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August 2, 2025

फिर छा गए ‘मसीहा’ सोनू सूद, जन्मदिन पर की मुफ्त वृद्धाश्रम की घोषणा 

The CSR Journal Magazine
बॉलीवुड अभिनेता सोनू सूद ने अपने 52वें जन्मदिन पर 500 वरिष्ठ नागरिकों के लिए एक वृद्धाश्रम कीघोषणा की। यह सुविधा ज़रूरतमंद लोगों को आश्रय, चिकित्सा देखभाल और भावनात्मक सहारा प्रदानकरेगी। यह पहल कोविड के दौरान प्रवासियों की मदद करने सहित उनके मानवीय प्रयासों की लंबी सूची मेंशामिल हो गई है जिसने उन्हें गरीबों के मसीहा’ के रूप में स्थापित कर दिया था।

सोनू सूद ने फिर जीता लोगों का दिल

‘एक विवाह ऐसा भी’ अभिनेता सोनू सूद ने एक वृद्धाश्रम की घोषणा की है जो लगभग 500 वरिष्ठ नागरिकों को आश्रय देगा और देखभाल प्रदान करेगा। वृद्धाश्रम उन बुजुर्गों के लिए सुरक्षित, सम्मानजनक और प्रेमपूर्ण वातावरण बनाने का एक प्रयास है, जिनकी देखभाल करने वाला कोई नहीं है। आश्रय के साथ-साथ इन वृद्ध लोगों को चिकित्सा देखभाल, पौष्टिक भोजन और भावनात्मक समर्थन भी प्रदान किया जाएगा। ‘दबंग’ अभिनेता वास्तव में समाज को कुछ वापस देने में विश्वास रखते हैं और लगातार कोशिशों में जुटे रहते हैं।

चंद्रबाबू नायडू ने की सराहना, दी शुभकामना

सोनू सूद को उनके जन्मदिन पर बधाई देते हुए, आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू ने परोपकार के प्रति उनकी अटूट प्रतिबद्धता के लिए उनकी प्रशंसा की। उनके निस्वार्थ दान कार्य की सराहना करते हुए, सीएम ने अपने आधिकारिक X हैंडल पर एक नोट लिखा, “सदैव प्रेरणादायी सोनू सूद को जन्मदिन की शुभकामनाएं! जरूरतमंद लोगों के लिए आपके निस्वार्थ परोपकार और समर्थन ने देश भर में अनगिनत लोगों के मन को छुआ है और उनका जीवन बदला है। आपका आने वाला साल खुशियों, स्वास्थ्य और बदलाव लाने की निरंतर शक्ति से भरा हो। @SonuSood।”

Covid19 के दौरान नए रूप में सामने आए सोनू सूद

यह पहली बार नहीं है जब सोनू सूद किसी मानवीय कार्य से जुड़े हैं। इससे पहले, उन्होंने कोविड-19 महामारी के दौरान प्रवासी श्रमिकों की मदद करने और वंचित छात्रों और मरीजों की सहायता करने के लिए सुर्खियां बटोरी थीं। कोविड-19 महामारी के दौरान उन्होंने हजारों प्रवासी मजदूरों को उनके घरों तक पहुंचाने में मदद की थी। लॉकडाउन के पहले चरण के ऐलान के बाद से ही अंतरराज्यीय और रेल सेवाएं बंद कर दी गई थीं, जिसकी वजह से बड़ी संख्या में मज़दूर पैदल ही अपने घरों को जाने से के लिए मजबूर हो गए थे। ऐसी संकट की घड़ी में सोनू सूद मज़दूरों के लिए बड़ी राहत बनकर उभरे। उन्होंने उत्तर प्रदेश सरकार से ख़ास अनुमति लेकर प्रवासी मज़दूरों को घर पहुंचाने के लिए कई बसों का इंतज़ाम करवाया। इससे पहले उन्होंने कर्नाटक के कई मज़दूरों को घर पहुंचाने के लिए बसों का इंतज़ाम कराया था। इसके अलावा, उन्होंने शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार के क्षेत्र में भी कई पहल की। उनकी सूद चैरिटी फाउंडेशन ने जरूरतमंद छात्रों के लिए स्कॉलरशिप, मरीजों के लिए मेडिकल सहायता और बेरोजगारों के लिए रोजगार के अवसर प्रदान किए।

प्रवासी मजदूरों के ‘मसीहा’ सोनू सूद को संयुक्त राष्ट्र का सम्मान

सूद ने 15,000 से अधिक प्रवासियों को उनके घरों तक पहुंचने में मदद की, जिनमें से अधिकांश बिहार केथे। इसके अलावा उन्होंने लॉकडाउन में फंसे 45,000 से अधिक अन्य लोगों के लिए भोजन और आश्रय कीव्यवस्था की। अभिनेता सोनू सूद, जिन्हें Covid19 लॉकडाउन के दौरान उनके परोपकारी कार्यों के लिए “प्रवासियों के मसीहा” के रूप में जाना जाता है, को संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (UNDP) द्वारा प्रतिष्ठित SDG विशेष मानवीय कार्रवाई पुरस्कार से सम्मानित भी किया गया।
इस सम्मान से नवाजे जाने वाले सोनू सूद, एंजेलीना जोली, डेविड बेकहम, लियोनार्डो डिकैप्रियो, एम्मा वाटसन और लियाम नीसन जैसी कई विश्व स्तर पर प्रशंसित हस्तियों में शुमार हो गए, जिन्हें पहले ही इस पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है।

शिक्षा बदलाव का सबसे ताकतवर हथियार

कुछ समय पहले सोनू सूद ने गरीब बच्चों की शिक्षा का जिम्मा उठाया है। सोनू सूद ‘सोनू सूद फाउंडेशन’ के जरिए 100 गरीब बच्चों को शिक्षा देंगे। ये बच्चे मध्य प्रदेश के देवास जिले के हैं। शिक्षा के क्षेत्र में सोनू सूद का यह पहला कदम है। सोनू सूद की इस पहल का नाम ‘शिक्षादान‘ है। अभिनेता सोनू सूद के मुताबिक यह सिर्फ बच्चों को स्कूल भेजने तक ही सीमित नहीं है, बल्कि उनके भविष्य को बेहतर बनाने के लिए है। सोनू के मुताबिक शिक्षा बदलाव का सबसे ताकतवर हथियार है। सोनू सूद यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि बच्चों को वह मौके मिलें जिनके वे हकदार हैं। सोनू सोद की पहल से आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों के बच्चों को अब शिक्षा मिलेगी। उनको शिक्षा के लिए फीस, बैग, किताबें और ड्रेस दी जाएगी। इन बच्चों को अच्छी शिक्षा दी जाएगी। इस पहल के लिए लाभार्थी बच्चों का चयन स्थानीय संस्थान करेंगे, ताकि इसमें गरीब बच्चों को ही लिया जा सके।
2024 में, सोनू ने अपनी मां के नाम पर ‘सरोज सेरेनिटी’ नामक एक वृद्धाश्रम की शुरुआत की थी, जो माता-पिता और बच्चों के बीच के रिश्ते को सम्मान देने का एक प्रतीक था। इस नए वृद्धाश्रम की घोषणा के साथ, उन्होंने अपनी मां की शिक्षाओं को और आगे बढ़ाने का संकल्प दोहराया है।
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