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April 19, 2025

झारखंड में सुरक्षाबलों ने ध्वस्त किए नक्सलियों के 11 बंकर, 7 IED बम बरामद

 Naxalites In Jharkhand: छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के पड़ोसी राज्य झारखंड में नक्सलियों के खिलाफ बड़ा एक्शन हुआ है। सुरक्षाबलों ने सुरथाना अरनपुर क्षेत्र में अरनपुर मुख्य मार्ग से लगभग 5 किलोमीटर दूर ग्राम समेल से बर्रेम जाने वाले मार्ग में 2 किलोग्राम IED प्रेशर विस्फोटक बरामद किया है, जो नक्सलियों ने सुरक्षाबलों को नुकसान पहुंचाने के लिए लगाया था, लेकिन सतर्कता से खतरा टल गया है। पश्चिम सिंहभूम जिले के कोल्हान और सारंडा में सुरक्षाबलों ने बड़ी कार्रवाई करते हुए नक्सलियों के 11 बंकरों को ध्वस्त कर दिया है। साथ ही 5 IED बम बरामद किया है। इसके अलावा सुरक्षाबलों में खराबेरा से भी दो IED बम बरामद किए हैं। जिले के एसपी आशुतोष शेखर ने बताया है कि सुरक्षाबलों का ये नक्सल विरोधी अभियान अब भी जारी है।

बख़्शे नहीं जाएंगे Naxalites-अमित शाह

Naxalites In Jharkhand: लगता है केंद्र सरकार अब नक्सलियों को बिलकुल भी बख्शने के मूड में नहीं है। खुद गृह मंत्री अमित शाह नक्सलिय़ों को अंतिम चेतावनी दे चुके हैं। गौरतलब है छत्तीसगढ़ को नक्सल मुक्त बनाने के लिए केंद्र और राज्य सरकार संयुक्त रूप से एंटी नक्सल ऑपरेशन चला रही है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने छत्तीसगढ़ को नक्सल मुक्त करने की तारीख भी तय कर दी है। शाह ने मार्च, 2026 तक छत्तीसगढ़ को पूरी तरह से नक्सल मुक्त करने का लक्ष्य रखा है। केंद्र और राज्य सरकारें मिलकर नक्सलियों को चारों तरफ से घेरकर लगातार कार्रवाई कर रही है। सिर्फ छत्तीसगढ़ में ही पिछले 6 महीने में 150 से ज्यादा नक्सलियों का एनकाउंटर किया गया है। अब छत्तीसगढ़ की तर्ज पर झारखंड में भी नक्सलियों के खिलाफ एक्शन शुरू कर दिया गया है ।
सुरक्षाबल के अधिकारी ने बताया कि 13 और 14 अप्रैल को जराइकेला थाना क्षेत्र स्थित बाबुडेरा वनग्राम के आसपास सर्च ऑपरेशन चलाया, जिसमें सुरक्षाबलों ने नक्सलियों द्वारा बिछाए गए 5 IED बम बरामद किए। इन IED को बम निरोधक दस्ते की मदद से नष्ट कर दिया गया है। इन बमों को सुरक्षाबलों को नुकसान पहुंचाने के लिए नक्सलियों द्वारा जमीन के अन्दर प्लांट किया गया था। गिरफ्तार माओवादी सड़क और अन्य विकास कार्यों में बाधा पहुंचाने, राशन एकत्रित करने का काम करते थे. गिरफ्तार माओवादी के पास से 2 नग IED डेटोनेटर और 4 नक्सली पर्चे बरामद हुए हैं। यह गिरफ्तारी धनोरा थाना क्षेत्र से की गई है। बरामद आईईडी को BDS टीम ने डिफ्यूज कर दिया है। बता दें कि बीते एक साल में सुरक्षाबलों ने सैकड़ों नक्सलियों को मौत की नींद सुला दी है, जिसमें नक्सलियों के कई बड़े कमांडर भी शामिल हैं।

11 बंकर और 6 मोर्चों को किया

Naxalites In Jharkhand: अधिकारी ने बताया कि सुरक्षाबलों ने इलाके से 11 नक्सली बंकर और 6 मोर्चों को भी ध्वस्त किया। बरामद बंकरों का आकार 25 गुना 35 फीट, 20 गुना 25 फीट और 15 गुना 20 फीट का था, जिनमें नक्सली नेताओं के ठहरने की व्यवस्था थी। बंकरों से भारी मात्रा में विस्फोटक और अन्य सामग्री बरामद की गई है। इसके बाद 15 अप्रैल को टोंटो थाना क्षेत्र के लुईया और बकराबेरा के जंगलों में भी सघन सर्च ऑपरेशन किया। इस दौरान बकराबेरा के निकट पहाड़ी इलाके में दो और आईईडी बम बरामद किए गए। इस अभियान में चाईबासा पुलिस, झारखंड जगुआर, कोबरा बटालियन की 203 और 209 बटालियन के साथ साथ सीआरपीएफ की 28, 60, 134, 174, 193 और 197 बटालियन शामिल थीं। जिले के एसपी आशुतोष शेखर ने बताया है कि सुरक्षाबलों का ये नक्सल विरोधी अभियान अब भी जारी है। अधिकारियों का कहना है कि लगातार चल रहे इस अभियान से आगे और भी अहम खुलासे और बरामदगी हो सकती है। क्षेत्र में शांति बहाल करने के लिए सुरक्षाबल पूरी तरह से मुस्तैद हैं और किसी भी नक्सली गतिविधि को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

बौखलाए हुए हैं नक्सली

Naxalites In Jharkhand: छत्तीसगढ़ में नक्सलियों पर लगातार एक्शन हो रहा है। पिछले कुछ दिनों में मुठभेड़ की खूब खबरें आई हैं। नक्सलियों के खिलाफ अभियान चल रहा है। इससे नक्सली बौखलाए हुए हैं। विस्फोटकों का इस्तेमाल नक्सली आईईडी बम बनाने में करते हैं। नक्सली सुरक्षा बलों को लगातार नुकसान पहुंचाने की कोशिश कर रहे हैं। वे IED ब्लास्ट का इस्तेमाल करते हैं क्योंकि यह सस्ता और आसानी से बन जाता है। IED ब्लास्ट एक तरह का बम ही होता है लेकिन यह सेना के बमों से अलग होता है। इसे सस्ता और टिकाऊ बम कहा जाता है। वजह ये है कि यह कम पैसों में और आसानी से तैयार हो जाता है। छत्तीसगढ़ में माओवादी IED का इस्तेमाल बड़े पैमाने पर नुकसान पहुंचाने के लिए करते हैं। IED में घातक और आग लगने वाले केमिकल का इस्तेमाल होता है। इसलिए IED ब्लास्ट होते ही मौके पर आग लग जाती है। माओवादी इसे सड़क के किनारे रखते हैं। जैसे ही इस पर पैर पड़ता है या गाड़ी का पहिया पड़ता है, यह ब्लास्ट हो जाता है। इसके अलावा IED को ट्रिगर करने के लिए रिमोट कंट्रोल, इंफ्रारेड ट्रिप वायर जैसे तरीकों का भी इस्तेमाल होता है।

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