बिहार विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान कभी भी हो सकता है, ऐसे में राज्य की राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। विपक्ष के नेता और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के दिग्गज नेता तेजस्वी यादव मंगलवार को ‘बिहार अधिकार यात्रा’ पर निकल चुके हैं। इस यात्रा की शुरुआत जहानाबाद से हुई है और इसका उद्देश्य उन जिलों तक पहुंचना है जो ‘वोटर अधिकार यात्रा’ के दौरान छूट गए थे। इसे मतदाता जागरूकता के लिए एक महत्वपूर्ण पहल माना जा रहा है।
जानकारों का मानना है कि तेजस्वी की यह यात्रा लोकतंत्र की जड़ों को मजबूत करने की एक कोशिश है। इसके माध्यम से वे आम लोगों तक पहुंचकर उन्हें मतदाता सूची में नाम जुड़वाने, सुधार करवाने और अपने मताधिकार के प्रति जागरूक होने का संदेश देंगे।
मिशन 11 जिले: तेजस्वी की यात्रा का पूरा रूटमैप
तेजस्वी यादव की यह यात्रा कुल 11 जिलों से होकर गुजरेगी। इस दौरान वे बख्तियारपुर, बाढ़, मोकामा, तेघड़ा, बेगूसराय, मटिहानी, साहेबपुर कमाल, खगड़िया, परबत्ता, बेलदौर, सोनबरसा, सिंहेश्वर, मधेपुरा, छातापुर, सहरसा, सिमरी बख्तियारपुर, महिषी, रोसड़ा, उजियारपुर, समस्तीपुर, सराय रंजन, मोरवा, पातेपुर, महुआ और हाजीपुर जैसे विधानसभा क्षेत्रों में पहुंचेंगे। यह यात्रा उनके राजनीतिक प्रभाव को बढ़ाने की दिशा में एक बड़ा कदम मानी जा रही है।
सीएम पद पर ‘नो कन्फ्यूजन’: तेजस्वी यादव का बड़ा बयान
महागठबंधन में मुख्यमंत्री के चेहरे को लेकर चल रहीं अटकलों पर अब तेजस्वी यादव ने खुद चुप्पी तोड़ी है। उन्होंने साफ कहा है कि गठबंधन में कोई कन्फ्यूजन नहीं है। उन्होंने न्यूज़ एजेंसी एएनआई से बातचीत में कहा, “जनता ही मुख्यमंत्री बनाती है और सीएम फेस को लेकर महागठबंधन में कोई कन्फ्यूजन नहीं है। जनता बदलाव चाहती है। बिहार की मालिक जनता है और वही मुख्यमंत्री बनाती है।” उन्होंने आगे कहा कि सीएम का चेहरा समय पर घोषित कर दिया जाएगा।
कांग्रेस की चुप्पी: क्या महागठबंधन में सब ठीक है?
जहां एक तरफ राजद के कार्यकर्ता और वीआईपी पार्टी के प्रमुख मुकेश सहनी यह कह चुके हैं कि चुनाव के बाद तेजस्वी यादव ही अगले मुख्यमंत्री होंगे, वहीं दूसरी तरफ महागठबंधन में शामिल कांग्रेस ने अब तक तेजस्वी यादव को गठबंधन का सीएम चेहरा घोषित करने की बात नहीं कही है। इससे कुछ लोगों में अभी भी संशय बना हुआ है कि क्या महागठबंधन के सभी घटक दल इस मुद्दे पर एकमत हैं।