अयोध्या के रावत मंदिर के मुख्य पुजारी महंत राम मिलन दास का शनिवार शाम अचानक निधन हो गया। भोजन करने के कुछ ही समय बाद उनके मुंह से झाग निकलने लगा। शिष्यों ने तुरंत उन्हें अस्पताल पहुंचाया, लेकिन डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
महंत की रहस्यमय परिस्थितियों में मौत
अयोध्या कोतवाली क्षेत्र के रामघाट के रावत मंदिर के महंत की शनिवार रात संदिग्ध परिस्थितियों में मृत्यु हो गई। उन्होंने देर शाम लगभग 7.30 बजे खाना खाया था। उसके कुछ देर बाद ही उनके मुंह से झाग निकला और उनकी हालत बिगड़ती गई। उनके शिष्यों व अन्य ने उन्हें तुरंत श्रीराम चिकित्सालय पहुंचाया, जहां डाक्टरों ने परीक्षण के बाद उनकी मौत की पुष्टि कर दी। घटना की सूचना मिलने के बाद जिलाधिकारी निखिल टीकाराम फुंडे और एसएसपी डा. गौरव ग्रोवर भी मौके पर पहुंच गए और कोतवाल मनोज शर्मा को घटना से जुड़े सभी तथ्यों की पड़ताल करने का निर्देश दिया।
संपत्ति से जुड़े कारणों की आशंका
जानकारी के अनुसार, महंत राम मिलन दास के पास रामघाट क्षेत्र में जमीन थी, जिसे उन्होंने दो महीने पहले 8 करोड़ रुपये में बेचा था। जमीन का सौदा पूरा हो चुका था और राशि उनके बैंक खाते में जमा हो गई थी। उनके खाते में पहले से ही करीब 1.5 करोड़ रुपये मौजूद थे। अयोध्या पुलिस स्टेशन के प्रभारी मनोज शर्मा ने बताया, “मृत्यु का कारण अभी स्पष्ट नहीं है। जांच की जा रही है कि जमीन बेचने के बाद मिले पैसे का इस मौत से कोई संबंध है या नहीं।” पुलिस ने महंत की सेविका शकुंतला (40) को हिरासत में लिया है। शकुंतला पिछले 13 सालों से महंत की सेवा में थी। उससे पहले उसकी मां भी आश्रम में सेवा करती थी।
सीएम योगी के करीबी थे महंत राम मिलन दास
महंत राम मिलन दास (48) मूल रूप से कुशीनगर जिले के बाड़ हरवा गांव के निवासी थे। वे पिछले 15 वर्षों से रावत मंदिर के महंत थे। उनके गुरु राम मंदिर आंदोलन के प्रमुख संतों में से एक थे। महंत योगी आदित्यनाथ के भी काफी करीबी माने जाते थे। मुख्यमंत्री योगी कई बार रावत मंदिर जाकर उनसे मुलाकात कर चुके थे। शिष्यों के अनुसार, शनिवार शाम करीब 7 बजे महंतजी ने भोजन किया, जो उनकी सेविका शकुंतला ने परोसा था। कुछ ही देर बाद शकुंतला घबराई हुई बाहर आई और शोर मचाया। शोर सुनकर शिष्य कमरे में पहुंचे तो देखा कि महंतजी के मुंह से झाग निकल रहा था। उन्हें तुरंत श्रीराम अस्पताल ले जाया गया, लेकिन तब तक उनकी सांसें थम चुकी थीं।
पुलिस को पैसों के लिए साजिश की आशंका
लोगों का आरोप है कि महंत किसी साजिश के शिकार हुए हैं। महंत की मौत की जानकारी मिलने के बाद श्रीराम चिकित्सालय में भीड़ बढ़ गई। अयोध्या के कोतवाल मनोज शर्मा ने कहा कि महंत की मौत की वजह अभी स्पष्ट नहीं हो सकी है। यह पता लगाने का प्रयास किया जा रहा कि कहीं जमीन बेचने के बाद मिले रुपये तो उनकी मौत का कारण नहीं बने! लगभग नौ करोड़ रुपये उनके खाते में जमा बताया गया है।
संत समूह ने की पोस्टमॉर्टम की मांग
रिपोर्ट के मुताबिक, अस्पताल से किसी ने पुलिस को सूचना दी, जिसके बाद पुलिस ने शव को अपने कब्जे में लेकर जांच शुरू की। शिष्यों ने बताया कि महंतजी की तबीयत पूरी तरह ठीक थी। एक दिन पहले ही वे दिगंबर अखाड़े के संतों के साथ सामूहिक भोजन में शामिल हुए थे। मामले की जानकारी मिलते ही जिलाधिकारी (DM) और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (SSP) श्रीराम अस्पताल पहुंचे। उन्होंने संतों और भक्तों से विस्तृत जानकारी ली। दिगंबर अखाड़े के महंत राम लखन दास, वामन मंदिर के महंत वैदेही वल्लभ शरणऔर राधा मोहन कुंज के महंत सुदर्शन दास ने कहा कि महंत राम मिलन दास की मृत्यु का रहस्य खुलना चाहिए, और उन्होंने पोस्टमॉर्टम की मांग की है।
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