चार लाख से ज्यादा सुरक्षाकर्मी तैनात, 1302 प्रत्याशी मैदान में
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 अब अपने निर्णायक मोड़ पर है। दूसरे चरण के मतदान से ठीक पहले राज्यभर में चुनावी प्रचार पर विराम लग चुका है। शुक्रवार शाम पांच बजे सभी सियासी दलों का प्रचार अभियान थम गया। अब 11 नवंबर को 20 जिलों की 122 विधानसभा सीटों पर वोटिंग होगी। इस चरण में कुल 1302 प्रत्याशी मैदान में हैं, जिनमें 1165 पुरुष, 136 महिला और एक थर्ड जेंडर उम्मीदवार शामिल हैं। वहीं कुल 3 करोड़ 70 लाख मतदाता अपने वोट के अधिकार का इस्तेमाल करेंगे। इनमें 1.95 करोड़ पुरुष और 1.74 करोड़ महिला मतदाता हैं।
दूसरे चरण में 122 सीटों पर मतदान
राज्य के 20 जिलों में फैली 122 विधानसभा सीटों पर वोट डाले जाएंगे। इनमें कटोरिया, बेलहर, चैनपुर, गोह, औरंगाबाद, रफीगंज, जमुई, झाझा, चकाई जैसी अहम सीटें शामिल हैं। इनमें से 4109 बूथ संवेदनशील और 4003 अतिसंवेदनशील घोषित किए गए हैं। सुरक्षा कारणों से इन बूथों पर शाम चार बजे तक मतदान होगा, जबकि कुछ इलाकों जैसे बोधगया में 106 बूथों पर शाम पांच बजे तक वोटिंग चलेगी।
सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद
Bihar DGP Vinay Kumar ने बताया कि इस चरण की तैयारियां पहले चरण से भी ज्यादा कड़ी हैं। जिन जिलों में वोटिंग होगी, उनमें कुछ जिले भारत-नेपाल अंतरराष्ट्रीय सीमा से सटे हैं। इसलिए सीमाओं की सख्त निगरानी की जा रही है। डीजीपी ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय सीमा पहले ही सील कर दी गई है, जबकि अंतरराज्यीय सीमाएं आज सील की जा रही हैं। सभी सीमावर्ती इलाकों में चेकपोस्ट और संयुक्त जांच दल तैनात किए गए हैं।
1,650 कंपनियां तैनात, सुरक्षा में कोई ढिलाई नहीं
दूसरे चरण में सुरक्षा के लिए 1,650 कंपनियां तैनात की जा रही हैं। इसके अलावा, राज्य पुलिस बल और केंद्रीय सुरक्षा बलों को भी हर जिले में सक्रिय किया गया है। डीजीपी विनय कुमार ने कहा कि चुनाव शांतिपूर्ण कराने के लिए चार लाख से अधिक सुरक्षाकर्मी मैदान में रहेंगे। अश्वारोही दस्ते और हवाई निगरानी की भी व्यवस्था की गई है।
मतदाताओं में उत्साह, उम्मीदवारों में उम्मीद
चुनावी प्रचार भले थम गया हो, लेकिन राजनीतिक माहौल अभी भी गर्म है। सड़कों पर प्रत्याशियों के समर्थक अब डोर-टू-डोर संपर्क में जुट गए हैं। मतदाता सूचियों की अंतिम जांच की जा रही है और EVMs और VVPAT मशीनें मतदान केंद्रों तक पहुंचाई जा रही हैं। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि दूसरे चरण में दक्षिण बिहार और मगध क्षेत्र की सीटें चुनावी नतीजों का रुख तय कर सकती हैं।
युवा और महिला वोटर बने केंद्र बिंदु
चुनाव आयोग के आंकड़ों के अनुसार, इस चरण में 7.69 लाख नए युवा मतदाता (18–19 वर्ष के) पहली बार वोट डालेंगे। वहीं 1.74 करोड़ महिला मतदाताओं की संख्या ने चुनावी समीकरणों में नई दिशा दी है।
राजनीतिक दलों ने अपने प्रचार में महिलाओं और युवाओं को लुभाने पर खास जोर दिया।
NRI और दिव्यांग वोटर्स भी सक्रिय
इस चरण में 43 एनआरआई मतदाता, 4 लाख से अधिक दिव्यांग वोटर और 63,373 सर्विस वोटर भी शामिल हैं। आयोग ने इन सभी के लिए विशेष इंतज़ाम किए हैं ताकि वे बिना किसी परेशानी के अपने मताधिकार का इस्तेमाल कर सकें।
प्रशासन की सख्ती, माहौल शांतिपूर्ण रखने की कोशिश
चुनाव आयोग ने साफ किया है कि मतदान के दिन किसी भी तरह की गड़बड़ी, शराब या पैसे के लेनदेन पर सख्त कार्रवाई होगी। वहीं सुरक्षा एजेंसियों को निर्देश दिया गया है कि संवेदनशील इलाकों में क्यूआरटी (Quick Response Team) तैनात रहें और किसी भी आपात स्थिति पर तुरंत कार्रवाई की जाए।
तीसरे चरण पर भी नजर
दूसरे चरण की वोटिंग पूरी होने के बाद सभी की निगाहें तीसरे और अंतिम चरण पर टिकेंगी, जो राज्य की सत्ता की अंतिम तस्वीर तय करेगा। फिलहाल बिहार में माहौल उत्साहपूर्ण है और सभी की नजरें 11 नवंबर के मतदान पर हैं, जो अगले पांच साल के राजनीतिक भविष्य का फैसला करेगा।
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