Bangladeshi in Mumbai: मुंबई में अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेशी घुसपैठियों के खिलाफ मुंबई पुलिस की कार्रवाई लगातार जारी है। पुलिस ने एक बार फिर बड़ी कार्रवाई करते हुए मानखुर्द और पवई इलाके से आठ बांग्लादेशी नागरिकों को गिरफ्तार किया है, जो लंबे समय से अवैध रूप से भारत में रह रहे थे। इस ताजा कार्रवाई में पुलिस ने जिन लोगों को गिरफ्तार किया है, उनमें पांच पुरुष, एक महिला और दो बच्चे शामिल हैं। गिरफ्तार किए गए घुसपैठियों की पहचान पियार अली, फरीद अली, सुहाना शेख, असलम शेख, मोहम्मद बरकत शेख और मोहम्मद अकबर अली युनूस शेख के तौर पर हुई है। Bangladeshi detained in Mumbai by Police
मिल्की टाउन से होता है सबसे ज्यादा घुसपैठ का रास्ता
पुलिस पूछताछ में आरोपियों ने जो खुलासे किए हैं, वो बेहद चौंकाने वाले हैं। सभी आरोपियों ने माना कि वे बांग्लादेश से पश्चिम बंगाल के नॉर्थ 24 परगना जिले के मिल्की टाउन इलाके के रास्ते भारत में दाखिल हुए थे। उनका कहना है कि बांग्लादेश की सीमा से मिल्की टाउन महज 10 से 15 किलोमीटर की दूरी पर है और सड़क या नदी मार्ग से वहां पहुंचना बहुत आसान है। स्थानीय दलालों की मदद से वे चुपचाप सीमा पार करके भारत में घुसे और फिर ट्रेन पकड़कर सीधे मुंबई आ पहुंचे।
फर्जी दस्तावेजों का सहारा लेकर सालों से रह रहे थे मुंबई में
मुंबई पहुंचने के बाद ये सभी घुसपैठिए स्थानीय दलालों के संपर्क में आए और उनके जरिए फर्जी दस्तावेज बनवाकर यहां किराए के मकानों में रहने लगे। इन दस्तावेजों में आधार कार्ड, राशन कार्ड, पैन कार्ड जैसी जरूरी पहचान पत्र भी शामिल हैं। पुलिस ने इन लोगों के पास से कई फर्जी दस्तावेज बरामद भी किए हैं।
सोशल मीडिया के जरिए बांग्लादेश से संपर्क में थे घुसपैठिए
पुलिस जांच में यह भी सामने आया है कि ये सभी बांग्लादेशी घुसपैठिए आईएमओ (IMO) और अन्य सोशल मीडिया प्लेटफार्म जैसे व्हाट्सएप वगैरह के जरिए अपने परिवार और रिश्तेदारों से लगातार संपर्क में रहते थे। इससे साफ है कि वे भले ही भारत में अवैध रूप से रह रहे हों, लेकिन उनका संबंध बांग्लादेश से पूरी तरह नहीं टूटा था।
3 मई को मिली थी खुफिया जानकारी, पुलिस ने बिछाया था जाल
मुंबई पुलिस को 3 मई को खुफिया सूत्रों से यह जानकारी मिली थी कि मानखुर्द और पवई इलाके में कुछ अवैध बांग्लादेशी छिपे हुए हैं। इसके बाद पुलिस ने एक विशेष योजना बनाई और दोनों इलाकों में जाल बिछाया। जैसे ही संदिग्धों की पहचान हुई, तुरंत कार्रवाई की गई और सभी को गिरफ्तार कर लिया गया। पूछताछ में सभी ने अपना गुनाह कबूल किया और बताया कि वे पिछले कई सालों से मुंबई में रह रहे थे।
मुंबई में चार महीने में 550 से ज्यादा बांग्लादेशी घुसपैठिए गिरफ्तार
मुंबई पुलिस के मुताबिक, साल 2025 के पहले चार महीनों में ही 550 से ज्यादा बांग्लादेशी घुसपैठिए गिरफ्तार किए जा चुके हैं, जिनमें से 180 को डिपोर्ट भी किया जा चुका है। वहीं 2024 में यह संख्या 350 थी, जिनमें से 100 को बांग्लादेश वापस भेजा गया था। ये आंकड़े इस ओर इशारा करते हैं कि बांग्लादेश से अवैध घुसपैठ की समस्या लगातार गंभीर होती जा रही है और मुंबई जैसे महानगरों में इनका नेटवर्क गहराता जा रहा है।
बच्चों को भी घुसपैठ के लिए इस्तेमाल कर रहे दलाल
इस मामले में सबसे चिंता की बात यह है कि आरोपी अपने साथ छोटे बच्चों को भी लेकर आए थे। दो बच्चों के साथ महिला को भी गिरफ्तार किया गया है, जिससे यह संकेत मिलता है कि अब परिवारों के साथ घुसपैठ करने का नया ट्रेंड शुरू हो गया है ताकि शक न हो। जांच में सामने आया है कि पश्चिम बंगाल के सीमावर्ती इलाकों में दलालों का एक संगठित नेटवर्क है जो बांग्लादेशियों को चोरी-छिपे भारत में घुसने में मदद करता है। ये दलाल प्रत्येक व्यक्ति से मोटी रकम वसूलते हैं और उन्हें भारत के अलग-अलग राज्यों में भेजते हैं, जहां वे फर्जी दस्तावेजों के जरिए नौकरी, ठिकाना और यहां तक कि वोटर आईडी तक बनवा लेते हैं।
केंद्रीय एजेंसियां भी अलर्ट, एनआईए और आईबी की नजर
इस घटना के बाद एनआईए (NIA) और इंटेलिजेंस ब्यूरो (IB) जैसी केंद्रीय जांच एजेंसियां भी सतर्क हो गई हैं। सूत्रों के मुताबिक, इस नेटवर्क के जरिए आतंकी घुसपैठ की आशंका को भी नकारा नहीं जा सकता। इसलिए गिरफ्तार लोगों से गहन पूछताछ की जा रही है कि कहीं इस नेटवर्क का कोई कनेक्शन आतंकी संगठनों से तो नहीं है।
पुलिस का कहना—कानूनी प्रक्रिया के बाद सभी को डिपोर्ट किया जाएगा
मुंबई पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि सभी आरोपियों के खिलाफ विदेशी नागरिक अधिनियम (Foreigners Act) और अन्य धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है। कानूनी प्रक्रिया पूरी होते ही इन्हें बांग्लादेश वापस डिपोर्ट किया जाएगा। इसके अलावा इनसे जुड़ी जानकारी के आधार पर पश्चिम बंगाल, असम और बांग्लादेश बॉर्डर पर सुरक्षा एजेंसियों को भी अलर्ट किया गया है। मुंबई में बढ़ती बांग्लादेशी घुसपैठ न सिर्फ सुरक्षा बलों बल्कि समाज के लिए भी एक बड़ी चुनौती बन गई है। पुलिस की ताबड़तोड़ कार्रवाई से फिलहाल राहत जरूर मिली है, लेकिन जब तक इस नेटवर्क की जड़ें पूरी तरह नहीं उखाड़ी जाएंगी, तब तक खतरा बना रहेगा। Bangladesh News