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नमामि गंगे मिशन के प्रयासों से यूपी में बढ़ रही है गांगेय डॉल्फिन

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नमामि गंगे मिशन के प्रयासों से बढ़ रही है गांगेय डॉल्फिन, 4000 पार
 
गंगा को स्वच्छ और निर्मल बनाने के लिए नमामि गंगे मिशन (Namami Gange Mission) द्वारा किए जा रहे प्रयासों के फलस्वरूप गंगा नदी में डॉल्फिन का कुनबा बढ़ रहा है। भारतीय वन्यजीव संस्थान (Wildlife Institute of India) के मुताबिक इस समय गंगा और उसकी सहायक नदियों में लगभग 4000 डॉल्फिन मौजूद हैं। जानकार इसे पर्यावरण के लिए अच्छा संकेत बता रहे हैं। इससे पता चलता है कि यूपी में गंगा में डॉल्फिन को अनुकूल वातावरण मिल रहा है और गंगा का पानी भी साफ है। आने वाले समय में डॉल्फिन की संख्या और बढ़ने का अनुमान लगाया जा रहा है।

अकेले यूपी में गांगेय डॉल्फिन की संख्या 2000 तक पहुंची

एक अनुमान के मुताबिक, उत्तर प्रदेश में गांगेय डॉल्फिन (Ganges River Dolphin) की संख्या 2000 तक होने की उम्मीद है। जो कि भारत में पाई जाने वाली कुल गांगेय डॉल्फिन की संख्या का आधे से अधिक है। ऐसे में इनके संरक्षण और संवर्धन की सर्वाधिक जिम्मेदारी भी उत्तर प्रदेश सरकार की ही बनती है। इसके मद्देनज़र उत्तर प्रदेश ने राज्य के लिए नई पर्यटन नीति लागू कर चंबल सेंचुरी (Chambal ) में डॉल्फिन सेंचुरी क्षेत्र की घोषणा की थी। आज चंबल क्षेत्र में लगभग 111 डॉल्फिन की मौजूदगी दर्ज की गई है।

गंगा और उसकी सहायक नदियों में लगभग 4000 डॉल्फिन मौजूद

गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi on Environment and Ganga) द्वारा प्रोजेक्ट डॉल्फिन की घोषणा किए जाने के बाद आम लोगों में इस अनोखे और दुर्लभ जीव के प्रति उत्सुकता बढ़ी है। दूसरा पहलू यह भी है कि एक बड़ी आबादी अभी इस करिश्माई मेगा-फौना से अपरिचित है। इसलिए गांगेय डॉल्फिनों के संरक्षण से न केवल इस प्रजाति के संरक्षण को लेकर जागरूकता आएगी बल्कि गंगा की निर्मलता और अविरलता के प्रयासों को भी बल मिलेगा।

आने वाले समय में गंगा में डॉल्फिन की संख्या और बढ़ने का लगाया जा रहा अनुमान

नमामि गंगे (Clean Ganga Mission) की योजनाओं में जागरूकता और जनभागीदारी मुख्य बिंदु हैं। इस आधार पर वर्ष 2030 तक गांगेय डॉल्फिन (Gangetic Dolphins) की आबादी में स्थिरता लाने और अधिक खतरे वाली प्रजातियों की संख्या दोगुनी करने का लक्ष्य रखा गया है। इस कवायद में स्वच्छ गंगा मिशन ने राज्य सरकारों, विशेषज्ञों, गैर सरकारी संगठनों और स्थानीय लोगों से बेहतर तालमेल बनाने में सफलता पाई है। नमामि गंगे परियोजना के प्रदूषण कम करने के उपायों, आर्द्र भूमि के बचाव और प्रवाह बेहतर करने की पहलों से गांगेय डॉल्फिनों की आबादी को उपयुक्त पर्यावास मिला है। भारत में इसे संरक्षित किया जा रहा है। अपेक्षाकृत गंगा और उसकी रामगंगा, यमुना, गोमती, घाघरा, राप्ती, सोन, गंडक, चंबल और कोसी में इनकी बहुलता है।