देश प्रदेश में जब भी चुनाव आते है मानों गरीबों के लिए त्यौहार आ जाता है। चुनाव अपने देश में लोकतांत्रिक पर्व तो है लेकिन जब भी चुनाव होने होते है, गरीबों की ना सिर्फ चांदी हो जाती है बल्कि देश प्रदेश में अंशकालीन के लिए रामराज्य बहाल हो जाता है। आम आदमी अति विशिष्ट हो जाता है और नेता प्रजा के घर-घर और दर-दर भटक कर हाथ जोड़ जोड़कर गुहार लगाता है कि मेरे माई-बाप आप ही सब कुछ हो। नेताओं को जनता में जनार्दन नज़र आते है। हम और आप जैसे कॉमन मैन इस बात को लेकर इतराते है कि नेताजी हमारे सामने हाथ जोड़कर गए, हमारे चरणों में गिरकर नेताजी गिड़गिड़ाए। और इस उम्मीद पर खुश होते है कि नेताजी ने हमारी जिंदगी को बदलने के लिए वादों की झड़ियां लगा दी। हमारे जिंदगी को बदलने के लिए नेताजी ने जो वादे किए, जो कसमें खाई है अब मानों नेताजी ने जबान दी तो जान दी। और वो भी नेताजी लिखित चुनावी घोषणा करते है जिसे इलेक्शन मेनिफेस्टो भी कहते है। इलेक्शन मेनिफेस्टो में लिखकर ऐसे-ऐसे वादे करते है कि बस अब वो पत्थर की लकीर हो गयी। लेकिन आप ये मत भूलिए कि वो इलेक्शन के वादे थे, अब ये वादे कितने पूरे हुए और कितने अधूरे है इसी की पड़ताल करने के लिए The CSR Journal ने एक स्पेशल मुहीम शुरू की है ElectionReportCard, इस ख़ास सीरीज में हम जानेंगे नेताओं के चुनावी वादों में कितना रहा हकीकत और कितना रहा फ़साना।
लोकसभा चुनाव – उत्तर प्रदेश इलेक्शन रिपोर्ट
साल 2024 चुनावी वर्ष है, लोकसभा चुनाव (Lokshbha Election 2024) के साथ-साथ कई राज्यों में चुनाव होने है। सभी की नज़रे उत्तर प्रदेश पर टिकी है क्योंकि लोकसभा का चुनाव सबसे पहले है और उत्तर प्रदेश में सबसे ज्यादा लोकसभा की सीटें हैं। सभी राजनीतिक दलों की तैयारियां भी शुरू हो चुकी है। राष्ट्रवाद, विकास सुशासन, धर्म जैसे मुद्दों पर चर्चाएं भी होनी शुरू हो चुकी है। ऐसे में ElectionReportCard के जरिये आइये हम जानने की कोशिश करते है कि जो सरकार में है, उन्होंने अपने वादों को कितना अमल में लाया है। शुरू सबसे पहले उत्तर प्रदेश से ही करते है। उत्तर प्रदेश इलेक्शन रिपोर्ट कार्ड (Uttar Pradesh ElectionReportCard) में हम आपको ये बता दें कि साल 2017 से यूपी में बीजेपी (UP News) की सरकार है और योगी आदित्यनाथ मुख्यमंत्री है (UP CM News)। 2017 के बाद 2022 में उत्तर प्रदेश में फिर से चुनाव हुए और बीजेपी दोबारा सत्ता पर काबिज होती है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की नेतृत्व वाली सरकार ने Election Manifesto जारी किया। जिसको ‘लोक कल्याण संकल्प पत्र’ नाम दिया गया।
BJP Election Manifesto Sankalp Patra
साल 2022 में Election Manifesto जारी करते हुए उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ UP Government (Yogi Adityanath Speech) ने कहा था कि “हमारी सरकार ने पिछले 5 वर्षों में प्रदेश में बिजली (Electricity in UP), पानी, मकान, राशन, शिक्षा एवं स्वास्थ्य (Education and Health in Uttar Pradesh) जैसी मूलभूत सुविधाओं को मजबूत करने का कार्य किया है। साल 2017 के लोक कल्याण संकल्प पत्र (Uttar Pradesh BJP issue Lok Kalyan Sankalpa Patra) के अंतर्गत हमने प्रदेश में चौमुखी विकास कर प्रदेश के हर वर्ग को विकास की मुख्यधारा से जोड़ने का प्रण लिया था। चाहे वह किसानों की कर्ज माफी हो, एमएसपी पर अभूतपूर्व स्तर पर सरकार द्वारा फसलों की खरीद हो, 33 नए मेडिकल कॉलेज (Medical College in UP) का निर्माण हो, नए एक्सप्रेस में एवं अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट का निर्माण हो, श्रमिक वर्ग को आर्थिक सहयोग हो या महिलाओं की सुरक्षा के लिए एंटी रोमियो स्क्वायड हो। भारतीय जनता पार्टी (Bhartiya Janta Party – BJP) की सरकार ने जनता के सभी वर्गों के लिए जो कहा था उसे करके दिखाया है। हमारे संकल्प कागज के फूल नहीं पत्थर की लकीर होते हैं”।
ऐसे में आइये जानते हैं 2022 के संकल्प पत्र में क्या-क्या था? योगी सरकार उनमें से कितने वादे पूरे कर सकी और किन वादों में सरकार पर सवाल उठते हैं।
किसान भाइयों के लिए (Agriculture in UP)
19 जनवरी को उत्तर प्रदेश के CM Yogi Adityanath ने गन्ना किसानों से मुलाकात की। सीएम योगी ने गन्ना किसानों से संवाद करते हुआ बोले कि पहले किसान कर्ज में डूबा था आज खुशहाल है। उन्होंने कहा कि किसान पहले अनदेखी से आत्महत्या को मजबूर थे जबकि आज प्रदेश के विकास को गति दे रहे हैं। ऐसे में सबसे पहले उत्तर प्रदेश बीजेपी के मेनिफेस्टो में किसानों की बात करते है।
नहीं मिल रही है किसानों को सिंचाई के लिए मुफ्त बिजली
योगी आदित्यनाथ ने अगले 5 सालों में सभी किसानों को सिंचाई के लिए मुफ्त बिजली देने का वादा किया था। लेकिन 2 साल बीतने के बाद भी अभी तक किसानों (Farmers of Uttar Pradesh) को सिंचाई के लिए मुफ्त बिजली (Free Electricity) नहीं दी जा रही है।
नहीं बना 25000 करोड़ की लागत से सरदार वल्लभभाई पटेल एग्री इंफ्रास्ट्रक्चर मिशन
Agriculture Infrastructure in Uttar Pradesh को लेकर सीएम ने वादा किया था कि हम 25000 करोड़ की लागत के साथ सरदार वल्लभभाई पटेल एग्री इंफ्रास्ट्रक्चर मिशन बनाकर प्रदेश भर में छटाई एवं ग्रेडिंग यूनिट, कोल्ड चेन चैंबर्स, गोदाम, प्रोसेसिंग सेंटर आदि का निर्माण करेंगे लेकिन 2 साल बीतने के बाद भी अभी तक सरदार वल्लभभाई पटेल एग्री इंफ्रास्ट्रक्चर मिशन के बारें में कोई जानकारी नहीं है। कृषि के जानकारों, अख़बारों और इंटरनेट पर सरदार वल्लभभाई पटेल एग्री इंफ्रास्ट्रक्चर मिशन का कहीं कोई उल्लेख नहीं है।
गन्ना किसानों को नहीं मिलता है 14 दिनों में भुगतान और ना ही मिलता है देरी होने पर ब्याज
Sugarcane Farmers in Uttar Pradesh पर बड़ा दिल दिखाते हुए सीएम योगी ने कहा था कि हम 5000 करोड़ की लागत के साथ गन्ना मिल नवीनीकरण मिशन के अंतर्गत चीनी मिलों का नवीनीकरण एवं आधुनिकीकरण करेंगे। ये तो सत्य है कि कई शुगर मीलों का रेनोवेशन हुआ, नए सिरे से चीनी मिलों की शुरुआत हुई लेकिन ये भी उतना ही सच है कि पिछले 2 सालों में नया कोई शुगर मिल नहीं बनाया गया है। जबकि सीएम ने कहा था कि प्रदेश में नई सहकारी चीनी मील स्थापित किये जायेंगे। साथ ही ये भी कहा था कि हम यह सुनिश्चित करेंगे की गन्ना किसानों को 14 दिनों के भीतर उनका भुगतान मिलेगा। शुरू शुरू में तो 14-15 दिनों में Farmers को Payments तो हुए लेकिन अब महीने डेढ़ महीने लग जा रहा है और मेनिफेस्टो में बताया ये भी गया था कि देरी होने पर भुगतान के लिए मीलों से ब्याज वसूल करने करके गन्ना किसानों को ब्याज समेत भुगतान किया जाएगा लेकिन कोई भी इंट्रेस्ट नहीं मिल रहा है।
उत्तर प्रदेश में नारी शक्ति के लिए किये गए वादे
नहीं है 60 साल के ऊपर महिलाओं को मुफ्त यात्रा
राजनेताओं द्वारा किये गए वादों से एक आम आदमी यही उम्मीद करता है कि जब योजनाएं लागू की जाएगी तो उनकी जिंदगी में सकारात्मक बदलाव आएगा लेकिन नेताओं का वादा तो वादा ही होता है। साल 2022 के संकल्प पत्र में बीजेपी ने वादा किया था कि 60 साल से अधिक महिलाओं को सार्वजनिक परिवहन में मुफ्त में यात्रा (Free Travel in Bus in UP) करने मिलेगा। लेकिन ये सिर्फ वादा ही बनकर रह गया है। अभी भी 60 साल की महिलाओं को फ्री ट्रेवल नहीं दिया जा रहा है।
नहीं मिल रहा है 1500 विधवा पेंशन, हर तीन महीने में आता है
विधवाओं और निराश्रितों को पेंशन (Pension Schemes in Uttar Pradesh) तो बहुत पहले से सरकार देती आ रही है लेकिन इसे बढ़ाने का आश्वासन योगी सरकार ने पिछले इलेक्शन मेनिफेस्टों में किया था। उत्तर प्रदेश के संतकबीर नगर में लाभार्थिओं से The CSR Journal ने बात की तो पता चला कि अभी तीन महीने में 1000 के हिसाब से 3000 रुपये विधवा और निराश्रितों को पेंशन आता है लेकिन सरकार ने वादा किया था कि इसे बढाकर 1500 किया जायेगा जो कि अभी धरातल पर नहीं किया गया है।
मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना को 15 से 25 हज़ार का वादा हुआ पूरा
योगी सरकार कन्याओं के जन्म से लेकर पढ़ाई तक की जिम्मेदार उठा रही है, जिससे बेटियां पढ़ कर अपना भविष्य संवार सकें। कन्याओं को स्वस्थ, शिक्षित और आत्मनिर्भर बनाने के लिए मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना (Mukhyamantri Kanya Sumangala Yojana) के तहत बालिकाओं को योजना का लाभ मिल रहा है। पहले इस योजना के अंतर्गत 15 हज़ार मिलते थे जिसे बढ़ाकर 25 हज़ार कर दिया गया है।
मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना, 1 लाख का किया वादा मिलता है आधा (Government Schemes of Uttar Pradesh)
मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना (Mukhyamantri Samuhik Vivah Yojana) के तहत, गरीब परिवारों की बेटियों का सामूहिक विवाह कराया जाता है। इस योजना के तहत, गरीब परिवारों की बेटियों को आर्थिक सहायता और गृहस्थ जीवन की शुरुआत के लिए उपहार भी दिए जाते हैं। उत्तर प्रदेश में, मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के तहत, प्रति लाभार्थी 51,000 रुपये का भुगतान किया जाता है। इसमें से 35,000 रुपये की आर्थिक सहायता, बेटी के बैंक खाते में सीधे डीबीटी के जरिए ट्रांसफर की जाती है। इसके अलावा शादी के लिए आभूषण बर्तन इत्यादि खरीदने के लिए भी ₹10000 दिए जाते हैं। ₹6000 विवाह आयोजन करवाने के लिए खर्च किया जाता है। मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के अंतर्गत अब 51000 के बजाय 1 लाख करने का वादा किया गया था लेकिन ये भी अभी तक पूरा नहीं किया गया।
फ्री स्कूटी योजना अभी भी ख्याली पुलाव
चुनाव के दौरान बीजेपी के घोषणा पत्र में फ्री स्कूटी (Free Scooty to Girls) देने का जिक्र किया गया था। रानी लक्ष्मीबाई योजना (Rani Lakshmibai Yojana) के तहत पात्र छात्राओं को मुफ्त स्कूटी दी जाएगी। इस योजना का फायदा उत्तर प्रदेश में रहने वाली लड़कियों के लिए जल्द शुरू किया जाएगा। जानकारी के लिए बता दें कि रानी लक्ष्मीबाई योजना के तहत मेधावी लड़कियों को मुफ्त स्कूटी दी जाएगी। जिसे वर्तमान में योगी सरकार रानी लक्ष्मीबाई स्कूटी योजना चलाकर अपने वादे को पूरा करने की अभी तक सिर्फ योजना ही बना रही है।
शिक्षा पर जोर देने की बात में कितनी सच्चाई?
ऑपरेशन कायाकल्प को शुरू हुआ 6 साल हो गए लेकिन धीमी गति है रोड़ा
विद्यालय, अर्थात वो स्थान जहां देश का भविष्य आकार लेता है। जहां हमारी भावी पीढ़ियां यानी हमारे बच्चों के बेहतर भविष्य की नींव रखी जाती है। विद्यालय बच्चों के व्यक्तित्व के निर्माण का सबसे महत्वपूर्ण केन्द्र होते है ऐसे में सरकारी प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक विद्यालयों में मूलभूत सुविधाओं का बेहतर होना बहुत जरुरी है। जून 2018 में मुख्यमंत्री योगी के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश सरकार ने भारत के सबसे बड़े कनवर्जन्स प्रोग्राम में से एक ‘ऑपरेशन कायाकल्प’ की शुरूआत की थी। इसके अन्तर्गत प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालयों की इंफ्रास्ट्रक्चर को डेवलपमेंट किया जा रहा है। ‘ऑपरेशन कायाकल्प‘ (Operation Kayapalat in UP) को शुरू हुए लगभग 6 साल हो गए लेकिन अभी तक कई ऐसे स्कूल देखे जा सकते है जहां बेसिक नेसेसिटी की बहुत जरुरत है।
युवाओं को सक्षम बनाने में कितनी सक्षम हुई सरकार?
रोजगार को लेकर उत्तर प्रदेश (Employment in UP) सरकार हमेशा से ही कटघरे में रहती है। रोजगार के जरिये युवाओं को सक्षम और सशक्त बनाने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार बहुत पीछे है। सरकारी आकड़े और दावे तो बहुत ही होंगे लेकिन जब बात धरातल की आती है तो आज का युवा सीना ठोककर कहता है कि सरकार युवाओं के बारें में सिर्फ हवाहवाई बातें ही करती है। अपने मेनिफेस्टो में तो योगी सरकार ने ये साफ़ तौर पर लिखा है कि साल 2022 से पहले 5 सालों में सीएम योगी की सरकार ने 3 करोड़ से अधिक लोगों को या तो रोजगार या फिर स्वरोजगार (Jobs in Uttar Pradesh) मुहैया कराई है। इन आकड़ों पर विपक्ष हमेशा से ही सवाल करता ही रहता है। लेकिन वादों की बात करें तो Uttar Pradesh BJP Manifesto में साफ़ साफ़ लिखा गया है कि हर परिवार से कम से कम एक लोगों को रोजगार या फिर स्वरोजगार का अवसर प्रदान करेंगें। ऐसे में हर घर से रोजगार का ये वादा तो साफ़ वादा ही लग रहा है जहां पिछले 5 सालों में महज 3 करोड़ ही रोजगार मिल पाए।
खाली पड़े पद नहीं जा रहे है भरे
मेनिफेस्टो में ये भी लिखा गया है कि हम सभी विभागीय खाली पड़े पदों को भरेंगे, लेकिन सच्चाई यही है कि कुछ आवेदन को छोड़ दिया जाए तो ज्यादातर रिक्तियों के लिए आवेदन नहीं निकाले जा रहे है।
हर ग्राम पंचायत में जिम और खेल मैदान स्थापित करने की भी बात फ़साना ही है।
उत्तर प्रदेश कितना है स्वस्थ प्रदेश?
बीजेपी ने जब साल 2022 में मेनिफेस्टो जारी किया था तो उत्तर प्रदेश को स्वस्थ प्रदेश (Health Infrastructure in UP) बनाने का वादा किया था और प्रदेश के हर नागरिक को बढ़िया हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर देने की भी बात कही थी। जिसके अंतर्गत मुख्यमंत्री ने मेनिफेस्टो में साफ तौर पर लिखा है कि हम प्रदेश के हर जिले में अत्यधिक विशेषज्ञ चिकित्सा सुविधाओं से युक्त सरकारी मेडिकल कॉलेज की स्थापना के लक्ष्य को पूरा करेंगे। उत्तर प्रदेश में BJP Government in Uttar Pradesh सरकार को आये 7 साल हो गए लेकिन हर जिले में मेडिकल कॉलेज क्या खुल गया है ये सबसे बड़ा सवाल है। उत्तर प्रदेश में 75 जिले हैं और 59 जिलों में 65 मेडिकल कॉलेज (Best Hospital in Uttar Pradesh) हैं, 35 सरकारी और 30 निजी। तो, 16 जिले ऐसे हैं जहां कोई मेडिकल कॉलेज नहीं है और लखनऊ जैसे जिले हैं जहां छह से अधिक हैं। IAS Alok Kumar ने बताया कि राज्य में सरकारी एमबीबीएस सीटों की संख्या बढ़कर 5,128 हो जाएगी और 2027 के अंत तक उत्तर प्रदेश के सभी जिलों को कम से कम एक मेडिकल कॉलेज द्वारा कवर किया जाएगा। लेकिन अभी धरातल में ये भी कुछ नज़र नहीं आएगा।
इसके अलावा मेनिफेस्टो में यह भी लिखा गया है कि मिशन जीरो के तहत डेंगू, मलेरिया, टाइफाइड, निमोनिया, जीका वायरस, जापानी बुखार मिटाने की पहल किया जा रहा है लेकिन ये पहल भी नाकाफी है। अत्यधिक लाइफ सपोर्ट सुविधा से लैस एंबुलेंस की संख्या को दुगना करने और प्रत्येक जिले में डायलिसिस सेंटर केंद्र स्थापित कर कद रोगियों को लाभ पहुंचाने की बात भी अभी कागजों पर है।
उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था है सख्त
उत्तर प्रदेश में सुशासन राज चल रहा है ऐसा तो सरकार हमेशा से कहती है, लेकिन इन सब के बीच उत्तर प्रदेश की कानून व्यवस्था (Law and Order of Uttar Pradesh) पर सवाल तब खड़े होते हैं जब हम देखते हैं बेखौफ अपराधी अपराधों को अंजाम देकर चले जाते हैं। हालांकि अपराधियों पर नकेल कसते हुए उत्तर प्रदेश सरकार ने प्रदेश में लॉ एंड ऑर्डर मेंटेन करते हुए बहुत हद तक कामयाबी हासिल की है। यूपी की योगी आदित्यनाथ सरकार ने प्रदेश की कानून-व्यवस्था को और बेहतर करने के लिए भारी भरकम बजट दिया है। इसमें पुलिस भवनों के निर्माण पर विशेष जोर होगा। इसमें करीब 2250 करोड़ खर्च किए जाएंगे। वहीं वाहनों व अन्य अत्याधुनिक उपकरणों की भी बड़ी खरीद होगी।
देश की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था वाला राज्य बना उत्तर प्रदेश Second Largest Economy
उत्तर प्रदेश देश की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था वाला राज्य बन गया है। सरकारी आंकड़ों में उत्तर प्रदेश जीडीपी में भागीदारी के मामले में तीसरे पायदान पर था। देश के जीडीपी में महाराष्ट्र की हिस्सेदारी 15.7 प्रतिशत है और वह पहले पायदान पर है। सीएम योगी के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश ने तेजी से प्रगति की है। देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में हिस्सेदारी के मामले में उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र के बाद दूसरे स्थान पर आ गया है।
उत्तर प्रदेश में इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट (Infrastructure Development in Uttar Pradesh)
उत्तर प्रदेश में इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट तो जरूर हुआ है लेकिन जिस गति से होना चाहिए वह गति अभी दूर है। आधारभूत संरचना के मामले में उत्तर प्रदेश सरकार ने अपने मेनिफेस्टो में साफ तौर पर लिखा है कि बाबूजी कल्याण सिंह ग्राम उन्नत योजना शुरू करके सभी गांव का समग्र विकास किया जाएगा, जिसके अंतर्गत प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत हर गांव को मुख्य सड़क से जोड़ा जाएगा, ड्रेनेज सिस्टम को सुदृढ़ किया जाएगा, हर एक ग्राम पंचायत में बस स्टॉप का निर्माण होगा, सड़कों पर सोलर लाइट लगाई जाएगी, हर ग्राम पंचायत शत प्रतिशत इंटरनेट कनेक्टिविटी सुनिश्चित होगी, साल 2024 तक जल जीवन मिशन के अंतर्गत प्रदेश के हर घर को नल से स्वच्छ जल उपलब्ध कराया जाएगा। लेकिन ये सब ख़याली पुलाव ही है।
The CSR Journal द्वारा जारी Uttar Pradesh ElectionReportCard का निष्कर्ष
एक आम नागरिक होने के नाते हम राजनीतिक दलों और उनके नेताओं से यही उम्मीद करते है कि वो सत्ता में आये और हमारी परेशानियों को दूर करें, हमारी जिंदगी में सकारात्मक बदलाव लेकर आये, रोजगार मिले, अच्छी जीवनशैली मिले, इंफ़्रा डेवलप्ड हो, स्वास्थ्य, शिक्षा के समान अवसर मिले। हमारे गांव, जिले, प्रदेश, देश में खुशहाली हो। हमारी इन्ही उम्मीदों को ये नेतागण बखूबी जानते है और इन्ही का फायदा उठाकर देश की राजनीतिक पार्टियां इलेक्शन मेनिफेस्टो जारी करती है और ऐसे हवाहवाई वादे करती है कि मानों सरकार जादू की छड़ी लेकर बैठी है और सत्ता पर काबिज होते ही रामराज्य आ जायेगा। लिखित इलेक्शन मेनिफेस्टो नेताओं द्वारा जारी तो कर दिया जाता है लेकिन हम कभी नहीं इन नेताओं से सवाल जवाब करते कि पिछले वादों का क्या हुआ। जिस दिन से हम इन नेताओं को जवाबदेही तय करने के लिए दबाव बनाएंगे ये सिर्फ हवा में बातें नहीं करेंगे। ऐसे में दी सीएसआर जर्नल के इस ख़ास पेशकश इलेक्शन रिपोर्ट कार्ड में हम आपको बताएंगे देश के अलग अलग राज्यों के वादों और उनकी हकीकत को।