स्वतंत्रता दिवस पर ओडिशा की बेटी को मिली ऐतिहासिक पहचान, संघर्ष से आत्मनिर्भरता तक का सफर
ओडिशा (Odisha) के गोपालपुर (Gopalpur) की रहने वाली एस. ज्योति रेड्डी (S. Jyoti Reddy) इस बार स्वतंत्रता दिवस पर इतिहास रचने वालों में शामिल रहीं। एक समय आत्मनिर्भर बनने का सपना उनके लिए बहुत दूर था, लेकिन 17 साल के अथक संघर्ष, मेहनत और जज्बे ने उन्हें वह मुकाम दिलाया जिसकी कल्पना उन्होंने कभी की थी। 15 अगस्त को राष्ट्रपति भवन (Rashtrapati Bhavan) में उन्हें बतौर लखपति दीदी (Lakhpati Didi) आमंत्रित किया गया, जो न सिर्फ उनके लिए बल्कि पूरे ओडिशा और देशभर की महिलाओं के लिए गर्व का क्षण था।
Adani Lakhpati Didi: मदद में आगे आये अडानी, बनी आत्मनिर्भरता की कहानी
ज्योति रेड्डी का सफर आसान नहीं था। गरीबी और संसाधनों की कमी ने हमेशा उनके रास्ते में बाधाएं खड़ी कीं। लेकिन उन्होंने हार मानने की बजाय छोटे-छोटे कामों से शुरुआत की और अपने जीवन को संवारने की ठानी। अडानी फाउंडेशन (Adani Foundation) की मदद से समय के साथ उन्होंने Self-Help Groups (SHGs) और समुदाय आधारित योजनाओं के जरिए अपनी पहचान बनाई। आज वे लखपति दीदी के तौर पर जानी जाती हैं। उनका मानना है कि Self-Reliance सिर्फ आर्थिक स्वतंत्रता नहीं है, बल्कि यह औरत को अपने फैसले खुद लेने का आत्मविश्वास भी देता है।




 
