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July 21, 2025

आगरा में अवैध धर्मांतरण गिरोह का भंडाफोड़, विदेशी फंडिंग से जुड़े तार, 6 राज्यों से 10 आरोपी गिरफ्तार 

The CSR Journal Magazine
उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने अवैध धर्मांतरण के खिलाफ जारी सख्त रुख को बरकरार रखते हुए एक और बड़े गिरोह का पर्दाफाश किया है। आगरा पुलिस ने देश के छह अलग-अलग राज्यों से दस आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जो युवतियों को बहलाकर, कट्टरपंथी सोच और प्रलोभन के जरिए अवैध रूप से धर्मांतरण कराने के आरोप में शामिल हैं। आगरा में पकड़े गए धर्मांतरण गिरोह की जांच में चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। जांच-पड़ताल में सामने आया है कि यह गैंग लश्कर-ए-तैयबा से जुड़ा था, जो ISIS के पैटर्न पर काम कर रहा था। विदेशों से मिलने वाली फंडिंग के जरिए भारत में लव जिहाद और ब्रेनवॉश कर लड़कियों को कट्टरता की ओर धकेला जा रहा था।
यह खुलासा उस वक्त हुआ जब आगरा से लापता दो सगी बहनों के मामले की जांच शुरू की गई। जांच के दौरान पुलिस को यह पता चला कि दोनों बहनों का ब्रेनवॉश कर उनका धर्मांतरण कराया गया था। बाद में पुलिस टीम ने छापेमारी करते हुए दोनों लड़कियों को कोलकाता से बरामद कर लिया।

अंतरराष्ट्रीय फंडिंग से चल रहा था धर्मांतरण रैकेट

डीजीपी राजीव कृष्ण ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर प्रदेशभर में ‘मिशन अस्मिता’ अभियान चलाया जा रहा है। इसी दौरान अवैध धर्मांतरण से जुड़ा यह बड़ा नेटवर्क सामने आया। जांच में सामने आया है कि इस गिरोह को कनाडा, अमेरिका और दुबई से करोड़ों रुपये की अंतरराष्ट्रीय फंडिंग मिल रही थी। गैंग की फाइनेंस गोवा की रहने वाली आयशा उर्फ एसबी कृष्णा थी, जिसे पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। आयशा विदेश से आने वाली फंडिंग को देशभर में बांटने का काम करती थी। जांच में सामने आया है कि कनाडा में बैठा सैयद दाउद अहमद फंडिंग को डायरेक्ट भारत में आयशा के खातों में भेजता था। आयशा का पति शेखर राय उर्फ हसन अली कोलकाता में बैठकर काम करता था, वह गैंग का लीगल एडवाइजर था। वह भी अरेस्ट हो चुका है। वह धर्मांतरण से जुड़े कानूनी दस्तावेज तैयार करवाने और कागजी कार्रवाई पूरी करने का जिम्मा संभालता था। यह पैसा भारत में धार्मिक कट्टरता फैलाने, युवतियों को फंसाने और उनका धर्म परिवर्तन कराने जैसे कार्यों में खर्च किया जा रहा था। पुलिस ने यह भी बताया कि यह गिरोह ISIS के कट्टरपंथी मॉड्यूल की तर्ज पर ही काम कर रहा था। उनके तौर-तरीके, फंडिंग चैनल और नेटवर्किंग उसी शैली में संचालित हो रही थी। गिरफ्तार किए गए 10 आरोपियों में एक युवती भी शामिल है, जो अन्य लड़कियों को फुसलाने में सक्रिय भूमिका निभा रही थी।

The Kerala Story की तर्ज़ पर हो रहा था काम

इस नेटवर्क का सबसे खतरनाक चेहरा था अब्दुल रहमान कुरैशी, जो आगरा का रहने वाला है। कुरैशी यूट्यूब चैनल और सोशल मीडिया के जरिए नाबालिग लड़कियों का ब्रेनवाश करता था। इस्लामिक शिक्षा के नाम पर वह लड़कियों को कट्टरता की ओर ले जाता और फिर जिहादी विचारधारा से जोड़ता था। इसी गिरोह में कोलकाता से पकड़ा गया ओसामा भी अहम भूमिका निभाता था। दोनों मिलकर लड़कियों को मानसिक रूप से उनके धर्म से पूरी तरह तोड़ते और उनके परिजनों से दूरी बनाने के लिए उकसाते थे।
फिल्म ‘द केरला स्टोरी’ की तरह देश में धर्मांतरण कराने वाले गैंग तक पुलिस की टीमें पहुंच गईं हैं। आगरा की दो सगी बहनों का मतांतरण कराने के मामले में पुलिस ने कोलकाता के बैरकपुर से दो आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया और उन्हें  तीन दिन के ट्रांजिट रिमांड पर लेकर पूछताछ चल रही है। उनके साथ ही पुलिस ने उत्तराखंड के ऋषिकेश में समस्तीपुर से एक, बरेली से एक और राजस्थान से एक आरोपी को पकड़ा है। उन्हें भी आगरा लाया जा रहा है। कई अन्य राज्यों में भी छापेमारी चल रही है।

पंजाब से गायब सगी बहनों की तलाश में खुला राज़

सदर क्षेत्र में रहने वाली पंजाबी समाज की दो युवतियां 24 मार्च को लापता हुई थीं। उनके पिता ने उसी दिन थाने में गुमशुदगी दर्ज करा दी थी। बाद में उन्हें जानकारी हुई कि जम्मू कश्मीर के ऊधमपुर की रहने वाली साईमा उर्फ खुशबू उनकी बेटियों को मतांतरण कराके शादी कराने के लिए बहला फुसला कर ले गई है। साईमा उनकी बड़ी बेटी के साथ डॉ भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय के खंदारी कैंपस में पढ़ती थी। वर्ष 2021 में वह बड़ी बेटी को अपने साथ ले गई थी, लेकिन रास्ते में लैंड स्लाइड हो गया और वो दोनों आगे नहीं जा सके। पुलिस की सूचना पर स्वजन वहां पहुंचे और बेटी को ले आए थे। लौटने के बाद वह पूजा-पाठ का विरोध करने लगी, इस्लाम की पैरवी करने लगी। बड़ी बहन ने छोटी बहन का भी ब्रेन वाश कर दिया। चार मई को पुलिस ने गुमशुदगी को अपहरण की धारा में बदल दिया। पुलिस आयुक्त दीपक कुमार ने साइबर थाना, सर्विलांस और एसओजी समेत पुलिस की कई टीमें युवतियों की तलाश में लगा दीं।

बहनों को क़ब्ज़े में लेने के बाद हुए महत्वपूर्ण खुलासे

साइबर सेल और सर्विलांस को जानकारी मिली कि लापता दोनों युवतियां  मतांतरण के बाद धर्मांतरण कराने वाले गिरोह के चंगुल में फंस गई हैं। उनके बारे में जानकारी मिलते ही पुलिस टीम कोलकाता के बैरकपुर पहुंची। दोनों लड़कियों को सुरक्षित बरामद करने के बाद उनके बयान पर बैरकपुर छावनी में बकर महल निवासी शेखर राय उर्फ हसन अली को पकड़ा। आरोपी बारासात अदालत में कर्मचारी है। उससे पूछताछ के बाद पुलिस ने बैरकपुर के माणिकरामपुर इलाके में दबिश दी। वहां से रीत बनिक उर्फ मोहम्म्द इब्राहिम को पकड़ा और दोनों को कोर्ट में पेश किया। कोर्ट ने तीन दिन की ट्रांजिट रिमांड दी। इधर पुलिस की एक टीम ने उत्तराखंड में ऋषिकेश के समस्तीपुर में दबिश दी। वहां से रहमान नाम के व्यक्ति को पकड़ा। उसे भी आगरा लाया जा रहा है। एक टीम ने बरेली में दबिश दी। राजस्थान में एक भी एक आरोपी को पकड़ा है। दबिश का दौर अभी जारी है। पुलिस को जानकारी मिली है कि साईमा जैसी लड़कियों के माध्यम से धर्मांतरण के लिए इस तरह ब्रेन वाश किया जाता था कि मतांतरण के बाद युवक और युवतियां गैंग के सदस्य बन जाते थे। धर्मांतरण के बाद वे युवतियां भी इस्लाम के पक्ष में मुहिम चलाती थीं। इसके लिए इंटरनेट मीडिया का इस्तेमाल किया जाता है। पढ़ने लिखने वाले युवक-युवतियां निशाने पर रहते हैं। उन्हें प्रलोभन दिया जाता है। जो युवतियां गैंग के चंगुल से निकलने का प्रयास करती थीं, उन्हें देह व्यापार में धकेल दिया जाता था।

धीरे-धीरे सामने आ रहे धर्मांतरण के भुक्तभोगी

Agra Conversion Case- आगरा धर्मांतरण मामले में अब धीरे–धीरे चुप्पी टूटने लगी है। वो माता-पिता, जो पिछले चार महीने से डर और बेबसी में जी रहे थे, अब खुलकर अपनी बात कह रहे हैं। धर्मांतरण गैंग के चंगुल से पंजाब की दोनों बहनो को को वापस लाने की लड़ाई में यूपी पुलिस ने सहयोग दिया, और अब जब बेटी घर लौट आई है, तो माता-पिता का दर्द भी जुबान पर है। उन्होंने जो सहा, जो देखा और जो महसूस किया, वह हर उस परिवार के लिए चेतावनी है, जिनके बच्चे हायर एजुकेशन के लिए घरों से दूर रहते हैं।
उन्होंने कहा कि उन्हें शुरुआत में धर्मांतरण की कोई जानकारी नहीं थी, लेकिन अब लगता है कि इसके पीछे कोई सुनियोजित योजना थी। उनका कहना है कि देशभर में ऐसे लोग फैले हैं जो बेटियों को निशाना बनाकर उनका ब्रेनवॉश कर रहे हैं। हालांकि, उन्होंने यह भी बताया कि घर लौटने के कुछ दिनों बाद बेटी का व्यवहार फिर से सामान्य हो गया और वह रोज़मर्रा के कामों में जुट गई।

बिना फंडिंग के प्लान मुमकिन नहीं

पिता को शक है कि इस तरह की गतिविधियों के पीछे कहीं न कहीं फंडिंग जरूर हो रही है। उनका मानना है कि बिना आर्थिक सहायता के इतनी बड़ी योजना को अंजाम देना संभव नहीं है। उन्होंने बाकी माता-पिता को संदेश देते हुए कहा कि बच्चों को सिर्फ पढ़ाई के लिए न भेजें, बल्कि उन्हें धर्म और संस्कार की शिक्षा भी जरूर दें।
अवैध धर्मांतरण का यह Modus-operandi, ISIS का सिग्नेचर स्टाइल है। जानकारी देते हुए आगरा पुलिस ने बताया कि अभी तक की प्रारम्भिक जांच में इस ग्रुप का सम्बन्ध PFI, SDPI एवं पाकिस्तान के आतंकी संगठनों से भी होने के संकेत मिले है। ब्रेनवाश की गई लड़कियों को पहले दिल्ली लाया जाता था और फिर बस के जरिए अगले ठिकानों तक पहुंचाया जाता था। ट्रेन का इस्तेमाल इसलिए नहीं किया जाता था, क्योंकि उसमें लोकेशन ट्रेस होने का खतरा रहता था। दिल्ली पहुंचने के बाद लड़कियों को उत्तर भारत के अन्य राज्यों में भेज दिया जाता था। पूरी गैंग का कामकाज ISIS के पैटर्न पर संचालित हो रहा था। एजेंसियों का दावा है कि इस नेटवर्क के जरिए देशभर में लव जिहाद और धर्मांतरण का जाल फैलाया गया। जांच एजेंसियां अब इस नेटवर्क के हर लिंक को खंगालने में जुटी हैं।

लव जिहाद से जुड़े धर्मांतरण के मामले, विदेशी फन्डिंग आई काम

घटना की तह में जाने पर घटना का संबंध, कई प्रदेशों में बैठे हुए ऐसे लोगों से मालूम पड़ा जो कि Radicalisation, लव जिहाद में संलिप्त थे, जिनकी फंडिंग कनाडा और अमेरिका से हो रही थी। घटना की गंभीरता को देखते हुए पुलिस महानिदेशक, उ०प्र० व अपर पुलिस महानिदेशक, कानून व्यवस्था, उ०पा० को अवगत कराते हुए आगरा पुलिस द्वारा स्वयं पर्यवेक्षण प्रारम्भ किया गया। घटना के संबंध में साक्ष्य जुटाने के बाद प्रकाश में आये 07 अभियुक्तों के खिलाफ न्यायालय से NBW लिया गया तथा बंगाल, गोवा, उत्तराखण्ड, दिल्ली, राजस्थान व उत्तर प्रदेश में टीमों को भेजा गया। इस ऑपरेशन में कुल 10 अभियुक्तों को गिरफ्तार किया गया।

धर्मांतरण का ISIS का सिग्नचर पैटर्न

इस नेटवर्क में लव जिहाद का उपयोग कर तथा विदेश से प्राप्त धन से धर्म परिवर्तन व Radicalisation के साक्ष्य मिले है। धर्मांतरण की यह प्रणाली ISIS का सिग्नेचर तरीका है। गिरफ्तार अभियुक्त पूरे नेटवर्क में अलग-अलग रोल निभा रहे थे। फंड प्राप्त करना, फंड को चैनलाइज करना, सेफ हाउस देना, लीगल एडवाइस देना, नये फोन व सिम प्रदान करना, प्रेम जाल में फंसाना, धर्म परिवर्तन के लिए सब्जबाग दिखाकर प्रेरित करना, धर्म परिवर्तन के कागज तैयार करना व Radicalized करना आदि इनके प्रोग्राम में शामिल हैं।

धर्मांतरण के ख़िलाफ़ सबसे बड़ी कार्रवाई में पकड़े गए अभियुक्तों के नाम

पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए आरोपियों में आयशा (एस.बी. कृष्णा) – गोवा, अली हसन (शेखर रॉय) – कोलकाता, ओसामा- कोलकाता, रहमान कुरैशी- आगरा, अब्बू तालिब- खालापार, मुजफ्फरनगर, अबुर रहमान- देहरादून, मोहम्मद अली- जयपुर, राजस्थान, जुनैद कुरैशी- जयपुर, मुस्तफा (मनोज)- दिल्ली, मोहम्मद अली- जयपुर हैं। पुलिस अब इनके पूरे नेटवर्क को खंगालने के जुट गई है। इस गिरोह की गिरफ्तारी को अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई माना जा रहा है। पुलिस ने दिल्ली, पश्चिम बंगाल, बिहार, महाराष्ट्र, झारखंड और उत्तर प्रदेश सहित 6 राज्यों में छापेमारी कर इस गिरोह के सदस्यों को पकड़ा है। पुलिस के मुताबिक, इस पूरे नेटवर्क को बेहद सुनियोजित ढंग से देशभर में सक्रिय किया गया था, जिसका मकसद धार्मिक अस्थिरता फैलाना था।

यूपी में अपराध के प्रति जीरो टॉलरेंस

अपराधियों के प्रति जीरो टालरेस नीति के प्रति यूपी पुलिस पूरी प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रही है। जीरो टालरेंस की इस नीति के तहत ही यूपी पुलिस न केवल 25 करोड़ लोगों को सुरक्षा उपलब्ध कराने में बल्कि सभी पर्व एवं त्योहारों को शान्तिपूर्वक कराने में सक्षम है। सरकार के इन प्रयासों के क्रम में आने वाली विशिष्ट चुनौतियों का सामना करने के लिए यूपी पुलिस ने एक नया ‘मिशन अस्मिता’ लॉन्च किया, जिसमें पूर्व में अवैध धर्म परिवर्तन के सिंडिकेट के 02 नामजद अभियुक्त 1-मो० उमर गौतम पुत्र धनराज सिंह गौतम, 2- मुफ्ती जांहगीर आलम कासमी पुत्र ताहिर अख्तर को यूपी एटीएस द्वारा गिरफ्तार किया गया था।

इससे पहले छांगुर बाबा का पर्दाफाश

हाल ही में छांगुर उर्फ जमालुद्दीन के अवैध धर्म परिवर्तन के सिंडिकेट का यूपी STF व ATS द्वारा पर्दाफाश करते हुए नामजद अभियुक्तों की गिरफ्तारी की गयी है। यह अभियान जिहाद के नाम पर अन्तर्राष्ट्रीय जिहादी फंडिंग प्राप्त करने, Radicalization करने व राष्ट्रीय सुरक्षा में सेंध लगाने के उद्देश्य से लव जिहाद अवैध धर्मान्तरण, डार्क वेब व अन्य नेटवर्क के जरिए गम्भीर अपराधों में संलिप्त अपराधियों के विरुद्ध है।

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