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June 14, 2025

Bhopal 90 Degree Viral Bridge: किसी अजूबे से कम नहीं इस ब्रिज का डिजाइन

Bhopal 90 Degree Bridge: मध्य प्रदेश की राजधानी में बना ऐशबाग ओवर ब्रिज इन दिनों सोशल मीडिया पर चर्चा का केंद्र बन गया है। वजह है इस फ्लाईओवर का लगभग 90 डिग्री मोड़, जिसे देखकर लोग हैरान हैं और जमकर मीम्स भी बनाए जा रहे हैं। कांग्रेस ने इसे “दुनिया का आठवां अजूबा” बताते हुए सरकार पर भ्रष्टाचार और लापरवाही के गंभीर आरोप लगाए हैं।

डिजाइन पर उठे सवाल, कांग्रेस ने कसा तंज

मध्य प्रदेश कांग्रेस ने ट्वीट करते हुए लिखा, “नरेला में इंजीनियर विश्वास सारंग की देखरेख में बना ऐसा पुल, जो सीधा न जाकर 90 डिग्री मुड़ गया।” कांग्रेस नेताओं का आरोप है कि भारी-भरकम इस परियोजना की डिजाइन में भारी खामी है और जानबूझकर इसे नजरअंदाज किया गया। विधायक उमंग सिंघार ने इसे “भ्रष्टाचार के समीकरण और समकोण का स्मारक” बताते हुए कहा कि यह पुल सिविल इंजीनियरिंग की नहीं बल्कि कमीशन और बंदरबांट की बेमिसाल मिसाल है। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि इस पुल को इंजीनियरिंग के छात्रों के लिए “केस स्टडी” बना देना चाहिए।

Bhopal 90 Degree Bridge: सोशल मीडिया पर मीम्स की बाढ़

इस पुल को लेकर सोशल मीडिया पर जबरदस्त रिएक्शन देखने को मिल रहा है। किसी ने इसे “घोटालों का सेतु” बताया तो किसी ने लिखा कि “भोपाल आइए, अभी तो देखना फ्री है, कल को टिकट लग जाए तो आश्चर्य न हो।” ट्विटर, इंस्टाग्राम और फेसबुक पर इस फ्लाईओवर के वीडियो और फोटो खूब शेयर किए जा रहे हैं।

खर्च और सुरक्षा पर सवाल Bhopal 90 Degree Bridge

इस पुल को बनाने में 18 करोड़ रुपये और 8 साल का वक्त लगा। लेकिन अब इसके डिजाइन पर सवाल खड़े हो रहे हैं। वाहन चालकों का कहना है कि यह 90 डिग्री मोड़ काफी खतरनाक है और दुर्घटनाओं का कारण बन सकता है। अभी तक प्रशासन ने कोई स्पष्ट प्रतिक्रिया नहीं दी है, लेकिन जनता में नाराज़गी साफ दिखाई दे रही है। लोगों का कहना है कि इतनी बड़ी परियोजना में ऐसे डिजाइन की मंज़ूरी देना लापरवाही नहीं तो और क्या है?

PWD मंत्री ने दी सफाई

PWD मंत्री राकेश सिंह ने मीडिया को बताया कि NHAI की टीम इस पुल का स्थल निरीक्षण कर चुकी है और जल्द ही तकनीकी रिपोर्ट पेश की जाएगी। उन्होंने कहा, “किसी भी पुल को बनाते समय तकनीकी पहलुओं पर ध्यान दिया जाता है। अगर कोई चूक या आरोप है तो उसकी जांच कराई जाएगी।” उन्होंने यह भी कहा कि “पुल बनने के बाद अचानक कुछ विशेषज्ञ सामने आते हैं और सवाल उठाते हैं, ये उचित नहीं है।” हालांकि कांग्रेस ने इस बयान को भी गैरजिम्मेदाराना बताया है।

हादसों का न्योता या विकास का नमूना?

अब सवाल यह है कि क्या यह पुल वास्तुकला और इंजीनियरिंग का नायाब नमूना है या फिर एक भ्रष्टाचार का प्रतीक? सोशल मीडिया पर जनता की प्रतिक्रिया बता रही है कि यह मुद्दा आने वाले दिनों में और तूल पकड़ सकता है। भोपाल का 90 डिग्री मोड़ वाला ऐशबाग ओवरब्रिज फिलहाल तो सोशल मीडिया पर ट्रेंडिंग टॉपिक बन गया है, लेकिन इससे जुड़े तकनीकी, सुरक्षा और प्रशासनिक पहलुओं की जांच जरूरी है। कांग्रेस और जनता के आरोपों के बीच PWD और सरकार को पारदर्शिता और जवाबदेही साबित करनी होगी।

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