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November 14, 2025

Bihar Chunav Me Jeet Ka Karan: बिहार चुनाव में महिलाएं बनी गेम चेंजर, 10 हजार वाली योजना बनी जीत का कारण?

The CSR Journal Magazine
Bihar Chunav Me Jeet Ka Karan: बिहार चुनाव 2025 के रुझानों में जो सबसे बड़ा फैक्टर उभरकर आया है, वह है महिलाओं की रिकॉर्डतोड़ भागीदारी। चुनाव आयोग के आंकड़े साफ बताते हैं कि इस बार महिलाओं ने न सिर्फ बढ़-चढ़कर वोट डाला, बल्कि पुरुषों के मुकाबले करीब 10 फीसदी ज्यादा मतदान किया। यही महिला वोटर्स इस चुनाव का ‘X Factor’ बन गईं।

महिलाओं की ऐतिहासिक भागीदारी, पुरुषों से 10% ज्यादा मतदान

चुनाव आयोग के अनुसार, दोनों चरणों में कुल मतदान 66.91% रहा। लेकिन दिलचस्प बात यह है कि:
महिलाओं का मतदान प्रतिशत – 71.6%
पुरुषों का मतदान प्रतिशत – 62.8%
यह अंतर बताता है कि महिलाओं की सक्रियता पुरुषों से कहीं अधिक थी और यही ट्रेंड इस चुनाव की दिशा तय करता दिखा। ग्रामीण बिहार से लेकर शहरी इलाकों तक हर जगह महिलाओं ने पहले वोट, फिर काम वाली सोच के साथ बड़ी संख्या में मतदान किया।

Women Voters Impact in Bihar Election: 10 हजार रुपये की सहायता बनी Masterstroke

महिलाओं के बैंक खातों में चुनाव से पहले भेजे गए 10 हजार रुपये ने पूरे राजनीतिक समीकरण को हिला दिया। यह रकम मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना के तहत मिली, जिसमें सरकार लाभार्थी महिलाओं को एकमुश्त ₹10,000 की सहायता राशि प्रदान करती है। यह राशि न तो लोन है और न ही इसे लौटाना होता है।
गांवों में यह रकम महिलाओं के लिए:
घर चलाने में मदद
बच्चों की जरूरतें
गैस सिलेंडर
छोटे खर्चों में राहत
जैसी जरूरतों में बड़ी राहत बनकर आई।
सीधा असर: महिलाओं का भरोसा सरकार के पक्ष में
यह रकम सिर्फ आर्थिक सहयोग नहीं थी, बल्कि “सरकार हमारी सुनती है” वाली भावना का प्रतीक बन गई। कई गांवों में महिलाओं ने कहा कि यह पहली बार है जब उन्हें सीधे उनके नाम पर आर्थिक सहायता मिली, और इससे उन्हें सम्मान व आत्मनिर्भरता का एहसास हुआ।

नीतीश कुमार का ‘महिलाओं वाला कनेक्शन’ और शराबबंदी

बिहार में नीतीश कुमार की लोकप्रियता महिलाओं के बीच पहले से ही मजबूत है। खासकर शराबबंदी का फैसला महिलाओं के लिए बड़ी राहत लेकर आया। गांवों में यह आम बात थी कि शराब बंद हुई तो घर में झगड़ा कम हुआ, पैसा बचा और शांति बढ़ी। नीतीश जी ने महिलाओं की सुनी। शराबबंदी ने नीतीश को महिलाओं का ‘लाडला नेता’ बना दिया। इस भावनात्मक जुड़ाव के साथ जब सरकार ने आर्थिक मदद भी दी, तो महिलाओं की निष्ठा और मजबूत हो गई। इस ‘वोट स्विंग’ ने कई सीटों पर निर्णायक भूमिका निभाई, जिसका सीधा फायदा NDA को मिल रहा है।

महिलाओं ने घर की नहीं, अपने मन की सुनी

इस बार कई गांवों में एक दिलचस्प ट्रेंड देखने को मिला, पुरुषों की तुलना में महिलाओं ने ज्यादा लाइन में लगकर वोट डाला और कई घरों में अंतिम फैसला उन्हीं का माना गया।

नतीजे क्या बताते हैं?

महिलाएं सरकार की योजनाओं पर तेजी से प्रतिक्रिया देती हैं
 DBT (Direct Benefit Transfer) का फायदा राजनीतिक रूप से बेहद प्रभावी साबित हुआ
शराबबंदी जैसे सामाजिक फैसलों ने महिलाओं के दिल में जगह बनाई
इस चुनाव में जाति समीकरण से ज्यादा असर ‘महिला वोट बैंक’ का दिखा

Bihar Election 2025 = Women Powered Mandate

महिलाओं ने इस बार सिर्फ वोट नहीं डाला, बल्कि बिहार की राजनीति की दिशा भी तय कर दी। 10 हजार रुपये की आर्थिक सहायता, शराबबंदी का सामाजिक असर और महिलाओं की रिकॉर्डतोड़ भागीदारी यह सब मिलकर NDA की जीत का निर्णायक कारण बन गए हैं।
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