उत्तर प्रदेश के सिद्धार्थनगर जिले में बड़े पैमाने पर सकारात्मक बदलाव हो रहा है। ये बदलाव सीएसआर यानी कॉरपोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी फंड से किया जा रहा है। सिद्धार्थनगर जिले में 34 करोड़ रुपये के Corporate Social Responsibility – CSR Fund से जिले के कई स्कूलों और अस्पतालों का स्वरूप बदल गया है। इससे सरकारी स्कूलों व अस्पतालों की दशा सुधारने का काम हुआ है। सीएसआर फंड से सिर्फ सरकारी स्कूलों व अस्पतालों का ही दशा सुधारने का काम नहीं बल्कि कपिलवस्तु में विपश्यना केंद्र का निर्माण कर टूरिज़्म के लिए सुविधाएं भी बढ़ाई गई। फिलहाल Siddhartha District के मेडिकल कॉलेज में चार करोड़ की लागत से ट्रामा सेंटर का निर्माण हो रहा है। जबकि Economics and Statistics Office से जिले में सीएसआर मद से 40 करोड़ की परियोजनाएं पाइप लाइन में है।
एस्पिरेशनल डिस्ट्रिक्ट है सिद्धार्थनगर जिला, सीएसआर पहल से सुविधाओं में होगा इजाफा
सीएसआर मद से 9.32 करोड़ रुपये की लागत से 1065 परिषदीय स्कूलों की पेंटिंग, 352 स्कूलों में स्मार्ट क्लास और 43 स्कूलों के मरम्मत कराए गए। कपिलवस्तु में 9.32 करोड़ रुपये की लागत से विपश्यना केंद्र का निर्माण, लाइब्रेरी बनाया गया। इसके साथ ही 93 लाख रुपये में दो अस्पतालों में माड्यूलर ओटी और 60 लाख रुपये में पांच स्वास्थ्य केंद्रों पर हेल्थ एटीएम का निर्माण हुआ। जबकि छह पीएचसी पर 60 लाख रुपये में 10-10 लाख रुपये में सोलर प्लांट स्थापित किया गया है। इसके साथ सीएसआर मद से ही सीएमओ कार्यालय में ट्रेनिंग सेंटर, बेवां सीएचसी पर पीआईसीयू वार्ड का निर्माण कराया गया है। गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश का सिद्धार्थनगर जिला आकांशी जिले के कैटेगरी में आता है। सिद्धार्थनगर जिला उत्तर प्रदेश के अन्य जिलों की तुलना में पिछड़ा है। इसलिए इसे एस्पिरेशनल डिस्ट्रिक्ट कहा जाता है।
सिद्धार्थनगर में CSR के अलावा नीति आयोग के 12 करोड़ फंड से हुए काम
नीति आयोग (Niti Aayog) ने पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) के संकल्पना को ध्यान में रखते हुए देश के 112 जिलों को आकांशी जिला घोषित किया है। आयोग के अनुसार ये जिले देश के अन्य जिलों की तुलना में अपेक्षाकृत कम विकसित हैं, इन जिलों को ‘एस्पिरेशनल डिस्ट्रिक्ट’ भी कहा जाता है। पिछड़े जिले में शामिल होने के कारण यहां नीति आयोग की तरफ से अब तक मिले 12 करोड़ रुपये से कार्य हुआ है। इसमें 14 मॉडल स्कूल व 14 मॉडल आंगनबाड़ी केंद्र का निर्माण, राजकीय पुस्तकालय का निर्माण, आंबेडकर सभागार का पुनरोद्धार, कस्तूरबा में कंप्यूटर कक्ष का निर्माण कराया गया है। नीति आयोग के मानक पर आकांक्षी जनपद में शामिल इस जिले में स्वास्थ्य, शिक्षा समेत सभी महत्वपूर्ण क्षेत्रों में विकास कार्य कराए जा रहे है, जिससे इसे अग्रणी जिले की श्रेणी में लाया जा सके।