सोलर एक्सप्लोसिव्स के PP-15 यूनिट के CB-1 प्लांट में हुआ। यहां HMX, TNT और RDX जैसे विस्फोटक बनाए जाते हैं। बताया जा रहा है कि काम के दौरान प्लांट में धुआं उठता दिखाई दिया, जिसके बाद कर्मचारियों को तुरंत बाहर निकाल लिया गया। इस वजह से एक बड़ी त्रासदी टल गई। यह ब्लास्ट देर रात करीब एक बजे के आसपास हुआ है। जानकारी के मुताबिक, जिस दौरान सोलर कंपनी में ब्लास्ट हुआ तब 900 से 6000 लेबर कंपनी में कार्यरत थे। ब्लास्ट काफी बड़ा बताया जा रहा है। आरएनडी लैब में मौजूद मयूर नामक कर्मचारी हादसे का शिकार हो गया। धमाका इतना जबरदस्त था कि मलबे और इमारत के टुकड़े 400 से 500 मीटर की दूरी तक बिखर गए।
घायलों की हालत नाज़ुक
छह घायल कर्मचारियों को तुरंत बाहर निकाला गया और अस्पताल भेजा गया। फिलहाल कुछ घायलों की हालत बेहद नाजुक बनी हुई है। घायलों में कैलास वर्मा, मनीष वर्मा, सनी कुमार, अरुण कुमार, अतुल मडावी, सौरभ डोंगरे, तेजस बांधते, सुरज गुटके, अखिल बावणे और धर्मपाल मनोहर के नाम शामिल हैं। इस धमाके की भयावहता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि कंपनी के सामने स्थित नागपुर-अमरावती राष्ट्रीय राजमार्ग और उसके पार के खेतों में मलबा मिला। धमाके के बाद इमारत के बड़े-बड़े कंक्रीट के टुकड़े कंपनी की सुरक्षा दीवार पार कर राजमार्ग और उसके पार के खेतों तक जा गिरे।
विदर्भ क्षेत्र में कई सरकारी और निजी कारखाने हैं जहां रक्षा उत्पादन के लिए बारूद, बम और अन्य हथियार बनाए जाते हैं। लेकिन इन फैक्ट्रियों में हादसे नई बात नहीं है। पिछले दो साल में नागपुर और आसपास के विस्फोटक कारखानों में हुए अलग-अलग हादसों में 20 से ज्यादा कर्मचारियों की जान जा चुकी है।
दो साल में 20 से ज्यादा ने गंवाई जान
पिछले हादसों पर नजर डालें तो 17 दिसंबर 2023 को इसी कंपनी में हुए विस्फोट में नौ कर्मचारियों की मौत हुई थी और 3 गंभीर रूप से घायल हो गए। इसी तरह, 24 जनवरी 2025 को भंडारा जिले के जवाहरनगर ऑर्डिनेंस फैक्ट्री में सात कर्मचारियों की मौत और पांच घायल हुए थे। इससे पहले 13 जून 2024 को अमरावती रोड पर धमना स्थित चामुंडी एक्सप्लोसिव्स कंपनी में हुए विस्फोट में कुल नौ श्रमिकों ने अपनी जान गंवाई थी। 27 जनवरी 2024 को इसी फैक्ट्री में हुए विस्फोट में एक श्रमिक ने अपनी जान गंवाई थी। मई 2016 में वर्धा जिले के पुलगांव स्थित केन्द्रीय गोला-बारूद भंडार (CAD Camp) में भीषण आग और विस्फोट से सेना के 2 अधिकारियों समेत 17 की मौत हो गई थी। यह घटना आज भी लोगों के जेहन में ताज़ा है।
विस्फोटक निर्माण फ़ैक्टरीज की सुरक्षा व्यवस्था पर उठे सवाल
सोलर एक्सप्लोसिव्स देश की निजी क्षेत्र की सबसे बड़ी विस्फोटक निर्माण कंपनी मानी जाती है। हादसे के बाद से पूरे परिसर में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है। विस्फोटक बनाने वाली कंपनियों में लगातार हो रहे इन हादसों ने सवाल खड़े कर दिए हैं कि आखिर इनमें सुरक्षा मानकों का पालन कितनी गंभीरता से किया जा रहा है। इन कंपनियों के आसपास रहने वाले स्थानीय लोग लंबे समय से सुरक्षा इंतजामों को लेकर चिंता जता रहे हैं, लेकिन हादसे अब भी थम नहीं रहे।
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