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March 30, 2025

Auto Brewery Syndrome: ऐसी बीमारी जिसमें शरीर खुद ही बनाता है एल्कोहल,

Auto Brewery Syndrome: सेहत के लिए शराब कितनी नुकसानदायक होती है, यह बात किसी से छिपी नहीं है। आप ये भी जानते होंगे कि नशे की हालत में गाड़ी लेकर सड़क पर निकलने की भी मनाही है और सिर्फ भारत ही नहीं, बल्कि अलग-अलग देशों में इस मामले में जुर्माने से लेकर सजा का भी प्रावधान है।
Auto Brewery Syndrome- बिन पिए नशा
हाल ही में बेल्जियम में एक शख्स के ऊपर शराब पीकर गाड़ी चलाने का केस दर्ज हुआ, लेकिन मेडिकल जांच में पाया गया कि उसने शराब का सेवन किया ही नहीं किया था, बल्कि वह Auto Brewery Syndrome नामक एक दुर्लभ बीमारी से पीड़ित था, जिसमें इंसान के शरीर में अपने आप Alcohol बनने लगता है और व्यक्ति बिना पिए ही नशे में धुत रहने लगता है। जी हां, इस व्यक्ति के तीन मेडिकल टेस्ट भी हुए, जिसमें ABC नाम की बीमारी की पुष्टि हुई। बता दें, कि कमजोर इम्युनिटी और आंत की बीमारी से जूझ रहे लोगों को इसका जोखिम ज्यादा रहता है। University Of Virginia का स्कूल ऑफ मेडिसिन ‘Auto Brewery Syndrome’ को एक दुर्लभ बीमारी मानता है, जिसमें शरीर खुद ही अल्कोहल बनाने लगता है और व्यक्ति नशे में धुत्त रहने लगता है। इसे ‘गट फर्मेंटेशन सिंड्रोम’ ‘Gut Fermentation Syndrome’ भी कहते हैं, जिससे पीड़ित व्यक्ति के जठराग्नियों में मौजूद एक किस्म की फंगी, Carbohydrates को MicroBacteria Fermentation के माध्यम से अल्कोहल में तब्दील कर देता है।

क्या है Auto-brewery Syndrome

Auto Brewery Syndrome एक ऐसी समस्या है, जिसमें व्यक्ति अपना मानसिक और शारीरिक संतुलन खो देता है। इस समस्या से प्रभावित व्यक्ति अपने होश में नहीं रहता। इस बीमारी से पीड़ित व्यक्ति को देखकर ऐसा प्रतीत होगा कि जैसे उस व्यक्ति ने किसी तरह का नशा कर लिया है। इससे पीड़ित व्यक्ति को Hangover जैसा महसूस होता है और वह नशे में धुत रहता है। इस समस्या से ग्रसित व्यक्ति को ऐसी चीजें खाने की इच्छा होती है, जिनसे Hangover उतर जाता है। Auto Brewery Syndrome से ग्रसित व्यक्ति का शरीर कार्बोहाइड्रेट एल्कोहल (Ethanol) का उत्सर्जन करता है। यानि अगर व्यक्ति अधिक मात्रा में कार्बोहाइड्रेट लेता है, तो उसके शरीर में नशे का प्रभाव अधिक दिख सकता है। कार्बोहाइड्रेट से Alcohol आंतों के अंदर जमा होने लगता है। यह  आंत में बहुत अधिक ईस्ट (Yeast) जमा होने की वजह से हो सकता है। Yeast एक तरह का फंगस होता है। आइए जानते हैं कुछ ऐसे Yeasts के बारे में, जिनकी वजह से ऑटो ब्रीवेरी सिंड्रोम होने की संभावना अधिक होती है। –
कैनडीडा अल्बिकन्स (Candida albicans), कैंडिडा ग्लबराटा (Candida glabrata), टोरुलोप्सिस ग्लबराटा (Torulopsis glabrata), कैंडिडा क्रूसि (Candida krusei), कैंडिडा केफिरो (Candida kefyr) Saccharomyces cerevisiae (शराब बनाने वाला ईस्ट)। रिसर्च के अनुसार, कार्बोहाइड्रेट से उत्सर्जित एल्कोहल धीर-धीरे व्यक्ति को अपनी चपेट में ले लेता है और वह नशे में धुत हो जाता है।

ऑटो ब्रीवेरी सिंड्रोम के लक्षण (Auto-brewery Syndrome Symptoms)

इस समस्या से पीड़ित व्यक्ति को काफी नशा जैसा अनुभव होता है। इसमें व्यक्ति को वे चीजें खाने की इच्छा होती है, जिससे उन्हें Hangover से आराम मिल सके। ऑटो ब्रीवेरी सिंड्रोम में व्यक्ति को वे सभी लक्षण महसूस होते हैं, जो नशा करने के बाद होते हैं, जैसे- स्किन का लाल होना, चक्कर आना, भटकाव, सिरदर्द, उल्टी जैसा महसूस होना, Dehydration होना, Dry Mouth, डकार आना, थकान महसूस होना। याददाश्त और एकाग्रता की समस्याएं और मनोदशा में बदलाव भी होते हैं। इसके अलावा Auto Brewery Syndrome अन्य स्वास्थ्य समस्याओं को जन्म दे सकता है, जिसकी वजह से गंभीर परिणाम देखने को मिल सकते हैं। जैसे- Cronic Fatigue Syndrome, Irritable Bowell Syndrome, Stress और Depression आदि।

ऑटो ब्रीवेरी सिंड्रोम का ईलाज

अभी इसका उपचार काफी मुश्किल ही है, क्योंकि इसके बारे में सीमित जानकारी ही उपलब्ध है। इस समस्या से जूझ रहा शख्स अगर थोड़ी मात्रा में भी शराब का सेवन कर लेता है, तो इससे गंभीर लक्षण देखने को मिल सकते हैं और लिवर समेत Cancer जैसी खतरनाक बीमारियों का भी जोखिम रहता है।
पिछले कुछ सालों में इसके कुछ ही मामले सामने आए हैं और ताजा मामला Belgium से देखने को मिला है, जहां 40 वर्षीय व्यक्ति ABS से पीड़ित पाया गया है। इस समस्या से ग्रसित व्यक्ति को Carbohydrates का सेवन कम मात्रा में करने की सलाह दी जाती है। इसके अलावा क्रोहन डिजीज जैसी समस्या का इलाज करके आंत में फंगस को कंट्रोल करने की कोशिश की जाती है। इसके लिए डॉक्टर कुछ Anti-Fungal दवाएं Refer कर सकते हैं। Antifungal दवाएं पेट में मौजूद फंगस संक्रमण से छुटकारा दिलाने में आपकी मदद कर सकती है। इसके अलावा डॉक्टर लाइफस्टाइल और खानपान में बदलाव करने की सलाह दे सकते हैं। जैसे- चीनी का कम मात्रा में सेवन करें। कार्बोहाइड्रेट युक्त आहार न लें। शराब से दूरी बनाएं। मीठे खाद्य पदार्थों और साधारण कार्ब्स से बचें। White Bread, Pasta, सफेद चावल, Refined Flour, Potato Chips, Cold Drinks, Fruit Juices इत्यादि लेने से बचें।  Auto Brewery Syndrome में व्यक्ति को नशे जैसा अनुभव होता है। अगर आपको इस तरह की परेशानी है, तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लें, ताकि समय पर इसका इलाज किया जा सके।

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