भारत में ग्रीन एनर्जी क्रांति की अगुवाई कर रहा अदाणी ग्रीन, एक दशक में हासिल की बेमिसाल उपलब्धि
जब देश में स्वच्छ ऊर्जा की बात होती है (Clean Energy Capacity India), तो अब अदाणी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड (AGEL) का नाम सबसे पहले लिया जाता है। कंपनी ने 15,539.9 मेगावाट की चालू क्षमता हासिल करके न केवल एक नया रिकॉर्ड कायम किया है, बल्कि भारत को दुनिया के सबसे बड़े ग्रीन एनर्जी देशों (Renewable Energy in India) की कतार में खड़ा कर दिया है। यह आंकड़ा जितना बड़ा है, उसकी अहमियत उससे भी कहीं ज्यादा है।
तीन स्रोतों से मिला नया मुकाम – सोलर, विंड और हाइब्रिड
कंपनी की यह क्षमता तीन प्रमुख श्रेणियों में बंटी हुई है —
सोलर – 11,005.5 मेगावाट
पवन ऊर्जा – 1,977.8 मेगावाट
विंड-सोलर हाइब्रिड – 2,556.6 मेगावाट
यानी कुल मिलाकर यह इतनी हरित ऊर्जा है कि 79 लाख घरों को रोशन किया जा सकता है।
हमारी उड़ान अभी और ऊंची होगी – अडानी
इस ऐतिहासिक मौके पर AGEL के सीईओ आशीष खन्ना ने कहा कि यह केवल एक आंकड़ा नहीं, बल्कि एक जिम्मेदारी है। 15,000 मेगावाट का आंकड़ा पार करना हमारी टीम के परिश्रम और हमारे साझेदारों के विश्वास का नतीजा है। गौतम अदाणी जी के नेतृत्व में हमारा लक्ष्य है कि 2030 तक 50,000 मेगावाट की क्षमता हासिल कर, भारत और दुनिया को टिकाऊ ऊर्जा समाधान प्रदान करें।
खावड़ा बना विश्व की सबसे बड़ी रिन्यूएबल साइट का प्रतीक
गुजरात के कच्छ जिले में स्थित खावड़ा प्रोजेक्ट को अदाणी ग्रीन द्वारा विकसित किया जा रहा है और इसकी कुल योजना है – 30,000 मेगावाट की क्षमता का निर्माण। यह प्रोजेक्ट 538 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में फैला है, जो पेरिस शहर से पांच गुना बड़ा है। खास बात यह है कि यह बंजर ज़मीन पर बनाया जा रहा है, जिसे आज मानव ऊर्जा के सबसे बड़े केंद्र के रूप में विकसित किया जा रहा है। अब तक खावड़ा में 5,355.9 मेगावाट की रिन्यूएबल ऊर्जा उत्पादन क्षमता चालू हो चुकी है, और तेज़ी से कार्य प्रगति पर है। जब यह पूरी तरह तैयार होगा, तो यह अकेला प्रोजेक्ट दुनिया का सबसे बड़ा पावर प्लांट बन जाएगा — न केवल रिन्यूएबल में, बल्कि सभी श्रेणियों में।
जल संरक्षण में भी अग्रणी – वॉटर पॉजिटिव पोर्टफोलियो
AGEL का परिचालन पूरी तरह Water Positive प्रमाणित है, यानी यह जितना पानी इस्तेमाल करता है, उससे कहीं ज्यादा प्राकृतिक स्रोतों में लौटाता है। इसके साथ ही AGEL को NSE की ESG (Environment, Social, Governance) रैंकिंग में टॉप स्थान मिला है। FTSE Russell ESG स्कोर में भी यह वैकल्पिक ऊर्जा कंपनियों में वैश्विक स्तर पर अग्रणी बन चुका है।
सिर्फ ऊर्जा नहीं, रोजगार और पर्यावरण को भी नया जीवन
AGEL द्वारा अब तक लगभग 5.5 करोड़ सोलर मॉड्यूल्स और 1,177 विंड टर्बाइन स्थापित किए जा चुके हैं। इससे लगभग 3,700 लोगों को प्रत्यक्ष रोजगार मिला है। हर साल AGEL के ऑपरेशन्स से 2.86 करोड़ टन कार्बन उत्सर्जन में कमी हो रही है। यह उतना ही है जितना 1,364 मिलियन पेड़ साल भर में अवशोषित कर सकते हैं। या फिर लगभग 63 लाख पेट्रोल/डीजल कारें सड़कों से हटाए जाने के बराबर है।
अदाणी ग्रीन के प्रमुख मील के पत्थर
2016 – कमुथी, तमिलनाडु
➤ 648 मेगावाट का दुनिया का सबसे बड़ा सिंगल-लोकेशन सोलर प्रोजेक्ट
➤ 648 मेगावाट का दुनिया का सबसे बड़ा सिंगल-लोकेशन सोलर प्रोजेक्ट
2023 – जैसलमेर, राजस्थान
➤ 2,140 मेगावाट का दुनिया का सबसे बड़ा हाइब्रिड (सोलर + विंड) प्रोजेक्ट
2025 से आगे – खावड़ा, गुजरात
➤ 30,000 मेगावाट का दुनिया का सबसे बड़ा रिन्यूएबल एनर्जी प्रोजेक्ट
2030 का लक्ष्य – 50,000 मेगावाट
भारत सरकार का लक्ष्य है कि 2030 तक 500 गीगावाट नॉन-फॉसिल फ्यूल आधारित बिजली उत्पादन किया जाए। अदाणी ग्रीन इस दिशा में सबसे तेज़ी से आगे बढ़ने वाली निजी कंपनी बन चुकी है। साफ संकेत है कि अगर भारत को दुनिया की रिन्यूएबल कैपिटल बनना है, तो अदाणी ग्रीन की यह उपलब्धि मील का पत्थर साबित होगी। यह सिर्फ अदाणी ग्रीन की उपलब्धि नहीं, बल्कि भारत की बढ़ती ऊर्जा आत्मनिर्भरता और पर्यावरणीय चेतना की जीत है। जिस रफ्तार से यह ग्रोथ हो रही है, वह न केवल देश के भविष्य को उज्जवल बनाएगी, बल्कि वैश्विक स्तर पर भारत को टिकाऊ ऊर्जा नेतृत्व देने वाला देश बना देगी।