दीपावली का त्योहार इस बार सिर्फ घरों में ही नहीं, दिलों में भी उजाला कर रहा है। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की पत्नी अमृता फडणवीस (Amruta Fadnavis) की सामाजिक संस्था Divyaj Foundation ने एक ऐसी पहल की है जो न सिर्फ प्रेरणादायक है बल्कि समाज में करुणा और शिक्षा की शक्ति को भी मजबूत करती है।
अमृता फडणवीस ने दिव्यज फाउंडेशन से बालिका शिक्षा को दी नई दिशा
‘Divyaj Foundation’ ने इस वर्ष अपने कई सामाजिक कार्यों के साथ एक विशेष पहल की है बालिका शिक्षा (Girl Child Education)। संस्था ने नागपुर की रहने वाली एक साहसी बालिका गौरी देकाटे (Gauri Dekate) की शिक्षा का पूरा खर्च उठाने की जिम्मेदारी ली है। गौरी ने कम उम्र में ही जीवन की एक कठिन परीक्षा झेली है उसका एक हाथ काटना पड़ा। लेकिन इस बाधा ने उसकी हिम्मत को नहीं तोड़ा।
शिक्षा से मिले आत्मविश्वास की शक्ति
गौरी की कहानी इस बात का प्रमाण है कि शिक्षा सिर्फ ज्ञान नहीं देती, बल्कि आत्मविश्वास और आत्मनिर्भरता भी देती है। फाउंडेशन का मानना है कि जब आप एक लड़की को शिक्षित करते हैं, तो आप पूरे समाज को शिक्षित करते हैं। इसी सोच के साथ संस्था ने गौरी के स्कूल की फीस और शैक्षणिक जरूरतों का भार उठाया है ताकि उसका सपना बीच में न रुके।
करुणा से जुड़े, शिक्षा से सशक्त बने
‘Divyaj Foundation’ की यह पहल केवल एक छात्रा तक सीमित नहीं है, बल्कि यह उस विचार को मजबूत करती है कि हर बच्चे को सीखने और आगे बढ़ने का समान अवसर मिलना चाहिए। संस्था का संदेश है “Education Empowers. Compassion Connects.” यानी शिक्षा सशक्त बनाती है और करुणा जोड़ती है।
दीपावली का असली अर्थ – किसी और के जीवन में उजाला
इस दीपावली, फाउंडेशन ने रोशनी का असली अर्थ समझाया है। संस्था ने कहा कि “हमारा उत्सव तब पूरा होता है जब हम दूसरों के जीवन में भी उजाला फैलाते हैं।” गौरी जैसी बच्चियों की शिक्षा में सहयोग कर, ‘Divyaj Foundation’ ने यह साबित किया है कि छोटे-छोटे दया भाव के कार्य समाज में बड़े बदलाव की नींव रखते हैं।
समाज को दिया संदेश – दया और बदलाव की चिंगारी जलाएं
दिव्यज फाउंडेशन की पहल हमें याद दिलाती है कि सामाजिक परिवर्तन किसी बड़े मंच या योजना से नहीं, बल्कि एक संवेदनशील कदम से शुरू होता है। फाउंडेशन ने सभी से अपील की है कि इस दीपावली, सिर्फ दीप ही नहीं, दयालुता (Kindness), करुणा (Compassion) और परिवर्तन (Change) की लौ भी जलाएं। क्योंकि जब आप किसी के जीवन में रोशनी लाते हैं, तो वह रोशनी समाज के हर कोने तक फैलती है।