बैकबे रीक्लेमेशन क्षेत्र के लिए संशोधित विकास योजना को राज्य सरकार की मंजूरी! राज्य सरकार ने बैकबे रीक्लेमेशन स्कीम (BBRS) के लिए विकास योजना (डेवलपमेंट प्लान) में संशोधन को मंजूरी दे दी है। यह संशोधित योजना ब्लॉक-III से ब्लॉक-VI तक, नरीमन पॉइंट और कोलाबा के बीच लागू होगी। इस फैसले के साथ दक्षिण मुंबई के इस प्रीमियम वॉटरफ्रंट क्षेत्र में बुनियादी ढांचे, कनेक्टिविटी और भूमि उपयोग से जुड़े कई बड़े बदलावों का रास्ता साफ हो गया है।
नरीमन पॉइंट से कोलाबा तक 2041 की दृष्टि से बदलेगा दक्षिण मुंबई का प्रीमियम वॉटरफ्रंट
दक्षिण मुंबई के ऐतिहासिक और प्रीमियम वॉटरफ्रंट क्षेत्र बैकबे रीक्लेमेशन स्कीम (BBRS) के लिए राज्य सरकार ने विकास योजना (डेवलपमेंट प्लान- DP) में संशोधन को अंतिम मंजूरी दे दी है। यह संशोधित योजना ब्लॉक-III से ब्लॉक-VI तक लागू होगी, जो नरीमन पॉइंट और कोलाबा के बीच फैला हुआ है। इस फैसले के साथ क्षेत्र में बुनियादी ढांचे के आधुनिकीकरण, यातायात सुधार, भूमि उपयोग पुनर्संरचना और नियंत्रित विकास की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है।
योजना की पृष्ठभूमि: क्यों जरूरी था संशोधित डीपी
बैकबे रीक्लेमेशन क्षेत्र मुंबई के सबसे पुराने और रणनीतिक शहरी विकास क्षेत्रों में से एक है। बीते दशकों में यहां प्रशासनिक, सांस्कृतिक और व्यावसायिक गतिविधियों का तेजी से विस्तार हुआ, लेकिन यातायात दबाव, सीमित सड़क नेटवर्क और बदलती शहरी जरूरतों के कारण नई योजना की आवश्यकता महसूस की जा रही थी। इसी को ध्यान में रखते हुए MMRDA ने 2041 तक की आबादी, परिवहन, पर्यावरण और भूमि उपयोग आवश्यकताओं का आकलन कर संशोधित ड्राफ्ट डीपी तैयार की।
2041 तक का रोडमैप: दीर्घकालिक शहरी दृष्टिकोण
संशोधित डीपी केवल मौजूदा समस्याओं के समाधान तक सीमित नहीं है, बल्कि अगले दो दशकों की जरूरतों को ध्यान में रखकर बनाई गई है। इसमें-
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भविष्य की यातायात वृद्धि,
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समुद्री किनारे आधारित विकास,
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पर्यटन और सांस्कृतिक गतिविधियों का विस्तार,
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और आपदा प्रबंधन जैसे पहलुओं को शामिल किया गया है। सरकार का मानना है कि यह योजना दक्षिण मुंबई को टिकाऊ और सुव्यवस्थित विकास मॉडल प्रदान करेगी।
237 हेक्टेयर में फैला विशाल BBRS योजना क्षेत्र
बैकबे रीक्लेमेशन योजना क्षेत्र का कुल क्षेत्रफल 237 हेक्टेयर से अधिक है, जो इसे मुंबई के सबसे बड़े योजनाबद्ध वॉटरफ्रंट प्रोजेक्ट्स में शामिल करता है। इसमें-
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109.9 हेक्टेयर पुनः प्राप्त भूमि शामिल है, जिस पर प्रमुख शहरी विकास प्रस्तावित हैं।
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123.1 हेक्टेयर समुद्री क्षेत्र है, जहां समुद्री गतिविधियों और वॉटरफ्रंट सुविधाओं पर ध्यान दिया जाएगा।
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4 हेक्टेयर से अधिक मैंग्रोव क्षेत्र, जिसे पर्यावरणीय सुरक्षा के लिहाज से संवेदनशील माना गया है। यह क्षेत्र उत्तर में मैडम कामा रोड, दक्षिण में ब्लॉक-VII, पश्चिम में अरब सागर और पूर्व में कैप्टन प्रकाश पेठे मार्ग व जनरल जे. बी. भोसले मार्ग से घिरा है।
एलिवेटेड रोड: NCPA से बधवार पार्क तक नई जीवनरेखा
संशोधित डीपी का सबसे चर्चित प्रस्ताव नेशनल सेंटर फॉर द परफॉर्मिंग आर्ट्स (NCPA) से बधवार पार्क तक एक एलिवेटेड रोड का है। वर्तमान में नरीमन पॉइंट और कोलाबा के बीच सीधी पूर्व–पश्चिम कनेक्टिविटी सीमित है, जिससे पीक आवर्स में भारी जाम लगता है। यह एलिवेटेड रोड जहां ट्रैफिक का दबाव कम करेगी, वहीं वैकल्पिक मार्ग उपलब्ध कराएगी, और आपातकालीन सेवाओं की गति में सुधार लाएगी। विशेषज्ञों का मानना है कि इससे दक्षिण मुंबई के व्यवसायिक केंद्रों तक पहुंच अधिक तेज और सुगम होगी। डीपी में केवल एलिवेटेड रोड ही नहीं, बल्कि आंतरिक सड़कों के पुनर्गठन और नई कनेक्टिविटी कड़ियों का भी प्रस्ताव है। इन सुधारों से स्थानीय यातायात को बेहतर ढंग से वितरित किया जा सकेगा। पैदल यात्रियों और साइकिल चालकों के लिए सुरक्षित मार्ग विकसित होंगे, और सार्वजनिक परिवहन को प्राथमिकता देने की योजना बनेगी।
मरीना का प्रस्ताव: समुद्री पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा
संशोधित योजना में एक आधुनिक मरीना विकसित करने का प्रस्ताव भी शामिल है। यह मरीना-
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निजी और पर्यटक नौकाओं के लिए सुविधाएं प्रदान करेगी,
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समुद्री पर्यटन को बढ़ावा देगी,
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और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मुंबई की वॉटरफ्रंट पहचान को मजबूत करेगी। विशेषज्ञों के अनुसार, इससे रोजगार के नए अवसर भी पैदा होंगे।
हेलिपैड: आपात सेवाओं और वीआईपी आवागमन के लिए सुविधा
योजना में प्रस्तावित हेलिपैड को आपातकालीन सेवाओं, आपदा प्रबंधन और विशेष आवागमन आवश्यकताओं के लिए महत्वपूर्ण माना जा रहा है। इससे-
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चिकित्सा आपात स्थितियों में तेज प्रतिक्रिया संभव होगी,
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और बड़े आयोजनों या आपदा की स्थिति में प्रशासन को बेहतर नियंत्रण मिलेगा। संशोधित डीपी में भूमि उपयोग आरक्षणों में भी बदलाव प्रस्तावित हैं। इनका उद्देश्य व्यावसायिक, सांस्कृतिक और सार्वजनिक उपयोगों के बीच संतुलन बनाना, खुले स्थानों और सार्वजनिक सुविधाओं को सुरक्षित रखना और अनियंत्रित निर्माण को रोकना है।
CRZ नियम और पर्यावरण संरक्षण पर विशेष जोर
योजना के तहत तटीय विनियमन क्षेत्र (CRZ) के सभी नियमों का पालन अनिवार्य किया गया है। विशेष रूप से-
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मैंग्रोव क्षेत्रों का संरक्षण,
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समुद्री पारिस्थितिकी को नुकसान न पहुंचे,
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और निर्माण गतिविधियों पर सख्त निगरानी की व्यवस्था शामिल है। सरकार का दावा है कि विकास और पर्यावरण के बीच संतुलन बनाए रखा जाएगा।
चुनौतियां और संभावित विरोध
हालांकि योजना को मंजूरी मिल चुकी है, लेकिन पर्यावरण समूहों की चिंताएं, यातायात निर्माण के दौरान अस्थायी असुविधाएं, और लागत व समयसीमा जैसे मुद्दे भविष्य में चुनौती बन सकते हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि पारदर्शिता और जनसंवाद से इन चुनौतियों का समाधान संभव है।
आगे की राह: दक्षिण मुंबई का नया शहरी स्वरूप
बीबीआरएस के लिए संशोधित विकास योजना को दक्षिण मुंबई के भविष्य की दिशा तय करने वाला कदम माना जा रहा है। यदि यह योजना प्रभावी ढंग से लागू होती है, तो नरीमन पॉइंट से कोलाबा तक का क्षेत्र बेहतर कनेक्टिविटी, आधुनिक वॉटरफ्रंट सुविधाओं, और पर्यावरण-संवेदनशील विकास का उदाहरण बन सकता है।संक्षेप में, बैकबे री-क्लेमेशन स्कीम की संशोधित डीपी न केवल बुनियादी ढांचे का विस्तार है, बल्कि दक्षिण मुंबई के शहरी भविष्य की एक नई रूपरेखा भी प्रस्तुत करती है।
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