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October 24, 2025

Road Accident में मदद करने वाला पिता खुद उठाता रहा अपने बेटे का शव, नहीं पहचान पाया पिता

The CSR Journal Magazine
राजस्थान के बांसवाड़ा जिले के भगतपुरा में बुधवार रात हुए दर्दनाक सड़क हादसे ने पूरे इलाके को झकझोर दिया। दो मोटरसाइकिलों की आमने-सामने हुई टक्कर में तीन युवकों की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि दो गंभीर रूप से घायल हैं। हादसे के बाद मानवता दिखाते हुए घायलों की मदद करने पहुंचे एक पिता ने अपने ही बेटे का शव पहचानने में चूक की, और अनजाने में उसी के शव को मोर्चरी में रखवाया।

मददगार पिता के लिए सबसे बड़ा सदमा

जानकारी के मुताबिक, स्थानीय समाजसेवी हरिश्चंद्र कलाल और उनके साथी जेफरीन हादसे की सूचना मिलते ही मौके पर पहुंचे। उन्होंने घायलों को अपनी गाड़ी में डालकर तुरंत जिला अस्पताल पहुंचाया। वहां डॉक्टरों ने तीन युवकों को मृत घोषित कर दिया। शव पूरी तरह से लहूलुहान थे, जिससे पहचान कर पाना मुश्किल था। उसी दौरान जेफरीन ने पुलिस की मदद करते हुए शवों को एंबुलेंस से उतारकर मोर्चरी में रखवाया। उन्हें अंदाजा तक नहीं था कि उन्हीं में से एक शव उनके 19 वर्षीय बेटे ऐरोन का है।

घर लौटते ही टूटा दुखों का पहाड़

घायलों और मृतकों को अस्पताल पहुंचाने के बाद जब जेफरीन रात में घर लौटे, तो वहां उन्हें जीवन का सबसे बड़ा झटका लगा। परिजनों ने बताया कि हादसे में मरने वालों में उनका बेटा ऐरोन भी शामिल है।
यह सुनते ही जेफरीन की दुनिया जैसे उजड़ गई। जिस शव को उन्होंने खुद मोर्चरी में रखवाया था, वही उनके बेटे का था। खबर सुनकर वे बेसुध हो गए और परिवार का रो-रोकर बुरा हाल हो गया।

मृतकों और घायलों की पहचान

इस दर्दनाक हादसे में जिन तीन युवकों की मौत हुई, उनके नाम हैं ऐरोन पुत्र जेफरीन (19 वर्ष, निवासी भगतपुरा सेनावासा), रमेश पुत्र कोदर कटारा (30 वर्ष, निवासी पलोदरा), खोमा चरपोटा पुत्र बबला चरपोटा (32 वर्ष, निवासी खोमा) वहीं दो घायल वीरेंद्र प्रजापत (सेनावासा) और रामा पुत्र गौतम दायमा (पलोदरा) को गंभीर हालत में उदयपुर रेफर किया गया है।

इंसानियत की मिसाल, मगर दर्दनाक अंजाम

पुलिस के मुताबिक, यह भीषण दुर्घटना तेज रफ्तार और लापरवाही से वाहन चलाने की वजह से हुई। टक्कर इतनी जोरदार थी कि दोनों मोटरसाइकिलें चकनाचूर हो गईं और मौके पर ही तीन युवकों की मौत हो गई। यह हादसा इंसानियत और नियति, दोनों का चेहरा दिखाता है एक पिता जो दूसरों की मदद के लिए बिना सोचे-समझे दौड़ा, वही खुद अपने बेटे का शव उठा रहा था। जेफरीन की इस घटना ने पूरे बांसवाड़ा को भावुक कर दिया है। सोशल मीडिया पर लोग इस घटना को Tragedy of Fate बता रहे हैं।
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