app-store-logo
play-store-logo
August 22, 2025

Adani Lakhpati Didi: 17 साल की मेहनत रंग लाई, ज्योति रेड्डी बनीं लखपति दीदी, राष्ट्रपति भवन में मिला सम्मान

The CSR Journal Magazine

स्वतंत्रता दिवस पर ओडिशा की बेटी को मिली ऐतिहासिक पहचान, संघर्ष से आत्मनिर्भरता तक का सफर

ओडिशा (Odisha) के गोपालपुर (Gopalpur) की रहने वाली एस. ज्योति रेड्डी (S. Jyoti Reddy) इस बार स्वतंत्रता दिवस पर इतिहास रचने वालों में शामिल रहीं। एक समय आत्मनिर्भर बनने का सपना उनके लिए बहुत दूर था, लेकिन 17 साल के अथक संघर्ष, मेहनत और जज्बे ने उन्हें वह मुकाम दिलाया जिसकी कल्पना उन्होंने कभी की थी। 15 अगस्त को राष्ट्रपति भवन (Rashtrapati Bhavan) में उन्हें बतौर लखपति दीदी (Lakhpati Didi) आमंत्रित किया गया, जो न सिर्फ उनके लिए बल्कि पूरे ओडिशा और देशभर की महिलाओं के लिए गर्व का क्षण था।

Adani Lakhpati Didi: मदद में आगे आये अडानी, बनी आत्मनिर्भरता की कहानी

ज्योति रेड्डी का सफर आसान नहीं था। गरीबी और संसाधनों की कमी ने हमेशा उनके रास्ते में बाधाएं खड़ी कीं। लेकिन उन्होंने हार मानने की बजाय छोटे-छोटे कामों से शुरुआत की और अपने जीवन को संवारने की ठानी। अडानी फाउंडेशन (Adani Foundation) की मदद से समय के साथ उन्होंने Self-Help Groups (SHGs) और समुदाय आधारित योजनाओं के जरिए अपनी पहचान बनाई। आज वे लखपति दीदी के तौर पर जानी जाती हैं। उनका मानना है कि Self-Reliance सिर्फ आर्थिक स्वतंत्रता नहीं है, बल्कि यह औरत को अपने फैसले खुद लेने का आत्मविश्वास भी देता है।

Adani Lakhpati Didi: राष्ट्रपति भवन में खास सम्मान

इस स्वतंत्रता दिवस (Independence Day 2025) पर जब देशभर की लाखपति दीदियों को राष्ट्रपति भवन आमंत्रित किया गया, तो उनमें ज्योति रेड्डी का नाम भी शामिल था। यह क्षण उनके लिए बेहद भावुक और गर्व से भरा हुआ था। ज्योति ने कहा कि यह सम्मान उनकी मेहनत का ही नहीं, बल्कि उन सभी महिलाओं का सम्मान है जो संघर्ष कर रही हैं और आत्मनिर्भर बनने की राह पर हैं।

क्यों खास है ज्योति की उपलब्धि?

ज्योति रेड्डी उन लाखों महिलाओं की रोल मॉडल हैं जो अपनी जिंदगी को बेहतर बनाने का सपना देखती हैं। उन्होंने न सिर्फ खुद को आत्मनिर्भर बनाया बल्कि अपने समुदाय की कई महिलाओं को भी आगे बढ़ने का रास्ता दिखाया। उनका सफर यह भी साबित करता है कि यदि महिलाएं योजनाओं और संसाधनों का सही इस्तेमाल करें तो वे Lakhpati Didi बन सकती हैं।

Women Empowerment की नई परिभाषा

आज ज्योति रेड्डी का नाम सिर्फ गोपालपुर तक सीमित नहीं है। उनकी कहानी उन सभी महिलाओं के लिए उम्मीद की किरण है जो कठिनाइयों से जूझ रही हैं। उन्होंने यह साबित किया कि empowerment केवल एक शब्द नहीं, बल्कि जीने का हक और आत्मविश्वास है। गोपालपुर की बेटी ज्योति रेड्डी ने 17 साल की मेहनत से यह दिखा दिया कि सपने चाहे जितने भी दूर लगें, अगर जज्बा और मेहनत हो तो उन्हें पूरा किया जा सकता है। इस स्वतंत्रता दिवस पर राष्ट्रपति भवन में उनका सम्मान पूरे देश की उन महिलाओं के लिए संदेश है कि “हर संघर्ष के बाद सफलता मिलती है।”
Long or Short, get news the way you like. No ads. No redirections. Download Newspin and Stay Alert, The CSR Journal Mobile app, for fast, crisp, clean updates!
App Store – https://apps.apple.com/in/app/newspin/id6746449540
Google Play Store – https://play.google.com/store/apps/details?id=com.inventifweb.newspin&pcampaignid=web_share

Latest News

Popular Videos