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सीएसआर से मॉडल होगा रांची का बेड़ो सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र

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सीएसआर से रांची का सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बनेगा मॉडल स्वास्थ्य केंद्र

भारत में स्वास्थ्य सेवाओं की बेहतरी के लिए कॉर्पोरेट लगातार राज्य सरकारों के साथ काम कर रहा है, वहीं आखिरी व्यक्ति तक हेल्थ सर्विसेस पहुंचे जिसके लिए जिला प्रशासन लगातार ग्रामीण स्वास्थ्य सेवाओं को और भी अत्याधुनिक बनाने में जुटा हुआ है, इसी कड़ी में रांची सबसे अग्रसर है। सीएसआर की मदद से रांची के बेड़ों प्रखंड में मौजूद सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र को मॉडल स्वास्थ्य केंद्र बनाया जा रहा है। यानि अब सामुदायिक स्वास्थ्य बनेगा मॉडल। हालही में रांची जिला प्रशासन और हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड के बीच एमओयू साइन किया गया। रांची के उपायुक्त राय महिमापत रे और HPCL के डीजीएम सुमंत झा ने यह एमओयू साइन किया। बेड़ों के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र को मॉडल स्वास्थ्य केंद्र में विकसित करने के लिए CSR (Corporate Social Responsibility) के तहत हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (Hindustan Petroleum Corporation Limited) ने 1.46 करोड़ की राशि प्रदान करेगी। इस सीएसआर की मदद से बेड़ो सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र को मॉडल स्वास्थ्य केंद्र के रूप में विकसित किया जाएगा।

मॉडल स्वास्थ्य केंद्र में कैसी होंगी सुविधाऐं

बेड़ों के इस मॉडल स्वास्थ्य केंद्र पर Indian Public Health Standards के तहत आधुनिक मेडिकल इक्विपमेंट्स, अत्याधुनिक सुविधाएं और एएनएम को प्रशिक्षण दिया जाएगा। एएनएम की सुविधाओं के लिए सीएसआर के तहत 50 स्कूटी भी खरीदी जाएगी जो कि यह एएनएम को सपोर्ट करेंगे और एएनएम की स्वास्थ कर्मी ग्रामीण इलाकों में और गांव-गांव घूमकर लोगों को स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करेंगे। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र को मॉडल स्वास्थ्य केंद्र बनाने का काम शुरू भी हो चुका है और आम जनता को अत्याधुनिक सुविधाएं मिलने शुरू हो जाएंगे। एमओयू साइन करने के बाद रांची के उपायुक्त राय महिमापत रे ने एचपीसीएल का धन्यवाद देते हुए कहा कि बड़ों का मॉडल सीएचसी आने वाले 6 महीनों में तैयार हो जाएगा जो कि पूरे रांची के लिए नहीं बल्कि पूरे राज्य के लिए एक मिसाल होगा।

एस्पिरेशनल डिस्ट्रिक्ट है रांची, सीएसआर से लगातार जिला प्रशासन कर रहा है विकास

झारखण्ड का रांची जिला एस्पिरेशनल डिस्ट्रिक्ट है, एस्पिरेशनल डिस्ट्रिक्ट का संकल्पना पीएम नरेंद्र मोदी ने रखी थी और यह प्रोग्राम जनवरी 2018 में लॉन्च किया गया था। एस्पिरेशनल डिस्ट्रिक्ट कार्यक्रम
का उद्देश्य देश के सबसे पिछड़े हुए जिलों में से विकास करना है। इसके लिए इन जिलों में पांच प्रमुख बिन्दुओं पर कार्य किया जा रहा है – स्वास्थ्य व पोषण, शिक्षा, वित्तीय समावेश, कौशल विकास, कृषि व जल संसाधन और अधोसंरचना। इस योजना की सहायता से पिछड़े जिलों में विकास के इन सूचकों को राष्ट्रीय स्तर के बराबर लाने का प्रयास किया जा रहा है। एस्पिरेशनल डिस्ट्रिक्ट होने के नाते सीएसआर की मदद से  रांची के उपायुक्त राय महिमापत रे ने कई विकास के कामों को अंजाम दिया है साथ ही कई कॉर्पोरेट की मदद से जिले में विकास कार्य चल रहा है। हालही में IRCTC अपने सीएसआर फंड से साढ़े 27 लाख रुपये खर्च कर रही है, IRCTC रांची के 500 आंगनबाड़ी केंद्रों को अपग्रेड करने के लिए पहल की है, जिसके तहत इन केंद्रों में क्लिनिकल्स बेड लगाए जायेंगे, इससे ना सिर्फ महिलाओं को फायदा होगा बल्कि नवजात शिशुओं की भी सेहत में सुधार होगा।

कोरोनावायरस से लड़ने में सीएसआर बन रहा मददगार

कोरोनावायरस देश के सभी राज्यों में अपना पैर पसार रहा है, हर दिन कोरोनावायरस के नए नए मामले सामने आ रहें है, अब तो कोरोनावायरस जान तक लेने लगी है, मंगलवार को देश में तीसरा कोरोना से पीड़ित मरीज ने इस बिमारी से जंग हार गया। मुंबई के कस्तूरबा अस्पताल में एक मरीज ने दम तोड़ दिया, लगातार देश के हर राज्यों कोरोनावायरस की ख़बरें एक दहशत पैदा कर रही है, केंद्र सरकार और राज्य सरकारें लगातार मिलकर कोरोना को हारने के लिए युद्ध स्तर पर काम कर रही है। विदेशों में इस महामारी का आलम ऐसा है कि अस्पताल कम पड़ जा रहे है ऐसे में गनीमत अपने देश में है कि समय रहते हुए हम अलर्ट है साथ ही देश के सभी राज्यों में हम अपने स्वास्थ्य सेवाओं को और भी बेहतर करने में जुटे हुए है। ताकि लॉन्ग टर्म के लिए हम हर महामारी से निपट सके। और इसके लिए सीएसआर यानि कॉर्पोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी बड़े पैमाने पर मददगार साबित हो रहा है।