Home Header News आरे पर रार, आर या पार

आरे पर रार, आर या पार

322
0
SHARE
 

आरे महज मुंबई का ईको सिस्टम ही नही बल्कि जिंदगी है, आरे मुंबईकरों का ग्रीन लंग्स है, आरे मुंबईकरों को ऑक्सीजन देती है, सांस देती है और हम आज आरे को ही विकास के नाम पर खत्म कर रहे है, विकास के नाम पर हम तनिक भी नही सोच रहे है कि अगर आरे नही रहा तो हमारी आने वाली पीढ़ी क्या देखेगी, क्या हमारे बच्चें सिर्फ आरे की ईको सिस्टम को किताबों में पढ़ेंगे, क्यों आखिरकार महाराष्ट्र सरकार विकास के बहाने मुंबई की एकमात्र जंगल छीनने पर तुली है, अब आरे को बचाने के लिए आखिरी लड़ाई शुरू हो चुकी है।

मुंबई की आरे कॉलोनी में पेड़ काटने के मुद्दे पर सरकार और पर्यावरण प्रेमी आमने-सामने हैं। बॉम्बे हाई कोर्ट के आरे से जुड़ी याचिकाओं को खारिज करने के बाद शुक्रवार रात से ही पेड़ काटने का काम शुरू हो गया। जैसे ही कटाई के विडियो वायरल हुआ सैकड़ों पर्यावरण प्रेमी इसे रोकने पहुंच गए जिसके बाद से वहां जबरदस्त विरोध प्रदर्शन जारी है। आलम यह है कि आरे में जाने के लिए सभी एंट्री पॉइंट्स पर पुलिस द्वारा रोक लगा दी गई। और धारा 144 लागू कर दी गई है।

पेड़ों की कटाई रोकने के लिए पर्यावरण प्रेमियों और पुलिस से झड़प हो गयी जिसके बाद कई लोग हिरासत में लिए गए हैं और 29 लोग गिरफ्तार किए गए। आरे को लेकर जमकर पहले भी राजनीति हुई और अब भी हो रही है, पर्यावरणविद हो या फिर विपक्ष हर कोई फडणवीस सरकार को कोस रहा है, यहां तक कि बॉलीवुड भी आरे की इस मुहिम में लगा हुआ है लेकिन सरकार है कि अड़ी हुई है।

गौरतलब है कि मेट्रो कार शेड के लिए बीएमसी ने आरे के करीब 2500 पेड़ों की कटाई को हरी झंडी दी थी जिसके खिलाफ अलग-अलग याचिकाएं कोर्ट में दायर की गई थीं। हालांकि, शुक्रवार को बॉम्बे हाई कोर्ट ने यह कहकर याचिकाओं को खारिज कर दिया कि मामला पहले की सुप्रीम कोर्ट और एनजीटी के सामने लंबित है, इसलिए हाई कोर्ट इसमें फैसला नहीं दे सकता। इधर कोर्ट ने यह फैसला दिया और उधर अधिकारियों ने आरी उठी ली।