Home Header News अभिनंदन की ख़ुशी में देश भूला शहीदों का गम

अभिनंदन की ख़ुशी में देश भूला शहीदों का गम

1546
0
SHARE
 
अभिनंदन, अभिनंदन, अभिनंदन जितना अभिनंदन किया जाय वो कम है, विंग कमांडर अभिनंदन आज देश की हर जुबां पर है, हर धड़कन में है, हर एक का हीरो है, हो भी क्यों ना, पकिस्तान की सरजमीं पर अभिनंदन ना झुका, ना टुटा बल्कि पाकिस्तानी प्लेन को निस्तेनाबूत कर उन्ही की जमीन पर भारत माता की जय के नारे लगाए, जाहिर है अभिनंदन ने वो कर दिखाया जिससे पूरा देश नाज कर रहा है, हम भारतवासी खुश है, जश्न मना रहे है कि हमारा लाल, हमारा सपूत, देश का वीर पाकिस्तान में हिंदुस्तान का झंडा बुलंद कर सही सलामत देश लौट आया, जैसे ही अभिनंदन के पैर देश की सरजमीं पर पड़े देश में जश्न होने लगा, दिवाली होली एक साथ मनाई जाने लगी, कश्मीर से कन्याकुमारी ख़ुशी की लहर दौड़ पड़ी, देश की नज़ारे टीवी स्क्रीन पर गड़ी रही, सुबह से रात हो गयी, अभिनंदन का लंबा इंतज़ार खिंचता चला गया, जश्न मनाया जा रहा था, मिठाईयां बाटी जा रही थी, ढोल बजाये जा रहे थे, इंतज़ार हो रहा था अभिनंदन का, मीडिया के हर चैनल अभिनंदन कर रहे थे लेकिन ऐसा भी परिवार था जो गम में था ऐसा भी माहौल था जहाँ आंसू थे।
जब अभिनंदन के लिए लोग जश्न मना रहे थे तो शहीदों की हो रही थी आखिरी विदाई, शुक्रवार को जिस समय पूरा देश विंग कमांडर अभिनंदन के इंतजार में पलक पांवड़े बिछाए हुए था, उसी समय देशसेवा करते हुए अपनी जान न्योछावर करने वाले कुछ वीर सैनिकों को अंतिम विदाई भी दी जा रही थी, जहां देश की मीडिया, जहाँ देश का जनमानस अभिनंदन का इंतजार कर रहे थे, चंडीगढ़ में वायुसेना के स्क्वाड्रन लीडर सिद्धार्थ वशिष्ठ का अंतिम संस्कार किया जा रहा था, इस दौरान उनकी पत्नी आरती वर्दी में थी और काफी इमोशनल हो गई थी, आरती खुद भी वायुसेना में स्क्वाड्रन लीडर हैं। जम्मू कश्मीर के बडगाव में हुए हेलिकॉप्टर क्रैश में पायलट और चार अन्य वायुसेना अफसरों की मौत हो गई थी, इनमें सिद्धार्थ वशिष्ठ भी शामिल थे, वहीं, इसी हादसे में शहीद हुए 33 साल के रहे पायलट निनाद मंडावगने का अंतिम संस्कार भी शुक्रवार को किया गया। इन वायुसैनिकों का अंतिम संस्कार मिलिट्री सम्मान के साथ किया गया, वहीं इसी हादसे में शहीद हुए सार्जेंट विक्रांत सेहरावत का अंतिम संस्कार हरियाणा के झज्जर जिले के बधानी गांव में किया गया।
आजकल हर दिन ऐसी ख़बरें आ रही है कि हमारे इतने जवान शहीद हुए, हमारे इतने जवान घायल हुए, लेकिन इनके शहादत की खबर आज के राजनितिक गलियारों और मीडिया के शोरगुल में धूमिल होती नज़र आ रही है, जाहिर है हर जवान सीमा पर देश के लिए मर मिटने का जज्बा लिए हुए दुश्मनों को मुहतोड़ जवाब देता है लेकिन देश की मीडिया की चिल्लाहट में शायद वो शहीद और उसका अदम्य साहस देश के सामने नहीं आ पाता जिसका हमने जिक्र और उदाहरण दिया, अभिनंदन के शौर्य का जितना अभिनंदन किया जाय वो कम है लेकिन उस शहादत को भी हमें याद रखना चाहिए जो हर दिन देश की सीमाओं की रक्षा करते करते हँसते हुए अपने प्राणों की आहुति दे जाते है।