देवेंद्र फडणवीस सीएम बन गए, अजित पवार डिप्टी सीएम, बीजेपी को सत्ता मिल गई, अजित पवार को कुर्सी मिल गई, लेकिन महाराष्ट्र की जनता को क्या मिला? धोखा!, आखिरकार महाराष्ट्र की राजनीति में एक ऐसा मोड़ आया कि यहां की जनता अपने आप को ठगा महसूस कर रही है, जनता सोच रही है कि उन्होंने अपना जनादेश जिस पार्टी को दिया वो सारे मुद्दे, वैचारिक मतभेद, नैतिकता, वसूलों को ताक पर कैसे रखकर सत्ता के इतने लोभी हो जाएंगे। ये वही बीजेपी है, वही देवेंद्र फडणवीस है जो चुनावी प्रचारों में नैतिकता के ढिंढोरे पीटते थे, करप्शन को लेकर जीरो टॉलरेंस की बातें करते थे, अजित पवार के खिलाफ सार्वजनिक मंच पर उनके भ्रष्टाचार को गिनवाते थे, लेकिन अब क्या हुआ देवेंद्र फडणवीस जी, जनता आपसे जवाब जरूर लेगी, जनता अपने वोट का हिसाब जरूर मांगेगी, जनता, आपके नैतिकता को आईना जरूर दिखाएगी। भ्रष्टाचारी का साथी भ्रष्टाचारी ही कहलाता है, देवेंद्र फडणवीस जी सत्ता के लिए आप ये क्यों भूल रहे है।
जनता ने जनादेश बीजेपी और शिवसेना के गठबंधन को दिया लेकिन नतीजों के पहले दिन से ही शिवसेना बीजेपी में खटास हुई और शिवसेना सीएम पद के लिए डटी रही, बीजेपी ने भी नैतिकता का हवाला देते हुए सरकार बनाने का दावा छोड़ दिया। इस ड्रामें के बाद मानों महाराष्ट्र की राजनीति में कोई एथिक्स और निति ही नही रही, शिवसेना सत्ता और सीएम की कुर्सी पाने के लिए व्याकुल दिखी और हर वो कोशिश की जो शिवसेना के विचारधारा के खिलाफ हो, शिवसेना कांग्रेस और एनसीपी से सत्ता पर काबिज होने के लिए हाथ मिलाने की कवायत शुरू की। लेकिन अंत तक इस ड्रामे का कोई निष्कर्ष नही निकला और एनसीपी ने गेम करते हुए अजित पवार ने बीजेपी के देवेंद्र फडणवीस के साथ डिप्टी सीएम की शपथ ले ली, इस पूरे घटनाक्रम के बाद शरद पवार का ट्वीट सामने आया जिसमें शरद पवार ने कहा कि अजित पवार के इस खेल में एनसीपी शामिल नही है तो क्या ये मान लिया जा कि शरद पवार की एनसीपी पार्टी टूट गयी और भतीजे अजित पवार ने शरद पावर के साथ धोखा किया है।
जानकार दबी जबान में ये भी मान रहे है कि ये पूरा का पूरा खेल शरद पवार का किया हुआ है, बीजेपी के साथ शरद पवार की कई बार बैठक हुई, यहां तक कि शरद पवार पीएम नरेंद्र मोदी और अमित शाह से भी मुलाकात की थी और इस पूरे राजनीति ड्रामें की स्क्रिप्ट यहीं इस मीटिंग में लिखी गयी थी, और जानकार ये भी बोल रहे है कि अजित पावर बागी हो गए ऐसा बोलकर शरद पवार अपना पल्ला झाड़ लेंगे। ये भी बताया जा रहा है कि शरद पवार का ये पॉवर प्ले इसलिए है कि ताकि पार्टी बची रहे, क्योंकि पार्टी के बड़े नेताओं पर जांच की, ईडी की, सीबीआई की हर एक एजेंसी की तलवार लटक रही है, इससे शरद पवार भी अछूते नही है। बहरहाल शरद पवार उद्धव ठाकरे और कांग्रेस रात तक ये फैसला किये थे कि एक आखिरी बैठक कर शिवसेना के उद्धव ठाकरे की अध्यक्षता में महाराष्ट्र में सरकार बना लेंगें लेकिन रातो रात सरकार बनाने की खबर, कानो कान किसी को नही लगी और देवेंद्र फडणवीस मुख्यमंत्री और अजित पवार उपमुख्यमंत्री बन गए और जनता देखती रह गयी।
जनता विचारधारा को देखकर पार्टियों को चुनती है, वोट करती है लेकिन ये पार्टियां सत्ता के खेल में इतनी मशगूल हो जाती है कि ये तक नही सोचते कि जनता ने जो जनादेश दिया है वो विचारधार पर दिया है, जनता ने वोट मुद्दों पर किया है, लेकिन जब सत्ता बनाने की बारी आती है तब ये पार्टियां एक हो जाती है। चाहे कांग्रेस, एनसीपी या शिवसेना हो या अब बीजेपी हो या अजित पवार। बहरहाल महाराष्ट्र की राजनीति अब बड़ी ही दिलचस्प हो गई है, और किस मुकाम पर जाकर रुकती है ये तो वक़्त बताएगा, लेकिन इस बीच जनता जरूर ठगा महसूस कर रही है।