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अब इंदौर में सीएसआर से ग्राउंड वाटर होगा रिचार्ज

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Groundwater
 
समूचे देश में चिलचिलाती गर्मी की शुरुआत हो चुकी है। इस भीषण गर्मी के बीच पानी की समस्या भी गंभीर होती जा रही है। देश के कई शहरों और इलाकों में इसका असर देखने को मिल रहा है। ऐसे में कॉरपोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी की मदद से आम जनमानस को राहत देने की कोशिश की जा रही है। जल संरक्षण के लिए सीएसआर फंड (CSR Fund) की मदद से मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh News) में एक अनोखा काम किया जा रहा है। पानी की कमी से निजात पाने के लिए रिचार्ज सॉफ्ट बनाया जा रहा है। दरअसल सीएसआर के माध्यम से इंदौर नगर निगम (Indore Nagar Nigam) द्वारा शहर के अलग-अलग जगहों पर जलजमाव वाले क्षेत्रों की सूची बनाने के साथ-साथ अब उन स्थानों पर रिचार्ज शाफ्ट यानी कि बारिश का पानी बोरिंग कर जमीन में भेजने की कवायद शुरू हो गई है। सौ से ज्यादा ऐसे स्थान चिन्हित किये गए है जहां जलजमाव होता है और उन जगहों पर वाटर रिचार्ज सॉफ्ट बनाया जा रहा है।

इंदौर नगर निगम के इस सीएसआर पहल से दूर होगी पानी की समस्या

Water Recharge Shaft के इस पहल के लिए शुरुआती दौर में कई बड़ी कंपनियों का सहारा लेकर इंदौर नगर निगम (Indore Municipal Corporation) यह काम सीएसआर प्रोजेक्ट (CSR Project) के तहत कर रहा है। इंदौर शहर के कई क्षेत्रों में जलस्तर लगातार कम होने की शिकायतों के साथ-साथ कई क्षेत्रों में बोरिंग बंद होने के मामले सामने आ रहे हैं। इसी के चलते Indore नगर निगम और कई संस्थाओं ने इसके लिए अभियान शुरू किया है। आम जनमानस की भागीदारी को बढ़ाने के लिए लोगों को जागरूक किया जा रहा है। रेसिडेंट एसोसिएशन की मदद भी ली जा रही है, बड़ी कार्यशाला का आयोजन भी किया जा रहा है। गौरतलब है कि नगर निगम ने पहले चरण में शहर के सौ ऐसे स्थानों का चयन किया है जहां हर बार बारिश का पानी जमा होता है और इस जलजमाव के कारण लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। इसी के चलते निगम इन स्थानों पर रिचार्ज शाफ्ट लगा रहा है।

सीएसआर की मदद से इंदौर में बनाया जा रहा है वाटर रिचार्जिंग शाफ़्ट

इस तकनीक के तहत उन क्षेत्रों में एक सुरक्षित स्थान पर बोरिंग कराया जाता है और उस बोरिंग के माध्यम से बारिश का पानी फिर से जमीन में भेजा जाता है। The CSR Journal से खास बातचीत करते हुए Indore Municipal Corporation के एडिशनल कमिश्नर अभिलाष मिश्रा ने बताया कि फिलहाल इस पहल के लिए कई स्थानीय कंपनियों की मदद से सीएसआर (कॉरपोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी – Corporate Social Responsibility) के तहत कार्य कराए जा रहे हैं। IMC के Additional Municipal Commissioner Abhilash Mishra ने लोगों से अपील भी की कि इस पहल में लोग आगे आएं और Water Recharge Shaft के लिए अपना योगदान दें। हम आपको बता दें कि अब तक शहरभर में बोरिंग इसलिए किए जाते रहे हैं कि ताकि जमीन से पानी हासिल किया जा सके, लेकिन अब निगम द्वारा विभिन्न कंपनियों की मदद से बोरिंग कराकर बारिश का पानी जमीन में भेजा जाएगा। यानी कि रिचार्ज शाफ्ट से रिवर्स बोरिंग किया जा रहा है।

कॉरपोरेट की मदद से पानी की समस्या से मिलेगी निजात

सीएसआर प्रोजेक्ट के तहत जलजमाव वाले क्षेत्रों में लगाए जा रहे एक सिस्टम पर दो लाख रुपए का खर्च होता है, क्योंकि इसमें उस क्षेत्र में बोरिंग करने के साथ-साथ उसके लिए तमाम उपकरण भी लगाए जाते हैं, ताकि बारिश का पानी आसानी से जमीन में पहुंचाया जा सके। कुछ स्थानों पर कम्पनी की मदद से तो कुछ स्थानों पर निगम अपने स्तर पर यह कार्य कराएगा। शहरभर में 200 स्थानों पर यह कार्य होना है और आने वाले दिनो में कुछ बड़ी फर्मों को काम सौंपे जाएंगे। इस काम से जलजमाव की भी स्थिति से निजात मिलेगी साथ ही पानी की भी कमी को दूर किया जा सकेगा।