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October 9, 2025

पशु संरक्षण संगठन हुए पंजाब में सक्रिय, बाढ़ग्रस्त इलाकों से निकाले हजारों पशु

The CSR Journal Magazine
पशु संरक्षण संगठनों ने पंजाब में आई बाढ़ से प्रभावित हुए पशुओं के लिए आपातकालीन राहत और बचाव अभियान शुरू किया है। पंजाब में बाढ़ आने से प्रभावित पशुओं के लिए भोजन और पशु-चिकित्सा देखभाल और उनकी ज़रूरतों को पूरा करने के लिए विभिन्न संगठन आपातकालीन राहत कार्य शुरू कर रहे हैं।

पंजाब में बाढ़ग्रस्त इलाके से असहाय पशुओं की सहायता में जुटीं संस्थाएं

अमृतसर, पंजाब (12 सितम्बर, 2025): Human World For Animals Of India (पूर्व में ह्यूमेन सोसाइटी इंटरनेशनल इंडिया) ने Indian Red Cross Society (पंजाब), कम्पैशन फ़ॉर एनिमल्स वेलफ़ेयर एसोसिएशन और पशुपालन विभाग के सहयोग से पंजाब में आई विनाशकारी बाढ़ से प्रभावित पशुओं की सहायता के लिए त्वरित आपदा राहत अभियान शुरू किया है। संगठन की आपदा राहत टीम इस सप्ताह की शुरुआत में अमृतसर और जालंधर के सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्रों (जैसे फ़िरोज़पुर, फ़ाज़िल्का और मुक़्तसर) में तैनात की गई, ताकि बाढ़ग्रस्त इलाकों में भोजन और देखभाल से वंचित पशुओं की मदद की जा सके।
टीम की तात्कालिक प्राथमिकताओं में पालतू पशुओं को भूख से बचाने के लिए आपातकालीन चारा वितरित करना, बीमार और घायल पशुओं के उपचार हेतु आवश्यक पशु-चिकित्सा दवाएं उपलब्ध कराना तथा मनुष्यों के साथ रहने वाले अन्य पशुओं को भोजन और बुनियादी देखभाल प्रदान करना शामिल है।

पंजाब में अब तक की सबसे भीषण आपदा

अगस्त 2025 की इस बाढ़ को 1988 के बाद आई अभी तक की सबसे भीषण त्रासदी बताया जा रहा है। इस बाढ़ के कारण तीन लाख से अधिक लोग विस्थापित हुए हैं और 50 लाख से अधिक पशु प्रभावित हुए हैं। इन इलाकों की फील्ड रिपोर्टों में डूबे हुए क्षेत्रों में बड़ी संख्या में मवेशियों और भैंसों की मौत की पुष्टि हुई है, साथ ही मुर्गियों और बकरियों जैसे अन्य पशुओं का भी भारी नुकसान हुआ है। मनुष्यों के साथ रहने वाले अन्य पशु भी गंभीर संकट में हैं, क्योंकि लगभग सभी प्रभावित ज़िलों में खुले में घूमने वाले कुत्ते और बिल्लियाँ भोजन, आश्रय और चिकित्सीय देखभाल से वंचित रह गए हैं।
ह्यूमेन वर्ल्ड फॉर एनिमल्स इंडिया में वरिष्ठ आपदा राहत समन्वयक के रूप में पंजाब में तैनात किए गए जयहरी ए.के., कहते हैं, “जमीनी हालात बेहद दर्दनाक हैं। गांवों में पहुंचने पर हमने स्थिति का आकलन किया और समुदाय के लोगों से बात की, जिन्होंने बताया कि उनके कई पशु कई दिनों से बाढ़ में फंसे हुए हैं जिससे उन्हें भोजन और साफ़ पानी नहीं मिल पा रहा है। कई दूरदराज़ के गांव में पशुओं को कई दिनों तक कुछ भी खाने को नहीं मिला। हमें आवारा कुत्ते मलबे में खाने के टुकड़े तलाशते और बाढ़ के पानी से मछलियाँ पकड़ते मिले। लोग अपनी थोड़ी-बहुत बची हुई चीज़ों को बचाने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन उनके पास अपने पशुओं की मदद करने के लिए साधन नहीं हैं।”

पशुओं तक पहुंची मदद

जयहरी के मुताबिक, “इस हफ्ते की शुरुआत में, हमने जालंधर और अमृतसर में पशुओं के लिए पहला चारे का स्टॉक और अन्य साथी पशुओं के लिए भोजन पहुंचाया। पानी का स्तर ऊंचा होने के कारण हम कुछ बेहद दूरदराज़ इलाकों तक नहीं पहुंच सके, लेकिन हन स्थानीय देखभालकर्ताओं को चारा वितरित करने में सफल हुए, ताकि इस बीच वे पशुओं का सहारा बन सकें। इसका असर तुरंत दिखाई दिया। पशुओं को कई दिनों की भूख के बाद फिर से खाना मिला, और लोगों ने अपनी समुदायों में मदद पहुंचने पर गहरी राहत जताई। हम पशु-चिकित्सा ज़रूरतों का भी आकलन कर रहे हैं ताकि घायल पशुओं को जल्द से जल्द इलाज मिल सके।”

Indian Red Cross Society ने की मदद की अपील

भारतीय रेड क्रॉस सोसाइटी (पंजाब) की डॉ. शैना वर्मा, जो ह्यूमेन वर्ल्ड फॉर एनिमल्स की राहत कार्यवाही की एक प्रमुख सहयोगी हैं, ने कहा, “पंजाब को दशकों की सबसे भीषण बाढ़ से जूझते देख मेरा दिल टूट गया है। हज़ारों लोगों के घर बर्बाद हो गए हैं, फ़सलें नष्ट हो गई हैं और कई ज़िंदगियाँ भी चली गई हैं। मैं उन राहत टीमों की आभारी हूं जो ज़रूरतमंदों की मदद के लिए दिन-रात काम कर रही हैं, लेकिन हमें और अधिक सहयोग की आवश्यकता है।”
ह्यूमेन वर्ल्ड फॉर एनिमल्स, भारत और दुनिया भर में आपदाओं के समय ज़रूरतमंद पशुओं और समुदायों की सहायता के लिए कार्य करता है। टीम ने ग्वाटेमाला में ज्वालामुखी विस्फोट, नेपाल, इक्वाडोर, मेक्सिको और तुर्कीये में आए भूकंप, भारत, हैती और मोज़ाम्बिक में आए चक्रवात, बाढ़ और तूफ़ान, ऑस्ट्रेलिया और चिली में लगी भीषण जंगल की आग जैसी आपदाओं में प्रभावित पशुओं को आपातकालीन राहत पहुँचाई है। इसके अलावा, संगठन ने यूक्रेन युद्ध के कारण विस्थापित शरणार्थियों और उनके पालतू पशुओं की भी मदद की है।

पंजाब में आई सबसे भीषण बाढ़ में हुआ जान-माल का नुकसान

पंजाब में आई बाढ़ से 22 जिलों के 2185 गांव और 388466 लोग प्रभावित हुए हैं। तकरीबन 53 जानें गईं है। 55 हेक्टेयर कृषि जमीन प्रभावित हुई है। कृषिप्रधान राज्य होने के कारण पंजाब में पशुओं की बहुतायत है। लोगों के साथ साथ बड़ी संख्या में पशु भी बाढ़ का शिकार बने हैं, जिनके लिए सरकार और निजी संस्थाओं ने रेस्क्यू और पुनर्स्थापना प्रयास जोर-शोर से शुरू कर दिया है।
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