ऑस्ट्रेलिया सिडनी के अस्पतालों में शुरू हुई अत्याधुनिक ‘ट्यूमर को फ्रीज़ कर नष्ट करने’ वाली तकनीक Cryoablation! कम दर्द, तेज़ रिकवरी और अधिक सटीकता ने बढ़ाई उम्मीदें!
Cryoablation- कैंसर इलाज की नई तकनीक जो बदल सकती है भविष्य
सिडनी के दक्षिण-पश्चिम में स्थित Liverpool Hospital ने हाल ही में एक ऐसी अत्याधुनिक प्रणाली का उपयोग शुरू किया है, जिसने कैंसर इलाज के क्षेत्र में वैश्विक ध्यान खींचा है। यह है MRI-guided Cryoablation, एक कम-आक्रामक तकनीक जिसमें ट्यूमर को ऑपरेशन के बजाय बेहद कम तापमान पर “फ्रीज़” कर नष्ट किया जाता है। इस विधि में डॉक्टर MRI की रीयल-टाइम इमेजिंग की मदद से एक पतली सुई को ट्यूमर के भीतर सटीकता से पहुंचाते हैं। इसके बाद सुई से अत्यधिक ठंडा गैस छोड़ा जाता है, जो ट्यूमर को जमा देता है और कैंसर कोशिकाएं नष्ट हो जाती हैं। प्रक्रिया के दौरान स्वस्थ ऊतक सुरक्षित रहते हैं, यही इसे पारंपरिक सर्जरी से अलग और कई मामलों में बेहतर बनाता है।
रिकवरी तेज़, दर्द कम- मरीजों के लिए बड़ा बदलाव
Cryoablation तकनीक के लागू होने के बाद अस्पतालों में आए शुरुआती अनुभव बेहद सकारात्मक रहे हैं। कई मरीज अगले ही दिन घर लौट पा रहे हैं, जबकि सामान्य सर्जरी के बाद लंबा अस्पताल प्रवास, टांके, रक्तस्राव और संक्रमण का जोखिम बना रहता है। एक उदाहरण में, Cryoablation प्रक्रिया के द्वारा रीढ़ के पास मौजूद छोटा ट्यूमर हटवाने वाली महिला ने बताया कि प्रक्रिया के अगले ही दिन वह सामान्य महसूस करने लगीं और पहले जैसा तेज़ दर्द लगभग खत्म हो गया। यह इस तकनीक की सबसे बड़ी विशेषताएं दिखाता है, कम दर्द, कम जोखिम और जल्दी सामान्य जीवन में वापसी।
शोधों में भी आशाजनक नतीजे
दुनिया भर में किए गए अध्ययनों और क्लिनिकल ट्रायल्स ने Cryoablation के सुरक्षित और सटीक होने की पुष्टि की है। मुलायम ऊतकों (Soft Tissues) के ट्यूमर में यह तरीका कई बार उतना ही प्रभावी पाया गया जितना पारंपरिक सर्जरी। स्तन कैंसर के शुरुआती चरणों में भी Cryoablation विधि खासकर उन मरीजों के लिए मददगार साबित हुई है जो ऑपरेशन कराने में सक्षम नहीं होते। किडनी, लीवर और अन्य जटिल स्थानों के ट्यूमर में भी इसकी सटीकता ने डॉक्टरों को नए विकल्प दिए हैं। हालांकि विशेषज्ञ यह भी मानते हैं कि अभी इस तकनीक को ‘सर्जरी का पूर्ण विकल्प’ घोषित करने के लिए लंबी अवधि के और बड़े अध्ययन जारी हैं, लेकिन वर्तमान नतीजे बेहद उत्साहजनक हैं।
भारत के लिए Cryoablation के क्या हैं मायने?
भारत में कैंसर के मामलों में लगातार बढ़ोतरी हो रही है, खासकर स्तन, फेफड़ों और गुर्दे के कैंसर में मरीजों को अक्सर देर से पता चलने के चलते जटिल ऑपरेशन कराना पड़ता है। ऐसे में MRI-guided Cryoablation जैसी तकनीक बेहद उपयोगी हो सकती है, क्योंकि यह कम दर्द वाली है, अस्पताल में भर्ती रहने की अवधि बेहद कम है, वृद्ध और कमजोर मरीजों के लिए सुरक्षित विकल्प बन सकती है और छोटे–मध्यम आकार के ट्यूमर को बेहद सटीकता से खत्म करने की क्षमता रखती है। कई भारतीय निजी अस्पताल पहले से सीमित स्तर पर अल्ट्रासाउंड-गाइडेड या CT-गाइडेड Cryoablation कर रहे हैं, लेकिन MRI-गाइडेड सिस्टम अभी बहुत कम उपलब्ध है। विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले समय में यह तकनीक भारत में भी तेजी से अपनाई जा सकती है- विशेषकर बड़े कैंसर केंद्रों और महानगरों में।
चुनौतियां भी हैं, पर संभावनाएं ज़्यादा !
भारत में Cryoablation तकनीक को व्यापक स्तर पर लागू करने की मुख्य चुनौती है, महंगी MRI प्रणालियों की कम उपलब्धता और प्रशिक्षित रेडियोलॉजिस्टों की कमी। इसके बावजूद, क्योंकि भारत में Minimally Invasive Oncology तेजी से आगे बढ़ रही है, कई बड़े अस्पताल पहले से इस दिशा में निवेश कर रहे हैं। सरकारी और निजी साझेदारी से तकनीक को सामान्य मरीजों तक पहुंचाने का रास्ता खुल सकता है। यदि ऐसा होता है, तो यह भारत में कैंसर इलाज की तस्वीर बदल सकता है।
Cryoablation vs Surgery- कौनसा विकल्प है बेहतर?
कैंसर का पारंपरिक इलाज लंबे समय तक सर्जरी पर आधारित रहा है। ट्यूमर को शरीर से पूरी तरह निकाल देना आज भी कई मामलों में प्राथमिक तरीका माना जाता है। लेकिन नई उभरती तकनीकों जैसे Cryoablation (ट्यूमर को अत्यधिक ठंड से नष्ट करना) ने मरीजों के लिए कम दर्द वाले और तेजी से रिकवर होने वाले विकल्प सामने रखे हैं। यह विस्तृत रिपोर्ट दोनों प्रक्रियाओं की तुलना ऐसे प्रस्तुत करती है कि आप समझ सकें कि किस स्थिति में कौन-सा विकल्प बेहतर माना जाता है।
1. क्या है Cryoablation प्रक्रिया ?
Cryoablation– MRI, CT या अल्ट्रासाउंड के मार्गदर्शन में ट्यूमर के भीतर एक पतली सुई डाली जाती है। सुई से अत्यधिक ठंडा गैस छोड़कर ट्यूमर को जमाकर नष्ट किया जाता है। आसपास के स्वस्थ ऊतकों को कम से कम नुकसान पहुंचता है। कोई बड़ा कट या टांका नहीं लगता।
Surgery– शरीर में चीरा लगाकर ट्यूमर को शारीरिक रूप से काटकर निकाला जाता है। सामान्य या स्थानीय एनेस्थीसिया की आवश्यकता होती है। कभी-कभी आसपास के ऊतकों/लिम्फ नोड्स को भी निकालना पड़ता है। महत्त्वपूर्ण अंगों के पास इसका जोखिम अधिक होता है।
2. दर्द और मरीज का अनुभव
Cryoablation में मामूली दर्द या चुभन होती है। प्रक्रिया के तुरंत बाद राहत मिलती है। मरीज अक्सर अगले दिन घर जा सकता है।
Surgery में– चीरे और टांकों के कारण अधिक दर्द सहन करना पड़ता है। दर्दनाशक दवाओं की ज़रूरत होती है। कई दिन अस्पताल में रहना पड़ सकता है।
3. रिकवरी का समय
Cryoablation– बेहद तेज़ रिकवरी। मरीज 24–48 घंटे में सामान्य दिनचर्या शुरू कर सकता है।
Surgery– घाव भरने में 1–3 सप्ताह का समय। बड़े ऑपरेशनों में यह समय और बढ़ सकता है। कुछ मामलों में संक्रमण या ब्लीडिंग से रिकवरी और लंबी हो जाती है।
4. किसमें जोखिम कम?
Cryoablation– बहुत कम रक्तस्राव! संक्रमण की संभावना लगभग नगण्य। बुज़ुर्ग या कमज़ोर मरीजों के लिए सुरक्षित विकल्प।
Surgery- खून बहने, संक्रमण, एनेस्थीसिया और घाव की जटिलताओं का जोखिम। कमजोर हृदय/फेफड़ों वाले मरीजों में सर्जरी का खतरा ज्यादा।
5. प्रभावशीलता- कौन ज्यादा कारगर?
Cryoablation– छोटे-मध्यम आकार के ट्यूमर में बेहद सटीक। स्तन, किडनी, प्रोस्टेट, हड्डी और सॉफ्ट टिश्यू ट्यूमर में अच्छे परिणाम। लेकिन बहुत बड़े ट्यूमर या फैले हुए कैंसर में इसकी सीमाएं हैं।
Surgery- ट्यूमर को “पूरी तरह निकालने” की क्षमता। बड़े, जटिल और फैले हुए ट्यूमर में अब भी सर्वश्रेष्ठ विकल्प। कैंसर की स्टेजिंग और परीक्षण भी साथ हो जाता है।
6. लागत किसकी कम है?
Cryoablation– कम अस्पताल समय = कम खर्च, लेकिन MRI/CT वाली तकनीक महंगी हो सकती है!
Surgery– ऑपरेशन, एनेस्थीसिया, अस्पताल में भर्ती और रिकवरी सभी की लागत अधिक। कई बार ICU देखभाल भी आवश्यक।
7. किस मरीज को कौन-सा विकल्प बेहतर?
Cryoablation उपयुक्त है– जिनमें ट्यूमर छोटा और स्पष्ट सीमाओं वाला हो, जिनके लिए सर्जरी जोखिम भरी हो, वृद्ध, कमजोर या हृदय/फेफड़ों की समस्या वाले मरीज, जिनके ट्यूमर कठिन स्थानों पर हों (स्पाइन, गहरी मांसपेशी, आदि)
Surgery उपयुक्त है– बड़े और फैले हुए ट्यूमर में, ऐसे कैंसर जिन्हें पूरी तरह निकालने की जरूरत, जहां ऊतक की जांच के लिए व्यापक सैंपलिंग ज़रूरी हो, जब कैंसर अग्रेसिव हो और पूरा हटाना ही मुख्य लक्ष्य हो!
मरीज के हालात पर निर्भर निर्णय
Cryoablation आधुनिक कैंसर उपचार में एक महत्वपूर्ण प्रगति है। इसमें दर्द कम होता है, मरीज जल्दी ठीक होता है और जटिलताएं कम होती हैं। दूसरी ओर, सर्जरी अभी भी कई कैंसरों में प्रमुख और निर्णायक इलाज है, खासकर तब जब ट्यूमर बड़ा हो या आसपास के हिस्सों में फैल चुका हो। सबसे अच्छा विकल्प मरीज की उम्र, स्वास्थ्य, ट्यूमर के आकार-स्थान और कैंसर की स्टेज पर निर्भर करता है। कई मामलों में डॉक्टर दोनों तकनीकों का संयोजन भी अपनाते हैं।
कैंसर उपचार में नई रोशनी
ऑस्ट्रेलिया में MRI-guided Cryoablation की सफलता ने दुनिया को दिखाया है कि भविष्य का कैंसर उपचार कम दर्दनाक, कम जोखिम वाला और अत्यधिक सटीक हो सकता है। भारत जैसे देश, जहां कैंसर इलाज की मांग तेजी से बढ़ रही है, इस तकनीक को अपनाकर लाखों मरीजों को राहत दे सकते हैं। यह सिर्फ एक नई चिकित्सा प्रक्रिया नहीं, बल्कि उस दिशा में एक मजबूत कदम है जहां कैंसर इलाज मरीज-केंद्रित, सुरक्षित और तेज़ रिकवरी वाला हो सके।
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