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July 5, 2025

बिहार-7 साल पहले बेटे का मर्डर, अब पिता गोपाल खेमका को खुलेआम मारी गोली

बिहार के पटना में कारोबारी गोपाल खेमका की हत्या कर दी गई। बदमाशों ने गोपाल खेमका को उनके घर के सामने सरेआम गोली मार दी। 7 साल पहले एक शूटआउट में खेमक के बेटे गुंजन की भी हत्या कर दी गई थी।

बिहार के प्रसिद्ध व्यापारी गोपाल खेमका की खुलेआम हत्या

Bihar News-बिहार की राजधानी पटना में शुक्रवार रात एक दिल दहला देने वाली घटना हुई। एक सनसनीखेज़ वारदात में बीजेपी नेता और मशहूर व्यवसायी की अज्ञात बदमाशों ने गोली मारकर हत्या कर दी। घटना शुक्रवार देर रात पटना के पॉश गांधी मैदान इलाके में उनके आवास के पास हुई। हमला उस समय हुआ जब मगध अस्पताल के मालिक और बांकीपुर क्लब के निदेशक गोपाल खेमका Panache Hotel से सटे ट्विन टावर सोसाइटी के पास अपनी कार से बाहर निकले। अधिकारियों ने कहा कि खेमका की मौके पर ही मौत हो गई।राजधानी पटना में शुक्रवार 4 जुलाई की रात घात लगाए बैठे बदमाशों ने गोपाल की कनपट्टी पर बंदूक सटाकर गोली मार दी। घर के सामने वारदात को अंजाम देकर बदमाश फरार हो गए। गोपाल खेमका के मर्डर से पटना में सनसनी पैदा हो गई है। पुलिस मामले की जांच कर रही है। घटना इसलिए और बड़ी हो गई है क्योंकि 2018 में गोपाल के बेटे गुंजन खेमका की भी हत्या हुई थी। हाजीपुर इंडस्ट्रियल एरिया में उनकी कॉटन फैक्ट्री के सामने गुंजन को अपराधियों ने गोली मारी थी।

बिहार की कानून व्यवस्था पर सवाल उठे

पूर्णिया सांसद पप्पू यादव ने बिहार पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े करते हुए कहा, “आखिर यह परिवार कब तक बलि देता रहेगा?” हत्या के बाद पूर्णिया से निर्दलीय सांसद पप्पू यादव उर्फ राजेश रंजन ने घटनास्थल का दौरा किया और नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली सरकार पर जमकर निशाना साधा। ‘X’ पर एक पोस्ट में उन्होंने लिखा, “बिहार अपराधियों की शरणस्थली बन गया है! नीतीश जी, कृपया बिहार को बख्श दीजिए।”

7 साल पहले खेमका के बेटे गुंजन की हत्या का जिक्र करते हुए यादव ने कहा, “दिसंबर 2018 में दिनदहाड़े जवान बेटे गुंजन खेमका की हत्या के बाद वर्षों गोपाल खेमका कटे-कटे रहे। पहले भाजपा में सक्रिय थे। बेटे की हत्या के बाद दूर हो गए थे। अब अपराधियों ने घर के सामने गोपाल खेमका की भी जान ले ली। अगर उस समय सरकार अपराधियों की भागीदार नहीं बनती और उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई करती तो आज गोपाल खेमका की हत्या नहीं होती।”

दो बार हुआ था हमला गुंजन खेमका पर

पटना के टॉप अस्पताल रहे मगध हॉस्पिटल के मालिक गोपाल खेमका पर ऐसा जानलेवा हमला पहली बार हुआ और उनकी जान नहीं बच पाई। बेटे की मौत के बाद वह इस क़दर टूटे थे कि अपने हॉस्पिटल को भी बेच दिया था। उद्योगपति परिवार के बड़े बेटे 38 वर्षीय गुंजन खेमका की हत्या हाजीपुर के सबसे चर्चित पासवान चौक के पास हुई थी। दिसंबर 2018 में ठंड की दोपहर करीब एक बजे हाजीपुर स्थित कॉटन फैक्टरी जाते समय अपराधियों ने उनकी कार पर ताबड़तोड़ फायरिंग कर दी थी। इसके पहले भी 2016 में गुंजन पर जानलेवा हमला हुआ था, लेकिन तब वह बच गए थे। लेकिन, दिसंबर 2018 में उन्हें कई गोलियां लगीं और डॉक्टर बचा नहीं सके। ड्राइवर भी जख्मी हुआ था। पुलिस ने गुंजन की हत्या मामले में मस्तु सिंह नामक अपराधी को गिरफ्तार किया था जिसकी जेल से निकलने के बाद हत्या कर दी गई थी।

खेमका परिवार ने लगाया प्रशासन पर निष्क्रियता का आरोप

निष्क्रियता का दावा करते हुए, खेमका के भाई शंकर ने आरोप लगाया कि पुलिस हत्या के लगभग तीन घंटे बाद ही मौके पर पहुंची। उन्होंने दावा किया, “मेरा भाई घर लौट रहा था। रात 11:40 बजे जब वह अपनी कार से बाहर निकला तो हमलावरों ने उस पर गोलियां चला दीं। लेकिन पुलिस रात 2:30 बजे ही पहुंची।”

बिहार के नामी लोगों में शुमार खेमका

गोपाल खेमका की गिनती राज्य के बड़े व्यापारियों में होती थी। गोपाल अपने कुशल व्यवहार और मिलनसार स्वभाव के लिए जाने जाते थे। वैचारिक रूप से भारतीय जनता पार्टी से जुड़े रहने वाले गोपाल खेमका के दूसरे राजनीतिक दलों के नेताओं से भी अच्छे संबंध थे। मूलरूप से पटना के ही निवासी गोपाल खेमका ने अपने बिजनेस की पारी की शुरुआत राजधानी के अशोक राजपथ पर एक दवा की दुकान से की थी। पटना मेडिकल कॉलेज अस्पताल के सामने गोपाल खेमका ने इस दुकान को शुरू किया था। इसके बाद अपनी मेहनत के दम पर वह आगे बढ़ते चले गए। बताया जा रहा है कि गोपाल के बिजनेस का साम्राज्य 100 करोड़ से भी ऊपर का है।

कई उद्योगों के मालिक बांकीपुर क्लब के अध्यक्ष

गोपाल खेमका राजधानी के ही राजेंद्र नगर इलाके में स्थित प्रसिद्ध मगध हॉस्पिटल के मालिक भी थे। इसके अलावा कई पेट्रोल पंप और कॉटन फैक्ट्री के भी ये मालिक थे। राजधानी से सटे हाजीपुर में गोपाल खेमका की दो फैक्ट्रियां भी हैं। इनसे जुड़े लोगों का कहना है कि गोपाल खेमका के पास MBBS की डिग्री थी। इसके अलावा राजधानी के प्रसिद्ध बांकीपुर क्लब के भी अध्यक्ष गोपाल खेमका ही थे।

पान खाने के शौक़ीन खेमका एक लोकप्रिय शख्सियत

गोपाल खेमका को पान खाने का शौक था। बताया जा रहा है कि वारदात से थोड़ी देर पहले वह बांकीपुर क्लब से अपने आवास पर आए थे। गोपाल कभी किसी से तेज आवाज में बात नहीं करते थे। उनके बिजनेस में सफलता का सबसे अहम रोल उनका स्वभाव ही था। वह बिजनेस की रणनीति बनाने में भी माहिर थे। अपने स्वभाव और मेहनत तथा बिजनेस की रणनीति के दम पर गोपाल खेमका ने सफलता की सीढ़ी को चढ़ना शुरू किया और फिर पीछे मुड़कर नहीं देखा। न केवल बिजनेस, बल्कि कई सामाजिक संगठनों से भी जुड़े हुए थे। गोपाल खेमका के तीन भाई और दो बेटे भी थे। एक बेटे की हाजीपुर में हत्या कर दी गई थी, जबकि दूसरा बेटा IGIMS में डॉक्टर है।

हत्या के कारण का पता लगाने में जुटी पुलिस

गांधी मैदान थाने के पास वारदात को अंजाम दिया है। गोली मारने के बाद अपराधी बिल्कुल बेखौफ अंदाज में हथियार लहराते हुए मौके से फरार हो गए। हत्या की वजह अभी स्पष्ट नहीं है। घटना के बाद लोगों में आक्रोश है। पुलिस का कहना है कि हम मामले की गंभीरता से जांच कर रहे हैं। आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाली जा रही है। जितने भी संभावित सबूत हैं, उन्हें इकट्ठा किया जा रहा है। हालांकि अभी तक कोई ठोस सुराग हाथ नहीं लगा है, लेकिन जांच लगातार जारी है। पुलिस का दावा है कि जल्द ही आरोपियों की गिरफ्तारी होगी। हत्या क्यों की गई, इसका कारण भी सामने आएगा।

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