Ayodhya Tilak Pravesh Dwar: रामनगरी अयोध्या धार्मिक और सांस्कृतिक पुनर्जागरण की दिशा में एक और महत्वपूर्ण कदम बढ़ा रही है। पंचकोसी परिक्रमा मार्ग पर ‘तिलक प्रवेश द्वार’ नामक एक भव्य प्रवेश द्वार का निर्माण तेज़ी से किया जा रहा है, जो आने वाले समय में न केवल श्रद्धालुओं के लिए आध्यात्मिक स्वागत द्वार बनेगा, बल्कि अयोध्या की धार्मिक गरिमा का भी प्रतीक होगा। यह द्वार लगभग 1.89 करोड़ रुपये की लागत से बन रहा है और अब तक 60 प्रतिशत निर्माण कार्य पूरा हो चुका है। इसका निर्माण अयोध्या विकास प्राधिकरण के तत्वावधान में किया जा रहा है और यह प्रमुख धार्मिक स्थल हनुमान गुफा के समीप स्थित है।
श्रद्धालुओं के स्वागत का नया अध्याय
‘तिलक प्रवेश द्वार’ को केवल एक भौतिक संरचना के रूप में नहीं, बल्कि एक आध्यात्मिक प्रतीक और धार्मिक परंपरा के सम्मान के रूप में देखा जा रहा है। अयोध्या की पंचकोसी परिक्रमा में सम्मिलित होने वाले श्रद्धालुओं के लिए यह द्वार प्रवेश का एक भव्य अनुभव प्रदान करेगा।
Ayodhya Tilak Pravesh Dwar के डिजाइन की विशेषताएं
इस द्वार को शास्त्रीय मंदिर स्थापत्य कला के साथ आधुनिक तकनीकों का संतुलित मिश्रण बनाकर तैयार किया जा रहा है। इसमें रामायण कालीन प्रेरणाओं, धार्मिक प्रतीकों, और पारंपरिक शिल्प कला को समाहित किया गया है, जिससे यह अयोध्या की सांस्कृतिक पहचान को सशक्त करता है। Ayodhya Tilak Pravesh Dwar
पर्यटन और सौंदर्यीकरण को मिलेगा नया आयाम
इस द्वार के इर्द-गिर्द भव्यता का खास ख्याल रखा जा रहा है। चारों ओर लाइटिंग, नक्काशीदार पत्थर, सजे खंभे, हरियाली और सजावट के विशेष प्रबंध किए जा रहे हैं। यह संपूर्ण संरचना न केवल धार्मिक दृष्टि से, बल्कि पर्यटन आकर्षण के लिहाज से भी एक नया लैंडमार्क बनने की ओर अग्रसर है। अयोध्या विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष अश्विन पाण्डेय के अनुसार, “यह प्रवेश द्वार धार्मिक आस्था, स्थापत्य और भव्यता का अनोखा संगम होगा। हमारा उद्देश्य है कि यह श्रद्धालुओं को एक यादगार स्वागत अनुभव प्रदान करे।”
अयोध्या को वैश्विक धार्मिक पर्यटन केंद्र बनाने की दिशा में एक और कदम
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अयोध्या को वैश्विक धार्मिक पर्यटन केंद्र के रूप में स्थापित करने के लिए लगातार योजनाएं लागू कर रहे हैं। इन योजनाओं में श्रीराम जन्मभूमि क्षेत्र का पुनर्विकास, आस्था पथ, भक्ति पथ, जनसुविधा केंद्र, रिवर फ्रंट डेवलपमेंट, और घाटों का पुनरुद्धार जैसी परियोजनाएं शामिल हैं। अब ‘तिलक प्रवेश द्वार’ भी इस श्रृंखला में एक अहम कड़ी के रूप में जोड़ा गया है, जो अयोध्या आगमन पर श्रद्धालुओं को आध्यात्मिक भव्यता का पहला अनुभव देगा। Ayodhya Ram Mandir News
स्थानीय जनता में उत्साह और गौरव का भाव
इस परियोजना को लेकर स्थानीय नागरिकों में भारी उत्साह है। अयोध्यावासियों का कहना है कि यह द्वार न केवल श्रद्धालुओं के स्वागत का केंद्र बनेगा, बल्कि यह शहर की सांस्कृतिक विरासत, धार्मिक परंपरा और आत्मगौरव का भी प्रतीक होगा। स्थानिक निवासी राकेश मिश्र बताते हैं, “जब भी कोई श्रद्धालु इस द्वार से अयोध्या में प्रवेश करेगा, तो उसे लगेगा जैसे वह एक दिव्य लोक में प्रवेश कर रहा हो। यह द्वार अयोध्या के आत्मसम्मान को और ऊंचा करेगा।”
जल्द होगा Ayodhya Tilak Pravesh Dwar का लोकार्पण
अधिकारियों के अनुसार, निर्माण कार्य समयबद्ध रूप से पूरा किया जा रहा है और आगामी धार्मिक आयोजनों से पहले इसका लोकार्पण करने की योजना है। इसके बाद यह द्वार पंचकोसी मार्ग पर आने वाले लाखों श्रद्धालुओं के लिए एक नया दर्शनीय स्थल और आध्यात्मिक प्रवेशद्वार बन जाएगा। ‘तिलक प्रवेश द्वार’ अयोध्या के सांस्कृतिक उत्थान और धार्मिक नवाचार का प्रतीक बनकर उभर रहा है। यह न केवल उत्तर प्रदेश सरकार की धार्मिक पर्यटन नीति का हिस्सा है, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए एक धरोहर भी बनेगा। यह द्वार वह पहली झलक होगी, जो अयोध्या आने वाले श्रद्धालुओं को रामनगरी की आध्यात्मिक शक्ति, सांस्कृतिक भव्यता और परंपरा की गरिमा से परिचित कराएगा।